★मुकेश शर्मा★
★ग्वालियर(मध्यप्रदेश)★
[मुख्यमंत्री कमलनाथ जी स्वयम करा रहे अपने स्तर से जाँच,नही बचेगे घोटालेबाज=कैबिनेट मिनिस्टर]
{सहकारी बैंक और सोसायटियों में अनियमितताओं की जांच के बाद भ्रष्टाचारी जाएंगे जेल कहा सहकारिता मन्त्री ने}
[घोटाले कर बैंक बैलेंस और प्रोपर्टी बनाने वालों के नाम आ चूके है मेरे पास होगी कड़ी कार्रवाई जताए इरादे मन्त्री ने]
♂÷सहकारिता विभाग से जुड़े सहकारी बैंक, सोसायटियों, किसान ऋिण माफी, केसीसी, राहत राशि, अवैध नियुक्ति आदि सभी मामलों में लोकसभा चुनाव की आचार संहिता हटने के साथ ही जांच का दौर तेज हो जाएगा, दोषी पाए जाने पर अविलम्ब कार्यवाही की जाएगी ! घपले -घोटाले, भ्रष्टाचार करने वाले अफसर, कर्मचारी , नेता या जो भी घोटालों में शामिल पाया जाएगा उसे जेल भेजा जाएगा ! यह बात मध्यप्रदेश शासन के सहकारिता मंत्री गोविन्द सिंह जी ने एक न्यूज चैनल के माध्यम से कही है !

सहकारिता मंत्री गोविन्द सिंह ने बताया कि पिछले दस वर्षों से सियासी हुकूमत के शासन में सहकारी बैंक के अधिकारियों ने कुछ नेताओं के साथ मिलकर सहकारी बैंक और सोसायटियों को गर्त में पहुंचा दिया है , बैंकों की वित्तीय स्थिति खराब हो चुकी है, अवैध नियुक्तियां की गईं हैं ! एसे कई घोटाला करने वालों की जानकारी और घोटाला कर बैंक बेलेंस बनाने और सम्पत्ति अर्जित करने वालों के नाम हमारे पास आ चुके है , जिसकी जांच स्वयं मुख्यमंत्री कमलनाथ जी अपने स्तर पर करा रहे हैं ! जांच पूरी होने पर भ्रष्टाचारियों को तुरंत जेल भेजा जाएगा ! मध्यप्रदेश में लगभग आधा दर्जन से अधिक जिलों में सहकारी बैंकों की रिपोर्ट बहुत ही चिंता जनक है ! जिनमें बड़े पैमाने पर सहकारी बैंक के अफसर, कर्मचारियों ने नेताओं के साथ मिलकर घोटाले किये हैं ! उन सभी पर जांच के बाद कड़ी कार्यवाही की जाएगी और आरोप सिद्ध होने पर जेल भेजा जाएगा ! लोकसभा निर्वाचन के शुरूआती दौर में केन्द्र में बैठी सरकार ने मध्यप्रदेश शासन को बदनाम करने की नीयत से जो काम किया है वो गलत है जिसका जवाब जल्द दिया जाएगा ! पिछले दस वर्षों के कार्यकाल में भ्रष्टाचार चरम पर पहुंच चुका है, भ्रष्टाचार के इस बिषैले सांप को खत्म कर ईमानदारी से काम किया जाएगा !
सहकारी बैंक मुरैना में कैसे होती है नई भर्ती !

सहकारी बैंक मुरैना में वैसे तो भर्ती प्रक्रिया का तरीका वर्ष 2010 – 11 से देखने की जरूरत है जिस समय तत्कालीन कलैक्टर एम.के. अग्रवाल एवं बैक प्रबंधन ने शासन के नियमानुसार विभागीय आदेशों का पालन करते हुए बिज्ञप्ति निकालकर आवेदन कार्यवाही, लिखित परीक्षा, मौखिक परीक्षा, टाइपिंग, कम्प्यूटर परीक्षा आदि कार्यवाहियां पूरी की गईं लगभग 50 रिक्तियां पूर्ण की गईं लेकिन सूत्र बताते हैं कि इन 50 नियुक्तियों में करोड़ों का लेन-देन हुआ था जिसका बंदरबांट भोपाल में बैठे अफसरों तक हुआ था ! बस आज तक वही बंदरबांट वाले सम्बन्ध काम आ रहे हैं मगर हम इस बात की पुष्टि नहीं करते हैं ! इसके कुछ समय बाद तत्काल प्रभाव से नियुक्तियों का काफी रिकॉर्ड तबाह कर दिया गया जिससे अवैध नियुक्तियां वैध दर्शाई जा सकें ! इस मामले में भी प्रदेश की राजधानी में बैठे नेताओं के दवाब और प्रभाव से अफसरों ने भी भरपूर मदद की थी, नई भर्ती के लिये आपके पास 4 से 5 लाख रुपये होना चाहिये बांकी औपचारिकताएं मैनेजमेंट पूरी कर लेता है !ऐसा सूत्र बताते हैं !