(मुकेश सेठ)
(मुंबई)
सीएम द्वारा गठित हाई पॉवर कमेटी अध्यक्ष रजनीश दूबे, कमिशनर,डीएम, तीनों प्राधिकरण के सीईओ के साथ किसान नेताओं ने रखे अपने मुद्दे
मुख्यमंत्री की तरफ से गठित उच्चाधिकार प्राप्त समिति के साथ आज बृहस्पतिवार को आपने तमाम मुद्दों को लेकर काफ़ी दिनों से आंदोलित किसान संगठनों के नेताओं के साथ विस्तृत वार्ता की।
अखिल भारतीय किसान सभा, भारतीय किसान परिषद, जय जवान जय किसान संगठन ने मुख्यमंत्री द्वारा गठित कमेटी जिसके अध्यक्ष राजस्व परिषद के अध्यक्ष रजनीश दुबे, सदस्य मंडल आयुक्त मेरठ, डीएम गौतम बुध नगर है के साथ-साथ तीनों प्राधिकरणों के सीईओ के समक्ष किसानों के मसले विस्तार से रखें।
किसान सभा की ओर से समिति को अवगत कराया गया कि तीनों संगठन के अनवरत आंदोलन के परिणाम में मुख्यमंत्री ने इस समिति का गठन किया है ,समिति को शासन स्तर के मसलों पर अपनी आख्या मुख्यमंत्री को देनी है।
किसान सभा की ओर से किसानों का पक्ष डॉक्टर रुपेश वर्मा जिला अध्यक्ष किसान सभा ने रखते हुए कहा कि किसानों को 10% प्लाट का मुद्दा गजराज सिंह के आदेश में तय हो चुका है ,आदेश के अनुसार रिट याचिकाओं में आच्छादित किसानों को अनिवार्य तौर पर 10% प्लाट मिलना था एवं अन्य प्रभावित किसानों को प्राधिकरण के विवेक अनुसार अतिरिक्त मुआवजे और 10% प्लाट का लाभ दिया जाना था। प्राधिकरण ने ठाकुर जयवीर सिंह की कमेटी के सभी किसानों को अतिरिक्त मुआवजा और 10% प्लाट देने की सिफारिश में से अतिरिक्त मुआवजे की सिफारिश को अपनाते हुए सभी प्रभावित किसानों को मुआवजा वितरण कर दिया परंतु 10% आबादी को अभी तक नहीं दिया गया।
उन्होने आगे जानकारी दी कि इसके संबंध में किसान सभा ने वर्ष 2023 में 124 दिन लगातार आंदोलन किया और परिणाम स्वरूप ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने 10% का प्रस्ताव पारित कर शासन को संदर्भित किया भी था।आंदोलन के दूसरे चरण में उक्त कमेटी गठित की गई है जिसकी सिफारिश के आधार पर शासन 10% प्लाट के प्रस्ताव पर फैसला लेगा।
ज़िला अध्यक्ष ने बताया कि दूसरा मुद्दा नए भूमि अधिग्रहण कानून के संबंध में रखा गया जिसमें समिति को अवगत कराया गया कि कानून का उल्लंघन करते हुए 2014 से अभी तक सर्किल रेट मैं रिवीजन नहीं हुआ है ग्राम सभाएं जानबूझकर खत्म की गई हैं ,कानून के अनुसार 20% प्लाट के नियम का उल्लंघन हुआ है।अधिग्रहण से प्रभावित हर परिवार को नौकरी देने के नियम का भी उल्लंघन हुआ है अतः समिति से निवेदन है कि नए कानून का पालन करते हुए नए कानून को प्राधिकरण स्तर पर लागू कराया जाए।
डॉ.रुपेश वर्मा ने बताया कि तीसरे मुद्दे के अंतर्गत प्राधिकरण में अधिग्रहण से प्रभावित किसानों को दिए जाने वाले न्यूनतम 120 वर्ग मीटर प्लाट साइज को कम करते हुए 40 वर्ग मीटर और बाद में 117 वीं बोर्ड बैठक में 40 वर्ग मीटर को भी समाप्त करने का मुद्दा उठाया।मुद्दे के अंतर्गत समिति को अवगत कराया गया कि 3 सितंबर 2010 के शासनादेश के अंतर्गत न्यूनतम 120 वर्ग मीटर का प्लाट दिया जाना अनिवार्य है साथ ही अवगत कराया गया कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की 56वीं बोर्ड बैठक में 120 वर्ग मीटर के न्यूनतम साइज के प्लाट की नीति को पुनः बहाल किया जाए। चौथे मुद्दे के अंतर्गत रोजगार का मसला रखा गया जिसमें अवगत कराया गया कि प्रत्येक अधिग्रहण प्रभावित परिवार को 3 सितंबर 2010 के शासनादेश के अनुसार रोजगार देना अनिवार्य है।प्राधिकरण ने अभी तक इसके संबंध में कोई नीति नहीं बनाई है,पांचवें मुद्दे में पुश्तैनी गैर पुश्तैनी के संबंध में रमेश चंद शर्मा के सुप्रीम कोर्ट के आदेश जिसमें पुश्तैनी,गैर पुश्तैनी के अंतर को खत्म करने के आदेश दिए गए हैं को प्राधिकरण बोर्ड में अपनाये जाने के बारे में रखा गया।
किसान नेता ने बताया कि इसी तरह किसान परिषद ने 10% प्लाट दिए जाने, अतिक्रमण के अंतर्गत किसानों द्वारा अतिक्रमित संपत्तियों के सम्मुख प्लाट नहीं दिए जाने के नोएडा प्राधिकरण के कार्यालय आदेश को संशोधित किया जाए। अधिग्रहित भूमि एवं कब्जा प्राप्त भूमि के अनुपात में तुरंत प्लाटों के आवंटन किए जाएं।
जय जवान जय किसान संगठन के नेता सुनील फौजी ने डीएमआईसी डीएफसी में नये भूमि अधिग्रहण कानून को लागू किए जाने की मांग रखी है।किसान सभा की ओर से किसान सभा के संयोजक वीर सिंह नागर, महासचिव जगबीर नंबरदार, जिला उपाध्यक्ष गवरी मुखिया, जिला सचिव बिजेंद्र नागर, जिला उपाध्यक्ष अजब सिंह नेताजी, जिला सचिव सुरेश यादव, जिला सचिव निशांत रावल, कोषाध्यक्ष अजय पाल भाटी, सुधीर रावल, किसान परिषद की ओर से सुखबीर खलीफा, उदल आर्य, सचिन एडवोकेट आदि उपस्थित रहे।