★मुकेश सेठ★
★मुम्बई★
{2020 में सबसे ज्यादे 11पत्रकारों की हत्या मैक्सिको व बाकी 9 की फिलीपींस, अफगानिस्तान में की गयी,वहीं 2019 में 10 पत्रकारों की हुई थी हत्या}
[मैक्सिको सबसे खतरनाक डेश है यहाँ पर ड्रग तस्कर,भ्रष्टाचार में पूरी तरह डूब चुके सरकारी तंत्र और खतरनाक अपराधियों के बीच पत्रकार प्राणों की बाज़ी लगाकर करते हैं काम]
♂÷वर्ष 2020 कलम के योद्धाओं यानी पत्रकारों के लिए सबसे बुरा वर्ष रहा है इस साल दुनियां सर्वाधिक पत्रकारों को अपनी पत्रकारिता के क्षेत्र में कार्य करने के दौरान जान से हाथ धोना पड़ा है।
इस वर्ष 15 दिसम्बर तक दुनिया में करीब 30 पत्रकारों की हत्या हुई है। वहीं बात की जाए बीते वर्ष 2019 की तो करीब 26 पत्रकारों की हत्या हुई थी। वर्ष 2020 में सबसे ज्यादा पत्रकार फिलीपींस, अफगानिस्तान और मेक्सिको में पत्रकारों की हत्या के मामले आए हैं। इस वर्ष ऐसे करीब 21 पत्रकारों की हत्या हुई है, जिन्हे उनके काम की वजह से मार दिया गया। वहीं वर्ष 2019 में 10 पत्रकारों की मौत की वजह उनका काम बना। चार पत्रकारों को अफगानिस्तान के आतंकियों के समूहों ने मार दिया, इस हत्या के पीछे पत्रकारों का काम वजह बना। इसके आलावा फिलीपींस भी एक ऐसा देश है जहां तीन पत्रकारों को भी उनके काम की वजह से मौत की नींद सुला दिया गया।
न्यूयॉर्क की पत्रकार रक्षा समिति (CPJ) ने अपनी रिपोर्ट में इस बात की जानकारी दी है कि, समिति 15 ऐसे पत्रकारों की हत्या की जांच में जुटी हुई है कि क्या उन पत्रकारों की हत्या भी उनके काम की वजह से हुई। वर्ष 2020 में चार पत्रकारों की हत्या सिर्फ उनके काम की वजह से कर दी गई। वहीं 5वें पत्रकार को तो सिर्फ इसलिए मार दिया गया क्योंकि वो अपराध स्थल की तस्वीरें खींच रहे थे। इस दौरान ही उनकी गोली मारकर हत्या कर दी।
CPJ का कहना है कि, वो चार पत्रकारों की भी हत्या की वजह तलाशने में लगे हुए है।
वहीं दूसरे कई पत्रकारों के ग्रुप्स का कहना है कि, इस वर्ष अब तक 11 पत्रकार मेक्सिको में मारे जा चुके हैं। इस रिपोर्ट में इस बात का भी दावा किया गया है कि, पश्चिमी गोलार्ध में पत्रकारों के लिए मेक्सिको सबसे ज्यादा खतरनाक देश है। इस देश में ड्रग तस्कर, भ्रष्टाचार में पूरी तरह डूब चुके सरकारी तंत्र और खतरनाक अपराधियों के बीच में पत्रकार जान दांव पर लगाकर काम करते हैं।