★मुकेश सेठ★
★मुम्बई★
[पूर्व विधायक व पिता राजदेव सिंह ने तीन दिनों में दूसरी बार प्रेस से की बात,कहा मेरा बेटा है निर्दोष,मुख्यमंत्री दे ध्यान]
(गत दिनों धनन्जय सिंह के ऊपर FIR होते ही पूर्व सांसद चल रहे हैं फ़रार, पुलिस उनको पकड़ने के लिए तमाम जगहों पर कर रही छापेमारी, साथी भी हुए भूमिगत)
{पिछले दिनों सुल्तानपुर के डॉ एके सिंह ने पुलिस को बताया था कि धनन्जय सिंह के फ़ोन करने पर घायल का किया था इलाज़,5 लाख के निजी मुचलके पर डॉ को मिली है ज़मानत}
(अजीत सिंह हत्याकांड में में मऊ में कुछ आरोपियों की सम्पत्तियों पर चल चुका है सीएम योगी का बुल्डोजर और जबरन कब्जाई गयी ज़मीन की जा रही सरकारी कब्ज़े में)
[मल्हनी विधानसभा सीट पर निर्दल चुनाव लड़कर दूसरे नम्बर पर थे धनन्जय सिंह तो सीएम के दो बार दौरे के बाद भी जीत मिली थी सपा के लकी यादव को]
♂÷आज तीन दिन के भीतर एक बार फ़िर पूर्व सांसद व बाहुबली नेता धनंजय सिंह के पिता पूर्व विधायक राजदेव सिंह ने कहा कि उनके बेटे को लखनऊ पुलिस से जान का ख़तरा है और उनके निर्दोष बेटे को पुलिस फँसा रही है।उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बेटे की जान की गुहार लगाई है।
इसके दो दिन पूर्व भी बन्सफा स्थिति अपने आवास पर आयोजित प्रेस कान्फ्रेंस में पूर्व विधायक व धनंजय सिंह के पिता राजदेव सिंह ने अपने पूर्व सांसद बेटे को निर्दोष बताते हुए उनको जबरन फ़साने की बात कही थी।
आज उन्होंने लगभग वहीं बातें फ़िर दोहराई है।
मालूम हो कि उत्तरप्रदेश की राजधानी लखनऊ में हुए मऊ के पूर्व ब्लाक प्रमुख बाहुबली अजीत सिंह हत्याकांड में लखनऊ पुलिस जौनपुर के पूर्व सांसद बाहुबली नेता धनन्जय सिंह के ऊपर पुलिस ने अपनी जाँच के दौरान यह पाया था कि उन्होंने सुल्तानपुर के एक डॉक्टर से घायल शूटर का इलाज़ कराने के लिए रात में फोन किया था।
पुलिसकर्मियों ने इसके साथ ही कई तकनीकी सबूत पूर्व सांसद के ख़िलाफ़ होने का दावा करते हुए कुछ दिन पूर्व ही उनके विरुद्ध FIR दर्ज की थी।एफआईआर दर्ज होते ही पूर्व सांसद धनन्जय सिंह तुरंत ही भूमिगत हो गए हैं। तो वहीं कुछ दिन पूर्व लखनऊ पुलिस ने एक शूटर संदीप सिंह बाबा को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है।
घायल शूटर के तौर पर राजेश तोमर की शिनाख्त हुई है जिसके बारे में पुलिस ने पता लगाया है कि ज़ख्मी होने के दौरान पूर्व सांसद धनन्जय सिंह ने सुल्तानपुर के डॉक्टर एके सिंह को रात में फोन करके उसका इलाज़ करवाया था।इसी जानकारी के आधार पर अब लखनऊ पुलिस ने बाहुबली सांसद के ऊपर केस दर्ज किया है।
उधर कुछेक हफ़्ते पूर्व एक शूटर गिरधारी उर्फ डॉक्टर को नई दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया है तो वहीं दो आरोपी अंकुर और बंधन के मुंबई से पकड़े जाने की भी चर्चा रही किंतु पुलिस अभी आधिकारिक तौर पर कुछ नही बोल रही। लखनऊ पुलिस की जांच में एक और शूटर हरियाणा का रहने वाला मुस्तफा उर्फ बंटी है।
बता दें गैंगवॉर में हुई इस सनसनीखेज वारदात का एक शूटर संदीप सिंह बाबा को कुछ दिनों पूर्व हिरासत में लिया गया था,वहीं राजेश तोमर के तौर पर घायल शूटर की शिनाख्त हुई थी।
पुलिस के अनुसार घायल शूटर अलीगढ़ का राजेश तोमर है,वह बागपत के सुनील राठी गैंग का सदस्य बताया जा रहा है।
जिसके बारे में बताया जाता है कि वह मुन्ना बजरंगी हत्याकांड में भी पश्चिम के माफ़ीया सुनील राठी के कहने पर शामिल रहा था!। मालूम हो कि 6 जनवरी को लखनऊ के विभूति खंड में अजीत सिंह की ताबड़तोड़ दर्जनों गोलियां दागकर उस वक्त हत्या कर दी गयी थी जब वह गाड़ी में अपनी महिला मित्र के साथ जा रहे थे।इस घटना में महिला मित्र की जान बच गयी थी।फ़िल्मी स्टाइल में हुए इस शूटआउट में एक शूटर के घायल होने की बात सामने आई थी। दिलचस्प बात ये है कि जिस सुनील राठी गैंग से इस शूटर का संबंध सामने आया है, वही सुनील राठी जेल में मुन्ना बजरंगी की हत्या का आरोपी है।
अजीत सिंह हत्याकांड मामले में हत्यारोपी कुंटू सिंह और अखंड सिंह की कई सम्पत्तियों पर योगी सरकार का बुलडोजर चल चुका है और काफ़ी सम्पत्तियों की जाँच कराई जा रही है।इस जघन्य हत्याकांड या सही तो यह है कि गैंगवॉर में अभी बहुत से सफ़ेदपोश माफियाओं के गले तक क़ानून व सरकार के हाथ पहुँचने से इनकार नही किया जा सकता।
दरअसल, अजीत सिंह हत्याकांड की जांच में जुटी लखनऊ पुलिस को जानकारी मिली थी कि गैंगवार में घायल एक शूटर का इलाज सुल्तानपुर के एक डॉक्टर एके सिंह ने किया था।इसके बाद पुलिस ने नोटिस भेजकर डॉक्टर को पूछताछ के लिए बुलाया था। पुलिस को डॉ एके सिंह ने बताया कि धनंजय सिंह ने उन्हें इलाज के लिए कहा था। उन्हें नहीं पता था कि घायल व्यक्ति अपराधी है और उसे गोली लगी है। डॉक्टर एके सिंह पर आईपीसी 176 की कार्रवाई के बाद 5 लाख रुपये के निजी मुचलके पर उन्हें थाने से छोड़ा गया है।
अब डॉक्टर के इस बयान के बाद पुलिस यह मानकर चल रही है कि अजीत सिंह हत्याकांड में धनंजय सिंह ने न सिर्फ शूटर्स मुहैया करवाए बल्कि उन्हें पुलिस से बचाने की भी कोशिश की।
पुलिस का मानना है कि धनंजय सिंह से पूछताछ के बाद कई और बड़े नाम सामने आ सकते हैं।
मालूम हो कि इसके पहले भी कई बहुचर्चित हत्याकांडों में धनन्जय सिंह के नाम आते रहे हैं, कितने में आरोपी भी बनाये गए और कुछ केस में साक्ष्य न मिलने या फ़िर गवाहों के पलट जाने के चलते आरोपों से बरी भी हो चुके हैं।
कुल मिलाकर जिस तरह से आये दिन अजीत सिंह हत्याकांड में नित नए-नए ख़ुलासे हो रहे हैं ये देखना आश्चर्यजनक होगा कि अभी परत-दर-परत कितने नाम सामने आते हैं, क्योंकि ये सिर्फ़ एक व्यक्ति की हत्या नही बल्कि गैंगवॉर में ली गयी जान है।
विदित हो कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस हत्याकांड में कड़े तेवर दिखाते हुए मऊ ज़िले के कई आरोपी के मकानों को बुलडोजर से ध्वस्त करवा दिया है और जबरन कब्ज़ाई गयी जमीनों को मुक्त कराकर सरकार ने कब्ज़े में ले लिया है।कुछ आरोपियों की सम्पत्ति की भी जानकारी जुटाई जा रही है।
मालूम हो कि बीते दिनों सूबे में कुछ सीटों हुए उपचुनाव के दौरान भले ही मल्हनी सीट पर सपा के लकी यादव जीतकर विधायक बन गए किंतु सबकी लड़ाई निर्दलीय रूप से चुनाव लड़ रहे धनन्जय सिंह से ही रही थी।
इस चुनाव को विधायक पारसनाथ यादव के निधन पर कराया गया था,जिसमे जीत उनके पुत्र व सपा उम्मीदवार लकी यादव को मिली।
मल्हनी सीट को जीतने के लिए चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी चुनावी सभा की तो दिग्गजों ने भी मल्हनी मथने में कोई कसर नही छोड़ी थी।
जौनपुर की मल्हनी सीट पर पूर्व सांसद धनन्जय सिंह ने निर्दलीय के रूप में चुनावी समर में हिस्सा लिया था व ,मल्हनी क्षेत्र में धनन्जय सिंह की कितनी पकड़ है वह इससे ही समझा जा सकता है अपने राजनीतिक यात्रा के शुरुआती दौर में जेल में बंद रहने के दौरान ही पहली बार मे निर्दलीय के रूप में विधानसभा जा पहुँचे, फ़िर जब बसपा ने उनकी राजनीतिक लोकप्रियता को देख तो जौनपुर सदर सीट से सांसदी का टिकट दिया जिसपर धनन्जय सिंह ने सपा के कद्दावर नेता व मुलायम के क़रीबी माने जाने वाले स्व.पारसनाथ यादव को पटखनी देकर लोकसभा सदस्य बने।रारी विधानसभा सीट से इस्तीफ़ा देने के चलते हुए उपचुनाव में अपनी सीट पर अपने पिता को बसपा के टिकट पर भारी मतों से जिताकर विधायक बनाने में सफ़ल रहे थे।
कुल मिलाकर यह देखा जा रहा है कि जिस तरह से तीन दिनों के अंदर पूर्व विधायक व पिता राजदेव सिंह के द्वारा पूर्व सांसद पुत्र धनंजय सिंह के लिए प्रेस के सामने निर्दोष होने की बात करते हुए मुख्यमंत्री से गुहार लगाई गई कि लखनऊ पुलिस से धनन्जय सिंह की जान को खतरा है।इससे यह कहना कत्तई गलत नही होंगा की वाकई इस हत्याकांड को लेकर जहाँ योगी सरकार व पुलिस बहुत गम्भीर व सक्रिय हैं साजिशों के परत खोलने के लिए तो वहीं लाख टके का सवाल लोगों के जेहन में कुलबुला रहा है कि तमाम मामलों में कई बार आरोपी बनाए गए,जेल भेंजे गए पूर्व सांसद बेदाग़ अदालतों से बरी हुए हैं।
तो इस बार क्या…………………?