★मुकेश सेठ★
◆मुम्बई◆
{सपा ने अपनी प्रत्याशी शालिनी को हटाकर तेजबहादुर को बनाया था प्रत्याशी,अब अखिलेश ने पुनः शालिनी को बनाया पार्टी प्रत्याशी}
[बीजेपी प्रत्याशी व प्रधानमंत्री मोदी के ख़िलाफ़ कॉंग्रेस ने उतारा है दूसरी बार अजय राय को चुनावी मैदान में]
(2014 के लोकसभा चुनाव में आप उम्मीदवार रहे आपअध्यक्ष अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली से आ ठोकी थी मोदी के विरुद्ध ताल)
♂÷वाराणसी लोकसभा सीट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ सपा प्रत्याशी के तौर पर नामांकन करने वाले बीएसएफ के बर्खास्त सिपाही तेज बहादुर यादव के लोकसभा चुनाव लड़ने के सपने पर वज्रपात हो गया है।
निर्वाचन अधिकारी द्वारा जारी किए गए दो नोटिसों का जवाब देने बुधवार दोपहर 11 बजे तेज बहादुर यादव अपने वकील के साथ आरओ से मिलने पहुंचे।
जिसके बाद निर्वाचन अधिकारी तेज बहादुर यादव के नामांकन पत्र को खारिज कर दिया।
अब शालिनी यादव समाजवादी पार्टी की तरफ से चुनावी मैदान में भारतीय जनता पार्टी प्रत्याशी व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को टक्कर देंगी। नामांकन पत्र के नोटिस के जवाब देने के दौरान तेज बहादुर के समर्थकों और पुलिस के बीच जमकर नोकझोंक हुई, जिसके बाद पुलिस ने समर्थकों को कचहरी परिसर से बाहर कर दिया।
मंगलवार को नामांकन पत्रों की जांच में बीएसएफ से बर्खास्त किए जाने के संबंध में दो नामांकन पत्रों में अलग-अलग जानकारी सामने आने के बाद उन्हें नोटिस दिया गया था। प्रेक्षक प्रवीण कुमार की मौजूदगी में नामांकन पत्रों की जांच शुरू हुई।
जांच के दौरान जिला निर्वाचन अधिकारी सुरेंद्र सिंह द्वारा यादव को बीएसएफ से बर्खास्तगी के संबंध में दो नामांकन पत्रों में अलग-अलग जानकारी देने पर नोटिस देकर 24 घंटे में बीएसएफ से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेकर प्रस्तुत करने को कहा गया था।
तेज बहादुर को कहा गया है कि बीएसएफ से प्रमाणपत्र लेकर आएं, जिसमें यह स्पष्ट हो कि उन्हें नौकरी से किस वजह से बर्खास्त किया गया। जांच में पाया गया कि यादव ने पहले नामांकन में ‘भारत सरकार या राज्य सरकार के अधीन पद धारण करने के दौरान भ्रष्टाचार या अभक्ति के कारण पदच्युत किया गया’ के सवाल पर हां में जवाब दिया और विवरण में 19 अप्रैल, 2017 लिखा है।
दूसरे नामांकन में शपथ पत्र प्रस्तुत कर पहले नामांकन में गलती से हां लिख दिया गया, बताया है। शपथ पत्र में बताया कि तेज बहादुर यादव सिंह पुत्र शेर सिंह को 19 अप्रैल, 2017 को बर्खास्त किया गया, मगर भारत सरकार व राज्य सरकार द्वारा पद धारण के दौरान भ्रष्टाचार एवं अभक्ति के कारण पदच्युत नहीं किया गया है।
मालूम हो कि गत 2014 के लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने 5 सौ की नोट को दिखा कहा था कि किसी की जनता उनको नोट-वोट दोनों देंगी।
उस बार भी कांग्रेस ने अपने पिण्डरा विधायक रहे अजय राय को लड़ाया किन्तु राय बुरी तरह से हारकर काँग्रेस की किरकिरी कर बैठे थे।
एक बार फिर काँग्रेस ने पूर्व विधायक अजय राय को मोदी के सामने चुनावी अखाड़े में उतारा है।