★मुकेश शर्मा★
★मुरैना(मध्यप्रदेश)★

\ {एक दशक से शासन करता रहा है सहकारिता के भ्रष्ट अफसरों पर मैहरबानी}
(पूर्व में नरेंद्र तोमर पर भी चस्पा होते रहे है आरोप अनुचित लाभ के किन्तु सांसद ने किए हरदम ख़ारिज)
[मैंने कभी ग़लत लोगो का नही दिया साथ=नरेन्द्र सिंह तोमर]
♂÷ मेंने कभी गलत लोगों का साथ नहीं दिया और ना ही कभी गलत लोगों या अफसरों की मदद की है ये कहना है मुरैना से नवनिर्वाचित बीजेपी सांसद नरेन्द्र सिंह तोमर का।
अग्रवाल समाज के अलावा अन्य समाज ने भी तोमर को इसी विश्वास के साथ लोकसभा क्षेत्र की सरदारी देकर सत्ता के सिंहासन पर विराजमान किया है कि वो सांसद बनकर गलत लोगों एवं अफसरों पर कड़ी कार्यवाही करा सकेंगे।
जिले के दर्जन भर आला अफसरों के साथ जिला सहकारी बैंक मुरैना की मलाईदार कुर्सी पर आसीन आला अफसर पर भी बैंक में किये गए भ्रष्टाचार को लेकर कई आरोप लगे हैं लेकिन शासन प्रशासन की मैहरबानियों के चलते सारे मामले दबा दिये गए या फरियादी पर दवाब डालकर समझौते करा दिये गए ! क्या एसे अफसरों पर मुरैना नवनिर्वाचित सांसद कार्यवाही कर जनता एवं कर्मचारियों के विस्वास पर खरे उतर पाएंगे।

देश की सत्ता में बैठे मध्यप्रदेश की राजनीति के सिरमौर एवं मुरैना चम्बल के दिग्गज नेता नरेन्द्र सिंह तोमर मुरैना जिले का चुनावी किला फतेह कर केन्द्रीय सत्ता में वापस पहुंच गए हैं लेकिन मुरैना की आवाम की बेशुमार उम्मीदें अपने सांसद से जुड़ी हुई है।
सहकारी बैंक मुरैना के कर्मचारी एवं उससे जुड़े किसानो और जनता ने तोमर के एक वादे पर उन्हें केन्द्र की सत्ता में पहुंचाया कि तोमर ने कभी गलत लोगों की ना तो मदद की है और ना ही सहयोग किया है।
इसका उदाहरण चुनावी दौर में भी देखने को मिला कि कुछ आरोपी नेताओं को उन्होंने अपने से दूर भी रखा लेकिन जिला सहकारी बैंक के आला अफसर पर अवैध नियुक्ति, केसीसी, स्थानांतरण, पदोन्नति, HRD पॉलिसी आदि जैसे दर्जन भर मामलों की फाइलें लोकायुक्त भोपाल में भी लम्बित हैं जिन पर पिछले एक दशक से धूल की मोटी परत जम चुकी है ! ये और बात है कि बैंक प्रबंधन को लेकर स्वयं तोमर पर भी महाप्रबंधक एवं संचालक मण्डल की मदद करने के आरोप लगते रहे हैं परंतु उन आरोपों को अब तक सिरे से नकारा गया है।
अब सवाल ये है कि आत्मीय सम्बंध होने के बावजूद निस्वार्थ भाव से जनहित एवं कर्मचारी हितों को देखते हुए मुरैना के नवनिर्वाचित सांसद नरेन्द्र सिंह तोमर क्या भ्रष्टाचार के आरोपियों पर कार्यवाही कर पाएंगे या उनके सम्बंधों के प्रति संवेदनाएं जाग्रत हो जाएंगीं और फिर वही मैहरबानियों का दौर जारी रहेगा या फ़िर जनता का विश्ववास जीतने के लिये पिछले एक दशक से जमे भ्रष्ट अफसरों पर जांच कराएंगे मुरैना नवनिर्वाचित सांसद नरेन्द्र सिंह तोमर ये देखना देखना दिलचस्प रहेगा आने वाले दिनों में।