★मुकेश सेठ★
★मुम्बई★
{इजरायल और फिलिस्तीन के बीच 10 दिनों से जारी भीषण संघर्ष के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने किया फ़ैसला}
[बाइडेन की पार्टी के कई सांसद इस हथियार बिक्री का कर रहे विरोध, यूएन में भी अमेरिका ने इजराइल के पक्ष में लिया है स्टैंड]
(10 दिनों से जारी संघर्ष में दोनों पक्षों से अब तक 250 से ज्यादे लोगों की हो चुकी है मौत और सैकड़ो है ज़ख्मी)
♂÷अमेरिका ने इजरायल को भारी संख्या में हथियार देने का फैसला किया है। जिसके बाद माना जा रहा है कि इजरायल और अरब देशों के बीच का तनाव और ज्यादा बढ़ सकता है। पिछले 10 दिनों से इजरायल और फिलिस्तीन के बीच जंग का माहौल बना हुआ है और अब तक करीब 250 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।इसी बीच अमेरिका ने इजरायल को हथियार देने के फैसले पर मुहर लगा दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका इजरायल को करीब 5500 करोड़ रुपये के हथियार फौरन देगा।
रिपोर्ट के मुताबिक इजरायल और अमेरिका के बीच रक्षा समझौते पर अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने मुहर लगा दी है। दोनों देशों के बीच 73.5 करोड़ डॉलर यानि करीब 5 हजार 400 करोड़ रुपये का रक्षा सौदा किया गया है। लेकिन, अमेरिका के अंदर ही इस बिल को लेकर बवाल मच गया है। इस रक्षा सौदे का विरोध कई अमेरिकी सांसदों ने किया है, जिनमें ज्यादातर जो बाइडेन की पार्टी के ही हैं। दरअसल, इस वक्त जो बाइडेन की पार्टी के कई ऐसे सांसद हैं, जिन्होंने अमेरिका के इजरायल को समर्थन देने पर भी आपत्ति जताई थी। बाइडेन प्रशासन लगातार इजरायल के साथ खड़ा है। इतना ही नहीं, अमेरिका लगातार चीन पर इजरायल के खिलाफ यूएन में लाए गये प्रस्ताव को रोक चुका है। ऐसे में कई सांसदों ने जो बाइडेन के नेतृत्व पर सवाल खड़े किए हैं। वहीं, अमेरिका में इजरायल को समर्थन दिए जाने के नाम पर हो रहे विरोध ने अंतर्राष्ट्रीय मामलों के जानकारों का चौंका दिया है, क्योंकि इजरायल के मुद्दे पर अमेरिका की दोनों पार्टियों के सांसद एक सुर में अब तक बोलते आए हैं।
वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका की सरकार ने इस रक्षा सौदा समझौते को लेकर 5 मई में को अमेरिकी संसद को जानकारी दी थी, वहीं हथियारों की बिक्री को लेकर संसद को अप्रैल में सूचित किया गया था, लेकिन अब जाकर कुछ सांसदों ने हथियार समझौते पर सवाल खड़े किए हैं। अमेरिकी संसद को किसी रक्षा समझौते पर सवाल उठाने के लिए 15 दिनों का समय मिलता है लेकिन अब भी ज्यादातर रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक सांसद इजरायल के पक्ष में ही हैं। लेकिन, अमेरिका-इजरायल रक्षा सौदे ने इस जंग में घी डालने का काम जरूर किया है और फिलिस्तीन के लिए ये बहुत बड़ा झटका माना जा रहा है। अमेरिका ने ये हथियार इजरायल को उस वक्त देने के फैसला किया है, जब दोनों देश युद्ध के मैदान में खड़े हैं।
वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक जो बाइडेन की पार्टी के ही कई सांसदों ने हथियार सौदे के खिलाफ कहा कि ‘बिना संघर्ष विराम किए हुए इजरायल को हथियार देने का फैसला बिल्कुल गलत है।’ वहीं, अमेरिकी सीनेट में विदेश मामलों की सीनेट ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि ‘इजरायल ने गाजा में मीडिया दफ्तर को निशाना बनाया है, जिसमें एक अमेरिकी समाचार एजेंसी भी शामिल थी। इजरायली सेना के हमले में कई बेगुनाहों की जान गई है’। वहीं जो बाइडेन की पार्टी के एक सांसद ने कहा कि ‘बिना संघर्ष विराम के इजरायल के हाथ में हथियार देने का मतलब ये है कि इजरायल फिलिस्तीन में नरसंहार को अंजाम दे सकता है।’ एक डेमोक्रेटिक सांसद मे कहा कि ‘बिना संघर्ष विराम के इजरायल को स्मार्ट बम दे देना, हथियार रक्षा समझौता कर लेना काफी खतरनाक है। बिना सीजफायर के इजरायल के हाथों में हथियार देने का मतलब है नरसंहार को बढ़ावा देना’
वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका कई घातक हथियार इजरायल को देने वाला है। रक्षा सौदे के मुताबिक ज्वाइंट डायरेक्ट अटैक म्यूनिशन यानि जेडीएएमएस में बेहद सटीक तरह से पिन प्वाइंट को टार्गेट करने वाले बम शामिल हैं। ये बम एक तरह से मिसाइल का काम करते हैं। इससे पहले भी इजरायल अमेरिका से ऐसे बम खरीद चुका है। इस रक्षा सौदे में अमेरिका इजरायल को बोइंग हथियार भी उपलब्ध करवाएगा। वहीं, इजरायल की तरफ से कहा गया है कि वो अमेरिका से स्मार्ट बम इसलिए खरीद रहा है ताकि फिलिस्तीनियों से इजरायली नागरिकों की रक्षा की जा सके। इजरायल ने कहा है कि ‘आतंकी संगठन हमास गाजा पट्टी में आम नागरिकों को ढाल की तरह इस्तेमाल कर रहा है।
जो बाइडेन से पहले अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के ताल्लुकात सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात से काफी अच्छे थे और डोनाल्ड ट्रंप सऊदी अरब और यूएई को हथियार देने के लिए राजी हो गये थे। जिसका विरोध डेमोक्रेटिक सांसदों ने काफी ज्यादा किया था और जब अमेरिका में जो बाइडेन सत्ता में आए तो उन्होंने सऊदी अरब और यूएई को हथियार देने पर अस्थाई रोक लगा दी। लेकिन जो बाइडेन की पार्टी के ही कुछ सांसदों का कहना है कि जब मिडिल ईस्ट के देशों को हथियार देने पर अस्थाई रोक लगाई गई है तो फिर इजरायल को अचानक हथियार क्यों दिए जा रहे हैं। लिहाजा, कई सांसदों का मानना है कि उनकी डेमोक्रेटिक पार्टी के रूख में बदलाव आ रहा है। वहीं, एक रिपोर्ट के मुताबिक इजरायल को अमेरिका हथियार देने वाले इस डील के बार में कई सांसद 14 मई को जान पाए हैं, जिसको लेकर सांसदों में काफी हैरानी है। जो बाइडेन की पार्टी के एक सांसद का कहना है कि ‘हम अपने आप को सौभाग्यशाली मानते हैं कि आखिरकार हमें इस रक्षा सौदे के बारे में खबर तो लगी।
सीनेट में जो बाइडेन की पार्टी के एक सीनेटर का कहना है कि ‘हां पार्टी के रूख में इजरायल को लेकर काफी बदलाव आया है। हम हर मुद्दे पर इजरायल का समर्थन कर रहे हैं। इस बात की की उम्मीद काफी कम है कि इजरायल के साथ ये रक्षा सौदा रद्द किया जाएगा।’ वहीं, माना जा रहा है कि इजरायल के साथ रक्षा समझौते को लेकर डेमोक्रेटिक पार्टी में मतभेद और ज्यादा गहरा सकता है। डेमोक्रेडिट पार्टी के अंदर एक गुट ऐसा भी है तो खुले तौर पर इजरायल का समर्थन करता है और इस गुट के सीनेटर्स ने साफ तौर पर कहा है कि इजरायल को अपनी रक्षा करनेका पूर्ण अधिकार है। लेकिन कई ऐसे सांसद भी हैं, जो इजरायल का समर्थन करते हुए भी फिलिस्तीनियों को लेकर इजरायल के वर्तमान रूख से नाराज हैं।