★मुकेश सेठ★
★मुम्बई★
{यूपी के इटावा जिले के सैफई गाँव मे 22 नवम्बर 1939 को जन्मे मुलायम सिंह यादव ने राजनीति में तय किये हैं ज़मीं से आसमां तक के सफ़र}
[कई बार यूपी के मुख्यमंत्री व देश के रक्षामंत्री रहे मुलायम ने समाजवाद के नारे के साथ कि राजनीति, सवर्ण राजनीति के मुक़ाबिल पिछड़े वर्ग व मुस्लिम समीकरण के बूते किया राज]
(पूर्व प्रधानमंत्री चन्द्रशेखर की समाजवादी जनता पार्टी से नाता तोड़ समाजवादी पार्टी के गठन के बाद धरतीपुत्र मुलायम ने चूमे कामयाबियों के फ़लक)
♂÷पूरे देश में समाजवाद का नारा बुंलद करने वाले और पिछड़ी जाति के रहनुमा कहलाने वाले समाजवादी पार्टी के संरक्षक और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह का आज जन्मदिन है, शुक्रवार को उन्होंने अपने जीवन के 80 वर्ष पूरे किए हैं। यूपी के सैफई से दिल्ली की संसद तक पहुंचने वाले मुलायम सिंह यादव ने एक अलग तरह की राजनीति को जन्म दिया जिसके चलते वो यूपी के तीन बार सीएम व केंद्र की संयुक्त मोर्चा सरकार में रक्षामंत्री भी बने। ‘धरती पुत्र’ उपनाम से मशहूर मुलायम सिंह यादव देश की उन राजनीतिक हस्तियों में से एक हैं जिन्होंने अपने बूते फर्श से अर्श तक का शानदार सफर तय किया है, 80-90 के दशक में उनके बारे में सियासी गलियारों में सिर्फ एक ही नारा गूंजा करता था कि ‘जलवा जिसका कायम है, नाम उसका मुलायम है’।
मुलायम सिंह यादव का जन्म ग्राम सैफई जिला इटावा में 22 नवंबर 1939 को एक किसान परिवार में हुआ। उनके पिता स्व. सुघर सिंह यादव अत्यन्त सरल हृदय किन्तु कर्मठ किसान थे। मुलायम ने आगरा विश्वविद्यालय से एमए, बीटी की डिग्री ली। वह जैन इन्टर कालेज करहल मैनपुरी में प्रवक्ता भी रहे।
इटावा जिले के सैफई गांव में जन्में मुलायम सिंह यादव को राजनीति से पहले पहलवानी का शौक था। राजनीति में आने से पहले मुलायम सिंह इंटर कालेज में अध्यापक थे।
मुलायम सिंह ने आगरा विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर (एमए) एव जैन इन्टर कालेज करहल (मैनपुरी) से बीटी किया है।
28 साल की उम्र में 1967 में संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के टिकट पर पहली बार जसवंत नगर क्षेत्र से विधानसभा सदस्य चुने गए।
मुलायम सिंह यादव को गठबंधन की राजनीति के जनक कहा जाता है, इन्होंने पहली बार बसपा-सपा के गठजोड़ से यूपी में सरकार बनायी और खुद मुख्यमंत्री बने।
देश में जब ठाकुर-पंडित की राजनीति होती थी, ऐसे में मुलायम ने यादव सहित सभी पिछड़ी जातियों को एक करके उन्हें पहचान दिलाने का काम किया।
राजनीति से इतर मुलायम सिंह यादव को संगीत का भी शौक है, वो कई मौकों पर कह चुके हैं कि वो सुरकोकिला लता मंगेशकर की आवाज के मुरीद हैं। समाजवाद का नारा बुलंद करने वाले मुलायम नेल्सन मंडेला से काफी प्रभावित रहे हैं, दोनों की एक बार मुलाकात साल 1990 में वाराणसी एयरपोर्ट पर हुई थी।
वर्तमान में मुलायम सिंह यादव की समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव है तो लक्ष्मण की तरह छोटे भाई का कर्तव्य निभाने वाले कभी मुलायम के दिनों में पार्टी में व सरकार रहने पर नँबर दो की हैसियत रखने वाले शिवपाल सिंह यादव इस समय सपा से अलग होकर अपनी पार्टी बनाकर राजनीति कर रहे हैं।
मुलायम सिंह यादव ने अपनी धर्मपत्नी के निधन के पश्चात साधना गुप्ता नाम की महिला से वर्षो पूर्व विवाह कर लिया है और वह उन्ही के साथ रहते हैं।
अखिलेश यादव भी पत्नी डिंपल यादव व बच्चो के साथ अलग रहते हैं।
मुलायम सिंह यादव ने उत्तर प्रदेश मे काँग्रेस को उन्ही के सेक्युलर पॉलिटिक्स से मात देते हुए उनका जनाधार ख़त्म कर यूपी की राजनीति में दयनीय दशा में पहुँचा दिया।
मुलायम सिंह यादव ने मुख्यमंत्री रहने के दौरान अयोध्या में जुटे कारसेवकों के ऊपर गोली चलवा दी थी जिसमे अनेकों कारसेवकों की मौत हो गयी थी।संविधान व बाबरी मस्जिद सुरक्षित रहे इसके लिए गोली चलवाने का कोई अफसोस नही ये बयान देकर देश मे सेक्युलर राजनीति के हीरो बनकर उभरे मुलायम सिंह यादव के साथ अल्पसंख्यक वर्ग मज़बूती से उनका साथ देता रहा।