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बेटे ख्यान के साथ रोजी का फाइल फोटो।
स्टोन क्रशर संचालक की पत्नी रोजी की हत्या में नौकर का कबूलनामासर्वेंट क्वार्टर के बाथरूम में खून के धब्बे देख हुआ शक, आरोपी की उंगली पर रोजी के दांतों के निशान मिले
यमुनानगर. हरियाणा के यमुनानगर में एक नौकर ने दो रोटी के लिए अपनी मालकिन की चाकू से गला रेतकर हत्या कर दी। पुलिस ने इस बात का खुलासा शुक्रवार को किया। उसने पूछताछ में पुलिस को बताया कि उसे सात रोटी की भूख होती थी, लेकिन मालकिन पांच रोटी ही देती थी, जिससे वह भूखा रह जाता था।
डीएसपी प्रदीप राणा ने बताया, “नौकर राजेश पासवान ने 26 साल की रोजी की हत्या कर दी। रोजी के पति दीपांशु स्टोन क्रशर संचालक हैं।शनिवार को आरोपी को कोर्ट में पेश कर पुलिस रिमांड पर भेजा जाएगा। पुलिस इस एंगल से भी जांच कर रही है कि कहीं रेप के बाद हत्या तो नहीं की गई। पोस्टमाॅर्टम के दौरान इसकी पुष्टि के लिए सैंपल लिए गए हैं। आरोपी के डीएनए सैंपल भी लिए जाएंगे।” हालांकि,आरोपी राजेश से जब पुलिस ने इस एंगल से पूछताछ की तो उसने कान पकड़ कर कहा- राम-राम-राम।
अपने हिस्से की एक रोटी कुत्ते को देनी होती थी : पूछताछ में राजेश ने पुलिस को बताया- ‘मालिक दीपांशु की शादी से पहले मैं ही खाना बनाता था। तब जो चाहे खाता था। पिछले साल शादी के बाद मालकिन ने मुझसे खाना बनवाना बंद कर दिया। वह साफ-सफाई और कपड़े धोने का काम कराने लगी। मुझे 7-8 रोटी की भूख लगती थी, लेकिन मालकिन 5 रोटी से ज्यादा नहीं देती थी। मैंने कई बार उनसे कहा भी कि मेरी भूख नहीं मिटती। मार्च में मेरे पिता का देहांत हो गया। मैं घर बिहार गया था। वहां से आया तो अपने हिस्से से एक रोटी कुत्ते को भी देनी होती थी।”
भूख लगी थी, मालकिन ने मना किया तो गला रेत दिया
- राजेश ने बताया, “गुरुवार को मुझे बहुत तेज भूख लगी थी। लेकिन मालकिन ने कहा- दीपांशु के आने पर ही खाना बनेगा। इस बात पर मुझे इतना गुस्सा आया कि किचन से चाकू उठाया और उनके बिस्तर पर ही उनका गला रेत दिया। मालकिन ने बचने की कोशिश भी की। मालकिन ने मेरे हाथ को दांत से काटा, लेकिन मैंने छुड़ा लिया। मैं करीब 5 मिनट तक गर्दन पर चाकू चलाता रहा।”
- “हत्या के बाद चाकू को किचन में धोकर छिपा दिया। कमरे पर जाने लगा। गेट नहीं खुला तो छोटे गेट से कूदकर बाहर गया। वहां पर जाकर खून से लगे कपड़ों को धोया। करीब पौने दो बजे मालिक के मोबाइल फोन कर कहानी बनाई कि मालकिन गेट नहीं खोल रहीं। मैं डर गया था, लेकिन पता था कि कहीं भागा तो कहीं न कहीं से पकड़ा जाऊंगा। घर पर ही रहूंगा तो शायद कोई शक नहीं करेगा, यही सोचकर नहीं भागा।”
- “जब पिता की मौत पर मैं घर गया था तो मालिक को फोन कर 30 हजार रुपए खाते में डलवाने को कहा था, लेकिन उन्होंने मना कर दिया था। उस वक्त भी मुझे गुस्सा आया था।”

डीजीपी के भाई और बिलासपुर डीएसपी के पास भी कर चुका काम
आरोपी राजेश कई साल से यमुनानगर में रह रहा है। वह इससे पहले बिलासपुर के तत्कालीन डीएसपी के पास भी काम कर चुका है। वहीं, डीजीपी के भाई के पास भी वह रह चुका है। डीजीपी रहे केपी सिंह के भाई आदर्शपाल ने उसे इसलिए नौकरी से निकाल दिया था कि वह सुस्त था।