★मुकेश शर्मा★
★मुरैना(मध्यप्रदेश)★
{विधानसभा में जीती 114 सीटों में से 93 पर बढ़त गंवाई लोस चुनाव के मोदीलहर में】
[विधानसभा अध्यक्ष प्रजापति व उपाध्यक्ष हिना भी नहीं बचा पाए किला]
♂÷मध्य प्रदेश के 22 मंत्री अपने विधानसभा क्षेत्र में लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी को वोट नहीं दिला पाए। जबकि, पांच महीने पहले ये खुद 10 हजार से लेकर 45 हजार वोटों से जीत बीजेपी की लहर को असरहीन कर सूबे की सत्ता में कमलनाथ सरकार लाने में बड़ी भूमिका निभाई थी। आधा दर्जन से अधिक मंत्री तो ऐसे भी हैं, जिनके क्षेत्र में कांग्रेस प्रत्याशी 50 हजार से लेकर 84 हजार वोटों से पीछे रहे। पांच माह पहले कांग्रेस ने 230 में से 114 सीटों पर जीत दर्ज कर 15 साल बाद सत्ता में काबिज हुई थी लेकिन, लोकसभा चुनाव में सारे समीकरण बिगड़ उठे मोदीलहर व शाह के चुनावी चक्रव्यूह में । कांग्रेस की 93 विधानसभा सीटों सहित 209 पर भाजपा ने बढ़त हासिल की।
मोदी लहर में प्रदेश में कांग्रेस को 2014 से भी ज्यादा नुकसान उठाना पड़ा है। पार्टी दो सीटों से घटकर एक पर आ गई। किसान कर्जमाफी और रोजगार के वादे के साथ सत्ता में आई कांग्रेस के लिए पांच महीने के भीतर ही लोकसभा चुनाव का यह इम्तहान भारी पड़ा है। उसके प्रत्याशियों को महज 21 सीटों पर ही बढ़त मिल पाई। 209 सीटों पर भाजपा ने एकतरफा लीड ली।
मुख्यमंत्री पर नजर
पांच महीने बाद ही लोकसभा चुनाव के टेस्ट में फेल रहे मंत्रियों के भविष्य पर निर्णय को लेकर सभी की नजर मुख्यमंत्री कमलनाथ पर है। मुख्यमंत्री ने चुनाव से पहले ही सभी मंत्रियों को हिदायत दी थी कि अपने विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में बंपर मतदान कराते हुए लोकसभा में कॉंग्रेस को विजयश्री दिलाएंगे। कमलनाथ ने यह भी कहा था कि उनका परफार्मेंस में लोकसभा चुनाव में पार्टी की जीत से तय होगा। लेकिन 22 मंत्री अपना इलाका नहीं बचा पाए।
कमलनाथ से सात हजार कम वोट नकुलनाथ को
प्रदेश की इकलौती संसदीय सीट छिंदवाड़ा में कांग्रेस को जीत मिली है। मुख्यमंत्री कमलनाथ के पुत्र नकुलनाथ महज ३७ हजार वोटों के अंतर से पार हो पाए। इसी लोकसभा क्षेत्र के छिंदवाड़ा विधानसभा क्षेत्र से कमलनाथ उपचुनाव में मैदान में थे। लेकिन, उनके पुत्र को उनसे सात हजार कम वोट मिले। कमलनाथ को ११४४५९ वोट मिले थे, यहां से नकुलनाथ के खाते में १०७८८३ वोट आए। छिंदवाड़ा लोकसभा की सात में से तीन विधानसभा छिंदवाड़ा, अमरवाड़ा और जुन्नारदेव में ही बढ़त मिली। भाजपा के नत्थन शाह कवरेती चार विधानसभा क्षेत्रों में आगे रहे।
होशंगाबाद की सात सीटों में एक लाख से अधिक बढ़त
प्रदेश में रेकॉर्ड जीत दर्ज करने वाले राव उदयप्रताप सिंह को होशंगाबाद संसदीय क्षेत्र की आठ में से सात सीटों पर एक-एक लाख से अधिक वोट मिले। इंदौर के शंकर लालवानी की छह विधानसभा क्षेत्रों में एक लाख से अधिक की बढ़त रही।
छह मंत्रियों ने बचाई लाज
प्रदेश के २८ में से छह मंत्री ही ऐसे रहे, जो अपनी नाक बचाने में कामयाब रहे। इमरती देवी डबरा, ओमकार सिंह मरकाम डिंडौरी, उमंग सिंघार गंधवानी, सुरेंद्र सिंह बघेल हनी कुक्षी, आरिफ अकील भोपाल उत्तर, लाखन सिंह यादव भितरवार के विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस प्रत्याशी को बढ़त मिली है।
मंत्री पिछड़े इन सीटों पर
जबलपुर -तरुण भनोट- 84252,
राऊ -जीतू पटवारी- 79931,
सांची -प्रभुराम- 69781,
सांबेर – तुलसी सिलावट- 67446,
खिलचीपुर -प्रियव्रत- 54962,
ग्वालियर -प्रदुम्न सिंह- 53857,
मुलताई – सुखदेव पांसे- 52031,
सोनकच्छ -सज्जन वर्मा- 46524,
भोपाल -पीसी शर्मा- 45942,
गोटेगांव – एनपी प्रजापति- 45736,
देवरी -हर्ष यादव- 43844,
राघोगढ़ -जयवर्धन सिंह- 45342,
पृथ्वीपुर – बृजेंद्र राठौर- 42579,
महेश्वर -विजयलक्ष्मी साधो- 38127,
कसरावद – सचिन यादव- 34518,
लांजी – हिना कावरे- 31589,
सुरखी – गोविंद राजपूत- 31569,
सिवनी -प्रदीप जयसवाल- 25306,
शाजापुर -हुकुम कनाडा- 25284,
राजपुर -बाला बच्चन- 24146
सिहावल -कमलेश्वर पटेल- 21174,
लहार – गोविंद सिंह- 17213
बमोरी – महेंद्र सिसोदिया- 11083,
जबलपुर – लखन घनघोरिया- 9590।