★मुकेश सेठ★
★मुम्बई★
{राजस्थान के झालावाड़ ज़िले के राड़ी बालाजी क्षेत्र में 50 कौवों की अचानक मौत से मचा हड़कम्प, कलेक्टर ने एक किलोमीटर क्षेत्र में लागू किया कर्फ्यू}
[गठित किये गए रैपिड रिस्पॉन्स टीम ने सम्बंधित क्षेत्र के पोल्ट्री और शॉप से सैम्पल लेकर कर रही जाँच,बर्डफ़्लू संक्रमित पक्षियों से सम्पर्क में आने वाले पक्षियों व इंसानों में आसानी से फैलता है]
♂÷राजस्थान में कौवों की मौत के कारण जिला प्रशासन और लोगों के बीच भय का वातावरण बन गया है। प्रशासन ने राड़ी के बालाजी क्षेत्र में एक किलोमीटर के क्षेत्र में कर्फ्यू लगा दिया गया है। इसके साथ ही रैपिड रिस्पांस टीम का गठन भी कर दिया गया है।
कोरोना संकट के बीच राजस्थान के झालावाड़ में एक नए खतरे ने दस्तक दी है। झालावाड़ की राड़ी के बालाजी क्षेत्र में 50 ये अधिक कौवों की अचानक से मौत हो गई है। इतनी बड़ी संख्या में कौवों के मरने की खबर की प्रशासन ने भी पुष्टि की है।
बता दें कि इतने सारे कौवों की मौत के कारण जिला प्रशासन और लोगों के बीच भय का वातावरण बन गया है। प्रशासन ने राड़ी के बालाजी क्षेत्र में एक किलोमीटर के क्षेत्र में कर्फ्यू लगा दिया गया है। इसके साथ ही रैपिड रिस्पांस टीम का गठन भी कर दिया गया है।
जिला प्रशासन बड़ी संख्या में कौवा की मौत के कारण को जानने में जुटा है। हालांकि, पहली नजर में प्रशासन ने इसे बर्ड फ्लू फैलना ही बताया है। रैपिड रिस्पांस टीम ने नमूने की जांच शुरू कर दी है। प्रशासन की ओर से मिली जानकारी के अनुसार संबंधित क्षेत्र के पोल्ट्री फार्म और पोल्ट्री शॉप से भी सैंपल लिए जा चुके हैं।
जिला कलेक्टर एन. गोहाएन ने प्रभावित इलाके में जीरो मोबिलिटी लागू कर सभी पोल्ट्री फार्म में जांच के निर्देश दिए हैं। मंदिर परिसर में 25 दिसंबर को अचानक कौओं की असामान्य मौतें हुईं। वन विभाग और पशुपालन विभाग की संयुक्त टीम ने बीमार कौओं का उपचार किया और नमूने राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशुरोग संस्थान, भोपाल भेजे गए।
जांच में कौओं में एवियन इंफ्लुएंजा की पुष्टि हुई है। इसके बाद झालावाड़ जिला कलक्टर गोहाएन ने त्वरित कार्यवाही दल गठित किया, जिसमें एसडीएम, झालावाड, उप वन संरक्षक झालावाड, पुलिस उप अधीक्षक, पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक, सीएमएचओ और झालावाड नगर परिषद के आयुक्त को शामिल किया गया है। उन्होंने निर्देश दिए कि त्वरित कार्यवाही दल जीरो मोबिलिटी क्षेत्र में बैरिकेडिंग कर प्रचार-प्रसार करेगा।
सामान्यत: बर्ड फ्लू इंफ्लुएन्जा ए वायरस से फैलता है। यह फ्लू संक्रमित पक्षियों से फैलता है। एवियन इंफ्लुएन्जा बीमार पक्षियों के संपर्क में आने वाले इंसानों में भी आसानी से फैल जाता है। फिर यह संपर्क में आने वालों को भी चपेट में ले लेता है।
