★मुकेश सेठ★
★मुम्बई★
{ईरान पर हमले से पहले जनरल से पूछा कितने मरेंगे,जनरल ने कहा 150,फिर ट्रंप ने बदला 10 मिनट में फैसला}
[ईरान के द्वारा अमेरिकी ड्रोन RQ-4A मार गिराने के बाद अमेरिका ईरान तनाव पहुँचा है चरम पर]
{ओबामा ने ईरान को 150 अरब डॉलर देने के साथ ही ऐसे समझौते किये जिससे ईरान न केवल मजबूत बना बल्कि परमाणु कार्यक्रम को भी बढ़ाया कहा ट्रम्प ने}
(ईरान पर अमेरिकी हमले की आशंका से ही 6% के उछाल आ गए थे क्रूड ऑयल में,अब ट्रम्प के बयान के बाद युद्ध के बादल छटने पर स्थिती हो रही सामान्य)
[परसों रूस ने भी अमेरिका को दे दी थी चेतावनी की ईरान पर हमले की कोशिश पड़ेगी भारी]

♂÷ईरान पर हमले का संकट टल चुका है और पूरी दुनिया राहत का सांस ले रही है। इन सबके बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बताया कि उन्होंने हमले से 10 मिनट पहले अपने फैसले को बदल दिया।
अमेरिकी अत्याधुनिक ड्रोन विमान को ईरान द्वारा मार गिराए जाने के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने साफ कर दिया कि ईरान को अमेरिका सबक जरूर सिखाएगा। ट्रंप ने कहा था कि ईरान ने बड़ी गलती कर दी है और उसे खामियाजा भुगतना पड़ेगा,लेकिन अब अमेरिका या यूं कहें कि ट्रंप की रणनीति क्यों बदल गई। इसका जवाब उन्होंने खुद दिया है।
वो बताते हैं कि सोमवार को ईरान ने अमेरिका के अनमैन्ड ड्रोन को मार गिराया था ये निश्चित तौर पर अमेरिकी संप्रभुता पर हमला था। हम लोग गुरुवार की रात को ईरान में तीन जगह हमले के लिए पूरी तरह तैयार थे लेकिन मैंने पूछा कि उसमें कितने लोगों की मौत होगी तो एक अमेरिकी जनरल ने कहा कि सर, 150 लोग, यह सुनने के बाद हमले से महज 10 मिनट पहले उन्होंने फैसले को बदल दिया।
इसके साथ ही डोनाल्ड ट्रंप कहते हैं कि कांग्रेस से मंजूरी नहीं मिलने के बाद भी ईरान के खिलाफ तगड़ प्रतिबंध लगाए गए हैं। मेरे कार्यकाल के शुरुआत के समय ईरान शक्तिशाली था लेकिन आज उसकी ताकत कम हो गई है। वो लगातार मध्य पूर्व में माहौल खराब कर रहा है। अब तो हालात और खराब हैं।
डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान संकट के लिए बराक ओबामा की नीतियों को भी जिम्मेदार ठहराया।
उन्होंने कहा कि ओबामा ने ईरान के साथ न केवल खतरनाक डील की थी बल्कि 150 अरब डॉलर से ज्यादा कैश दिया,ईरान के सामने बहुत सी मुश्किलें थीं। लेकिन उनके पूर्ववर्ती बराक ओबामा की वजह से ईरान न केवल मजबूत मुल्क बना बल्कि परमाणु कार्यक्रम को भी आगे बढ़ाने लगा।
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि अमेरिका एक महान देश है और हम ये चाहते हैं कि पूरी दुनिया में ऐसा माहौल बने कि सभी देश तरक्की करें लेकिन जो देश परमाणु हथियारों के जरिए दुनिया के लिए खतरा बन चुके हैं उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई जरूरी है।
जानकारों का कहना है कि डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के फैसले से निश्चित तौर पर अनिश्चितता के बादल छटेंगे।
देखा गया कि युद्ध के ऐलान के बाद से ही क्रूड ऑयल की कीमतों में 6 फीसद का उछाल आ गया था। अगर अमेरिका और ईरान के बीच तनाव बढ़ता तो परसियन गल्फ से गुजरने वाली पानी की आवाजाही पर असर पड़ता और दुनिया में आर्थिक मंदी का संकट उठ खड़ा होता ।
उधर दो दिन पहले ही अमेरिका द्वारा ईरान पर हमले की आशंका को देखते हुए रूस के राष्ट्राध्यक्ष ब्लादिमीर पुतिन ने अमेरिका को कड़ी चेतावनी दी थी कि ईरान पर हमले की कोशिश ठीक नही होगी।