★मुकेश सेठ★
★मुम्बई★
{इंटरनेशनल कोर्ट ने पाक पर रेको ड्रिक प्रोजेक्ट के लिए गैरकानूनी तरीके से इनकार पर ठोका5.967 बिलियन डॉलर का जुर्माना}
[कनाडा व चिली के ज्वाइंट वेन्चर तेथेयान कॉपर कम्पनी ने 2012 में आईसीएसआईडीमें किया था केस]

♂÷एक अंतरराष्ट्रीय कोर्ट की तरफ से पाकिस्तान पर 5.967 बिलियन डॉलर का जुर्माना लगाया गया है। पाक पर यह जुर्माना साल 2011 में रेको डिक प्रोजेक्ट के लिए गैरकानूनी तरीके से माइनिंग लीज से इनकार करने पर लगाया गया है। कैश क्रंच से जूझ रहे पाकिस्तान और प्रधानमंत्री इमरान खान की सरकार के लिए एक नई चुनौती और समस्या है। छह बिलियन डॉलर को अगर पाकिस्तान की मुद्रा में बदलें तो यह रकम करीब 90,000 करोड़ रुपए होती है क्योंकि पाकिस्तान में एक डॉलर की कीमत करीब 150 रुपए है।
नाजुक दौर और आर्थिक संकट का सामना कर रहे पाकिस्तान को जुर्माना चिली की माइनिंग कंपनी एंटोफागास्ता और कनाडा की बैरिक गोल्ड कॉरपोरेशन के ज्वॉइन्ट वेंचर तेथेयान कॉपर कंपनी की वजह से लगाया गया है। इन कंपनियों ने वर्ल्ड बैंक की संस्था इंटरनेशनल सेंटर फॉर सेटलमेंट ऑफ इनवेस्टमेंट डिस्प्यूट्स (आईसीएसआईडी) के समक्ष साल 2012 में केस फाइल किया था। बलूचिस्तान की सरकार की तरफ से कंपनी की ओर से आई लीजिंग रिक्वेस्ट को मानने से इनकार कर दिया गया था।
कोर्ट ने 700 पेज के फैसले में पाकिस्तान को 4.08 बिलियन डॉलर का जुर्माना और 1.87 बिलियन डॉलर का ब्याज अदा करने को कहा है। कंपनी ने कोर्ट के सामने 11.43 बिलियन डॉलर के नुकसान की बात कही। तेथेयान को एक दशक पहले रेको डिक में भारी मात्रा में खनिज संपत्ति मिली थी। पाकिस्तान की ओर से कोर्ट के फैसले पर टिप्पणी की गई,पाकिस्तान ने कहा कि वह तेथेयान कंपनी की ओर से आने वाले समझौते का स्वागत करेगा। पाक सरकार का कहना है कि वह कोर्ट के फैसले से निराश है लेकिन तेथेयान कॉपर के चेयरमैन की तरफ से जताई गई समझौते की इच्छा का स्वागत करता है।
कोर्ट का फैसला ऐसे समय में आया है जब एक माह पहले ही पाक ने आईएमएफ के साथ छह बिलियन डॉलर का एक बेलआउट पैकेज साइन किया है। आईएमएफ ने दिवालिया होने की कगार पर पहुंच चुके पाकिस्तान को बचाने के लिए इस बेलआउट पैकेज के लिए हामी भरी थी। पाक अखबार द डॉन की ओर से जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि कोर्ट का फैसला आने के बाद इमरान सरकार एक आंतरिक सर्वे कराएगी। इस सर्वे में यह पता करने की कोशिश की जाएगी कि आखिर गलती किससे और कहां हुईं। सरकार एक कमीशन तैयार करेगा जो इस पूरे मामले की जांच करेगा।
रेको डिक, ईरान और अफगानिस्तान सीमा पर स्थित चगई जिले में आने वाला छोटा सा कस्बा है। इस जगह पर सोने और तांबे की खदानें हैं और सोना संग्रह मामले में यह जगह दुनिया में पांचवें नंबर पर आती है। रेको डिक का बलूच भाषा में मतलब होता है रेत का ढेर। यह जगह ईरान-अफगानिस्तान बॉर्डर से 70 किलोमीटर दूर उत्तर-पश्चिम में स्थित नाउकुंदी में आती है।