★मुकेश सेठ★
★मुम्बई★
[राजस्व विभाग की शिकायत के आधार पर आजम खान के खिलाफ दर्ज़ होंगे 26 अलग-अलग मामले बताया एसपी अजयपाल ने]
{सपा सांसद आजम खान के ऊपर फ़र्ज़ी दस्तावेजों के आधार पर मौलाना अली जौहर विश्वविद्यालय के लिए किसानों की अरबों की ज़मीन हड़पने का है आरोप}

[अखिलेश सरकार के दौरान मन्त्री रहे आजम खान ने कोसी नदी के किनारे 5000 हेक्टेयर से अधिक भूमि कब्जाने में भी किया था मन्त्री पद का दुरुपयोग]
(2004 में मुलायम सरकार के दौरान मन्त्री रहे आजम खान ने जौहर विश्विद्यालय की परिकल्पना की व 2012 में अखिलेश सरकार मे मन्त्री रहते हुए निर्माण)

{राज्यपाल राम नाईक के विरोध के बाद भी तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने जौहर विश्वविद्यालय का आजीवन कुलाधिपति बनाया था मन्त्री रहते आजम खान को}
[विधानसभा उपचुनाव के पूर्व आजम खान के विरुद्ध किछापामार कार्रवाई व दर्ज़ हो रहे मुकदमे के चलते समर्थकों में बेचैनी तो विरोधी है बमबम]

♂÷समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता और रामपुर से सांसद आजम खान की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं।मुलायम सिंह यादव सरकार रही हो या फ़िर अखिलेश यादव की आजम खान ने जो चाहा किया व मुख्यमंत्री से भी करवाते रहे है, अब उनकी क़ानूनविरुद्ध कारगुजारियों ने उनके लिए आने वालों दिनों में खासी मुसीबत खड़ी कर दी है।सांसद व पूर्व मंत्री आजम खान की हैसियत सपा सरकारों में इसी से समझी जा सकती है कि अखिलेश सरकार में जब उनकी भैंस ग़ायब हुई थी तो कई जिलों के आला अफसरों ने अभियान के माफिक आजम खान की गुमशुदा भैंस खोजने के लिए दिन रात एक कर दिए थे जनता की जानमाल की हिफाज़त को छोड़कर।
जानकारी के मुताबिक अब मौलाना मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय मामले में आजम खान पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। दरअसल अपने विवादित बयानों के लिए मशहूर सांसद व सपा के कद्दावर नेता आजम खान अब किसानों की जमीन पर जबरन कब्जा करने के मामले में फंस गए हैं।
आरोप है कि आजम खान ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर अपने करीबी पूर्व क्षेत्राधिकारी (सीओ) आले हसन खान के साथ मिलकर मौलाना अली जौहर विश्वविद्यालय के लिए कई सौ करोड़ रुपये कीमत की जमीनें हड़प लीं है। गौरतलब है कि इस संबंध में रामपुर के अजीमनगर थाने में आपराधिक मुकदमा दर्ज किया गया है। बड़ा सवाल अब ये है कि क्या रामपुर एसपी डॉ अजय पाल शर्मा सांसद आजम खान को अरेस्ट कर जेल भेजनें का बूता रखते हैं।
दरअसल आजम खान समाजवादी पार्टी के प्रमुख मुस्लिम चेहरे है व उनके पास इस समुदाय का बड़ा जन समर्थन हैं, ऐसे में अगर आजम खान को गिरफ्तार किया जाता है तो परेशानी खड़ी हो सकती है।
आरोप है कि सपा के वरिष्ठ नेता और रामपुर से सांसद आजम खां ने जमीन पर ‘जबरन कब्जा’ करने से पहले दो दर्जन से ज्यादा किसानों को गैरकानूनी तरीके से हिरासत में रखवाया और कई दिनों तक उन्हें प्रताड़ित किया।बता दें कि रामपुर के अजीम नगर थाने में आजम खान के खिलाफ दर्ज आपराधिक मुकदमे के मुताबिक, आजम खां और उनके निकट सहयोगी पूर्व पुलिस उपाधीक्षक आलेहसन खान ने कथित रूप से फर्जी दस्तावेज के आधार पर सपा नेता की करोड़ों की निजी परियोजना ‘मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी’ के लिए कई सौ करोड़ रुपये से अधिक की जमीन को कब्जाने में मदद दी।
रामपुर के पुलिस अधीक्षक अजय पाल शर्मा के मुताबिक, ‘छब्बीस किसानों ने आरोप लगाया है कि आजम खां और आलेहसन ने अवैध रूप से उन्हें हिरासत में लिया और उनकी कई हजार हेक्टेयर जमीन हासिल करने के लिए जाली कागजात पर उन पर हस्ताक्षर करने का दबाव डाला। वहीं जब किसानों ने कागजात पर दस्तखत करने से इनकार कर दिया, तो उनकी जमीन पर जबरन कब्जा कर लिया गया। आरोप है कि रामपुर के तत्कालीन अंचल अधिकारी (सीओ) आलेहासन ने गरीबों की जमीन हड़पने में अपनी आधिकारिक हैसियत का दुरुपयोग किया। गौरतलब है कि तथ्यों की पुष्टि होने के बाद हमने आजम खां के खिलाफ एक आपराधिक मामला दर्ज किया है।
वहीं रामपुर जिले एसपी अजय पाल शर्मा ने कहा, ‘राजस्व विभाग की मुख्य शिकायत के आधार पर आजम खां के खिलाफ 26 अलग-अलग मामले दर्ज किए जाएंगे, क्योंकि इसमें जमीन के अलग-अलग हिस्से और अलग-अलग मालिक शामिल हैं। वहीं आजम खां की गिरफ्तार पर एसपी का कहना है कि ” उन्हे किसी भी समय गिरफ्तार किया जा सकता है। जांच जारी है.’ मामले से संबंधित एफआईआर में कहा गया है कि किसानों की जमीन हथियाने के अलावा, आजम खां ने कोसी नदी के किनारे 5,000 हेक्टेयर से अधिक भूमि पर अवैध रूप से कब्जा करने के लिए 2012 से 2017 के बीच कैबिनेट मंत्री के तौर पर अपने पद का दुरुपयोग भी किया।
बता दें कि एक राजस्व अधिकारी ने धोखाधड़ी कर जमीन पर कब्जा करने के मामलों में आजम खान के खिलाफ पुख्ता सबूत होने का दावा किया है। गौरतलब है कि आजम ने 2004 में जौहर विश्वविद्यालय की परिकल्पना की थी। उनके इस ड्रीम प्रोजेक्ट को 2012 में प्रदेश में सपा सरकार बनने के बाद मानो पर लग गए और परिसर का निर्माण तेजी से हुआ। अखिलेश सरकार ने 2012 में आजम खान को विश्वविद्यालय का आजीवन कुलाधिपति बनाए जाने को मंजूरी दी थी, जिसका राज्यपाल ने विरोध भी किया था।
आजम खान के खिलाफ लगातार दर्ज कराए जा रहे मुकदमों और पुलिस की छापामार कार्रवाई के चलते रामपुर जिले का सियासी माहौल एक बार फिर गर्मा गया है। विधानसभा उपचुनाव से पहले आजम खान के खिलाफ हो रही इस कार्रवाई से जहां आजम खान के समर्थकों में बेचैनी बढ़ गई है, वहीं उनके विरोधी बेहद खुश नजर आ रहे हैं। अब ऐसे में देखने वाली बात ये होगी कि जिस आजम खान को एक समुदाय के क्षेत्र का जनसमर्थन हासिल है क्या उन्हे एसपी अजय पाल गिरफ्तार कर पाएंगें। क्यों अगर ऐसा होता है तो काफी बवाल भी खड़ा हो सकता है इस बात से कतई इंकार नहीं किया जा सकता है।