★मुकेश सेठ★
★मुम्बई★
[साहसी व्यक्तिव के लिए जाना जाता है ठाकरे को,उन्होंने समाज व राजनीति को एक दिशा दी कहा शरद पवार ने]
{फडणवीस,उद्धव,भुजबल,पाटिल,राउत,मुंडे,जगताप आदि नेताओं ने शिवतीर्थ पहुँच अर्पित किए श्रद्धासुमन दिन भर लगा रहा शिवसैनिकों का तांता}
[फडणवीस को देख शिवसैनिकों ने लगाए नारे तो राउत ने फिर दोहराया शिवसैनिक ही बनेगा मुख्यमंत्री]
♂÷पहली बार कांग्रेस व राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने रविवार को शिवसेना के संस्थापक दिवंगत बाल ठाकरे की 7वीं पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि दी और बाद में भाजपा नेताओं ने भी श्रद्धांजलि दी।महाराष्ट्र भर से आए हजारों शिव सैनिकों ने पंक्तिबद्ध होकर ‘शिवतीर्थ’ पर अपने करिश्माई व फायरब्रांड नेता बाल ठाकरे को श्रद्धांजलि दी। ठाकरे का 2012 में इसी दिन निधन हो गया था।
एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल, पूर्व उप मुख्यमंत्री छगन भुजबल और जितेंद्र अव्हाद भी शिवाजी पार्क पहुंचे, जहां ‘शिवतीर्थ’ स्थित है और श्रद्धांजलि अर्पित की।दिवंगत नेता के पूर्व में करीबी रहे छगन भुजबल भावुक दिखाई दिए और उन्होंने दिवंगत ठाकरे के साथ बिताए गए दिनों को याद किया।
राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने भी नेता को श्रद्धांजलि अर्पित की। पवार पुणे में थे उन्होंने कहा कि ठाकरे को उनके साहसी व्यक्तित्व के लिए जाना-जाता है, जिसके जरिए उन्होंने समाज व राजनीति को एक दिशा दी।
भाई जगताप सहित कांग्रेस नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी और महाराष्ट्र के लोगों व राज्य के लिए उनकी सेवाओं को याद किया।
इसके बाद शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे, उनकी पत्नी रश्मि, परिवार के दूसरे सदस्य व पार्टी के शीर्ष नेताओं ने शिवाजी पार्क जाकर, उन्हें पुष्पांजलि अर्पित कर दिवंगत ठाकरे की प्रतिमा के समक्ष नमन किया। इसके कुछ समय बाद पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उनके पूर्व मंत्रिमंडलीय सहयोगी विनोद तावड़े व पंकजा मुंडे ने भी पुष्पांजलि अर्पित की। वे शिवतीर्थ प्रतिमा के अंदर नहीं गए, जहां शिवसेना नेता व अध्यक्ष उद्धव ठाकरे मौजूद थे। फडणवीस व दूसरे नेता श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद जल्द ही वहां से चले गए।
फडणवीस के आने व जाने के दौरान शिवसैनिकों ने उनके विरोध में नारे लगाये।
उधर इस मौके पर शिवसेना सांसद संजय राउत ने एक बार फ़िर दोहराया कि बाला साहब को दिए गए वचन के अनुसार महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री एक शिवसैनिक ही बनेगा।
सरकार गठन में सहयोगी बनने जा रहे कांग्रेस के बड़े नामों द्वारा शिवसेना संस्थापक के लिए श्रद्धासुमन अर्पित करने शिवतीर्थ न पहुँचने की लोगों में चर्चा रही।
गौरतलब है कि कांग्रेस-राकांपा व शिवसेना वर्तमान में राज्य में सरकार बनाने से पहले अपने गठबंधन को अंतिम रूप देने में जुटे हैं और 19 नवम्बर को दिल्ली में काँग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गाँधी व एनसीपी प्रमुख शरद पवार के बीच अहम बैठक होने वाली है जिसमें साझा सरकार के मुद्दों,मंत्रीपद के बंटवारे से लेकर तमाम शंकाओं आशंकाओं को दूर करने का प्रयास होगा।
अभी तक यही माना जा रहा है कि श्रीमती गांधी शिवसेना के नेतृत्व में सरकार में शामिल होने को लेकर असहज है क्योंकि शिवसेना कट्टर हिंदुत्व के मुद्दे पर आधारित राजनीति करती है और कांग्रेस एक सेक्युलर विचारधारा के लिए प्रतिबद्ध पार्टी है।
शिवसेना को समर्थन देने पर कई प्रदेश की इकाइयों ने भी इस पर सवाल उठाया है।