★मुकेश सेठ★
★मुम्बई★
{कश्मीरी लोगों के साथ वहां की अर्थव्यवस्था को समर्थन देकर दिखाना चाहिए कि हम साथ हैं कहा कृपाशंकर सिंह ने}
[पूर्व गृहराज्यमंत्री ने ग्रोफ़र इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को पत्र लिख कहा कश्मीरी सेबों को ज़्यादा से ज़्यादा लोगो तक पहुँचाने के साथ कम रखे कम्पनी अपना मुनाफ़ा]
♂÷कश्मीरी सेब उत्पादकों के साथ इस समय खड़े रहने की जरूरत है जिससे उनको लगे कि सारा देश उनके साथ है,ऐसा करने से वे खुद को अधिक सुरक्षित और देश की मुख्यधारा का हिस्सा महसूस करेंगे।उक्त विचार महाराष्ट्र के पूर्व गृहराज्यमंत्री कृपाशंकर सिंह ने ग्रोफ़र इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को पत्र लिखकर व्यक्त करते हुए आगे कहा कि कम्पनी को ज्यादा से ज़्यादा कश्मीरी सेब लोगो तक पहुँचाने के साथ ही अपना मुनाफ़ा कम रखना चाहिये।
मालूम हो कि कुछ हफ़्ते पूर्व ही महाराष्ट्र ख़ासकर मुम्बई में उत्तर भारतीयों के सबसे बड़े नेता माने जाने वाले मुम्बई काँग्रेस के पूर्व अध्यक्ष व पूर्व गृहराज्यमन्त्री कृपाशंकर सिंह ने मोदी सरकार के द्वारा जम्मू कश्मीर राज्य से अनुच्छेद 370 हटाये जाने के बाद काँग्रेस द्वारा विरोध किये जाने के उपरांत काँग्रेस पार्टी से कुछ हफ़्ते पूर्व इस्तीफ़ा देकर तगड़ा झटका दिया था।उस दौरान चर्चा रही थी कि श्री सिंह जल्द ही बीजेपी में शामिल होकर विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं किन्तु कृपाशंकर सिंह ने सभी कयासों को ग़लत साबित करते हुए न तो बीजेपी में शामिल हुए न ही चुनावी मैदान में उतरे।
सरगोशियां तो यहाँ तक रही कि श्री सिंह अपने बजाय अपने सुपुत्र संजय सिंह के लिए टिकट चाह रहे थे तो चर्चा ये भी उठी की बीजेपी उनको चांदिवली सीट से पूर्वमंत्री व विधायक नसीम खान के मुकाबिल उतारने जा रही है फ़िलहाल कृपाशंकर सिंह राजनीति की सधी चाल चलने वाले माने जाते हैं आगामी दिनों में विधानसभा चुनाव के पश्चात नयी सरकार के बाद ही उनके अगले राजनीतिक ठौर के बाबत स्पष्ट हो पायेगा।
कृपाशंकर सिंह को हाल तक मुंबई और महाराष्ट्र में कांग्रेस का कद्दावर नेता माना जाता रहा, लेकिन कश्मीर में अनुच्छेद 370 के प्रावधान हटाए जाने पर कांग्रेस ने जिस तरह का स्टैंड लिया, उससे असहमति जताते हुए कृपाशंकर ने पार्टी से अलग राह पकड़ ली थी।
कृपाशंकर सिंह पूर्व में महाराष्ट्र के गृह राज्य मंत्री रहने के अलावा मुंबई कांग्रेस का अध्यक्ष पद भी संभाल चुके हैं।
महाराष्ट्र में मतदान को अब एक हफ्ते का ही वक्त बचा है ऐसे में पूर्वमंत्री कृपाशंकर सिंह ने ग्रोफर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को एक चिट्ठी लिख कश्मीरी सेबों का मुद्दा उठाया है।ये कंपनी ऑनलाइन सेबों की बिक्री करती है।
कृपाशंकर सिंह ने कंपनी को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक कश्मीरी सेब पहुंचाने और अपना मुनाफ़ा कम रखने की अपील की है। सिंह ने चिट्ठी में लिखा कि इस तरह कंपनी नए भारत के निर्माण और कश्मीरी लोगों के साथ एकजुटता दिखाने में अपना योगदान दे सकती है।
पूर्व गृहराज्यमन्त्री ने चिट्ठी की शुरुआत में खुद के 4 दशकों के सार्वजनिक जीवन का हवाला देते हुए की, साथ ही लिखा कि वे अनुच्छेद 370 और 35ए को हटाए जाने के अच्छे प्रभावों को लेकर जागरूकता बढ़ाने में लगे हैं।
चिट्ठी में कहा गया है कि देश में जितना भी सेब का उत्पादन होता है उसमें से 70% कश्मीर से आता है,सेब का कश्मीर की अर्थव्यवस्था में सालाना 1200 करोड़ रुपये का योगदान रहता है।
कृपाशंकर सिंह ने अनुच्छेद 370, 35ए हटाने को जहां ऐतिहासिक और गौरवशाली कदम बताया, वहीं साथ ही कहा कि ‘कश्मीर में बाज़ार बंद रहने से वहां के व्यापार पर बुरा असर पड़ा है। ऐसे में जहां सरकार की ओर से जम्मू और कश्मीर में सेब उत्पादकों को सेब के उचित दाम दिलाए जाने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं, ऐसे में हम सब को भी कश्मीरी लोगों, वहां की अर्थव्यवस्था को समर्थन देकर ये दिखाना चाहिए कि हम उनके साथ हैं,ऐसा करने से वे खुद को अधिक सुरक्षित और देश की मुख्यधारा का हिस्सा समझेंगे।
महाराष्ट्र में मतदान से ठीक पहले कृपाशंकर सिंह की कश्मीरी सेब पर सियासत’ को लेकर भविष्य में उनकी राजनीतिक लाइन को लेकर सियासी गलियारों में कयास लगाए जा रहे हैं।