★मुकेश सेठ★
★मुम्बई★
{योगी सरकार ने सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड को रामजन्मभूमि से 25 किलोमीटर दूर रौनाही इलाके के धन्नीपुर में अदालत के फ़ैसले के परिप्रेक्ष्य में देगी ज़मीन}
[बुधवार को लोकसभा में प्रधानमंत्री मोदी ने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के गठन की घोषणा की तो योगी सरकार ने भी मस्जिद के लिए जमीन देने का किया एलान]
♂÷बुधवार को लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा राम मंदिर ट्रस्ट के ऐलान के बाद अब उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार ने सुन्नी वक्फ बोर्ड को जमीन देने का प्रस्ताव पास कर दिया है। अयोध्या के सोहावल तहसील के रौनाही इलाके के पास स्थित धन्नीपुर गांव में सुन्नी वक्फ बोर्ड को जमीन देने का फैसला किया गया है।
सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि आज यानी 5 फरवरी 2020 को 5 एकड़ जमीन का प्रस्ताव पास हो गया है। हमने 3 विकल्प केंद्र को भेजे थे, जिसमें से एक पर सहमति बन गई है। मस्जिद के लिए धन्नीपुर में जमीन दी जाएगी, यह अयोध्या में स्थित रामजन्मभूमि से करीब 25 किलोमीटर दूर है।
धन्नीपुर अयोध्या-लखनऊ राजमार्ग पर जिला मुख्यालय से करीब 18 किलोमीटर दूर है। धन्नीपुर गांव रौनाही इलाके के पास है,धन्नीपुर गांव के पास ही राजमार्ग पर रौनाही टोल प्लाजा है। यहीं से बाएं जगन्नाथपुर गांव के पास ही है धन्नीपुर गांव।
धन्नीपुर गांव बीकापुर विधानसभा क्षेत्र में आता है।अभी यहां से वर्तमान सांसद भाजपा के लल्लू सिंह है, धन्नीपुर गांव का पोस्ट ऑफिस और पुलिस स्टेशन रौनाही में है।यह उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से करीब 122 किलोमीटर दूर है।
गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल की बुधवार को हुई बैठक में ‘श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र’ के गठन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई।यह ट्रस्ट अयोध्या में भगवान राम के मंदिर के निर्माण और उससे संबंधित विषयों पर निर्णय के लिए पूर्ण रूप से स्वतंत्र होगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को लोकसभा में इस बाबत घोषणा की। सरकार ने अयोध्या कानून के तहत अधिग्रहीत 67.70 एकड़ भूमि राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र को हस्तांतरित करने का फैसला किया है।गृह मंत्री अमित शाह ने बताया कि ‘श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र’ ट्रस्ट में 15 न्यासी होंगे जिनमें से एक दलित समाज से होगा।
साथ ही प्रधानमंत्री ने संसद को बताया कि अदालत ने अपने फैसले में कहा था कि सुन्नी वक्फ बोर्ड को 5 एकड़ भूमि आवंटित करे, जिसको लेकर मोदी सरकार ने राज्य की योगी सरकार से आग्रह किया और राज्य सरकार ने जमीन देने पर हामी भर दी है।