★मुकेश सेठ★
★मुम्बई★
{बिहार के औरंगाबाद निवासी PK Sinha यूपी कॉडर के 1977 बैच के है आईएएस,कैरियर की शुरुआत में रहे इलाहाबाद असिस्टेंट कलेक्टर}
[मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भी 1994-95 में बतौर कमिश्नर दे चुके है सेवा,2004-12 तक यूपीए सरकार के दौरान पेट्रोलियम मंत्रालय में संयुक्त सचिव, अतिरिक्त सचिव व विशेष सचिव रहे]
(सेवानिवृत्त के बाद 13 जून 2015 को मोदी सरकार ने सिन्हा को दी थी कैबिनेट सचिव की बड़ी जिम्मेदारी,2019 तक के लिए दूसरी बार बढ़ाया गया था उनका कार्यकाल)

♂÷बिहार के औरंगाबाद से ताल्लुक रखने वाले आइएएस अधिकारी पीके सिन्हा को PMO में OSD बनाया गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर बिहार से ताल्लुक रखने वाले आईएएस अफसर पर भरोसा जताया है। इस बार सेवानिवृत आइएएस अधिकारी पीके सिन्हा को PMO (प्रधानमंत्री कार्यालय) में OSD (आफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी) बनाया गया है,वो प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा की जगह लेंगे, बता दें कि 1977 बैच के आईएएस अधिकारी पीके सिन्हा देश के सबसे वरिष्ठ नौकरशाहों में से एक हैं। फिलहाल वो भारत सरकार के कैबिनेट सचिव की जिम्मेदारी निभा रहे हैं।

बता दें कि रिटायरमेंट के बाद उन्हें 13 जून, 2015 को भारत सरकार में कैबिनेट सचिव की जिम्मेदारी दी गई थी।इसके बाद उनके काम को देखते हुए उनका कार्यकाल एक वर्ष के लिए और बढ़ा दिया गया था।कैबिनेट सचिव के दौर पर उनका कार्यकाल 12 जून, 2018 को खत्म हो रहा था, लेकिन वर्ष 2019 तक के लिए उनका कार्यकाल दूसरी बार भी बढ़ा दिया गया था।
पीके सिन्हा के पिता भी एक आइएएस अधिकारी थे।
बिहार के औरंगाबाद जिले के मूल निवासी और यूपी कैडर के आइएस अधिकारी रहे पीके सिन्हा का जन्म 18 जुलाई, 1955 को हुआ,उनका पूरा नाम प्रदीप कुमार सिन्हा है, लेकिन आम तौर पर लोग उन्हें पीके नाम से जानते हैं।64 वर्षीय मृदु भाषी सिन्हा जहां भी रहे अपने कार्यों की छाप छोड़ी है।
पीके सिन्हा ने अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर की पढ़ाई की और सामाजिक विज्ञान में एमफिल किया, वो फ्रेंच भाषा की पढ़ाई भी कर चुके हैं।अपनी राष्ट्रीय छवि, कार्यक्षेत्र में सफलता, सामाजिक सरोकार, राज्य से जुड़ाव और देश में बड़ा प्रभाव बना कर इन्होंने बिहार का मान देश दुनिया में बढ़ाया है।
1977 बैच के आइएएस अधिकारी सिन्हा पहले जहाजरानी मंत्रालय में सचिव भी रह चुके हैं,उत्तर प्रदेश काडर के आईएएस अधिकारी के तौर पर उन्होंने केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार के कई महत्वपूर्ण पदों पर भी कार्य किया।
सिन्हा ने अपने करियर की शुरुआत इलाहाबाद में अस्टिटेंट कलेक्टर के रूप में की थी। 1991-92 में वो आगरा के जिलाधिकारी और 1994-95 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मौजूदा संसदीय क्षेत्र और तीर्थ नगरी वाराणसी के आयुक्त भी रहे।
1990 के दशक के अंत में वो खेल मंत्रालय में पहले निदेशक और युवा मामलों के संयुक्त सचिव की जिम्मेदारी निभा चुके हैं। 1992-94 के दौरान वो मेरठ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष और 2003-04 में ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी थे।
2004-12 तक यूपीए सरकार के कार्यकाल में वो ज्यादातर समय पेट्रोलियम मंत्रालय में थे। पेट्रोलियम मंत्रालय में रहते हुए उन्हें संयुक्त सचिव, अतिरिक्त सचिव और फिर विशेष सचिव भी बनाया गया था।