★मुकेश सेठ★
★मुम्बई★
{फाइवस्टार होटलों के खाने समेत मिलेंगे यात्रियों को फ़्लाइट वाली सुविधा इस लक्ज़री निजी ट्रेन में}
[रेलवे बोर्ड 100 दिनों के एक्शन प्लान के तहत दो प्रीमियम ट्रेन चलाएगी देश मे,टिकट बोर्डिंग खानपान की शुरुआती व्यवस्था देखेगी IRTC]
(एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट के जरिये ऊँची बोलिकर्ताओ को सौंपी जाएगी निजी ट्रेन परिचालन की जिम्मेदारी)

♂÷देश की पहली निजी ट्रेन लखनऊ से दिल्ली के बीच चलेगी। रेलवे बोर्ड ने 100 दिन के एक्शन प्लान के तहत देश की दो प्रीमियम ट्रेनों को निजी क्षेत्र की मदद से दौड़ाने की योजना बनाई है। हालांकि ट्रेन के रूट को लेकर फिलहाल कोई निर्णय नहीं हुआ है। दूसरी ट्रेन दक्षिण भारत में चलाए जाने की संभावना है। इसमें तेजस एक्सप्रेस के लिए बनने वाले नए कोच लगाए जाएंगे। शुरुआत में ट्रेन की टिकटिंग, बोर्डिंग और खानपान की जिम्मेदारी रेलवे की संस्था भारतीय रेलवे खानपान पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) की होगी। इसे बाद में एक्सप्रेशन ऑफ इंट्रेस्ट के जरिए ऊंची बोली लगाने वाली निजी कंपनी को यह काम सौंपा जाएगा।
इस ट्रेन को चलाने का जिम्मेदारी जोनल रेलवे की जगह आईआरसीटीसी को देने के लिए बोर्ड मुख्यालय में एक बैठक भी हो चुकी है। आईआरसीटीसी ट्रेन के कोच लीज पर रेलवे बोर्ड से लेगा। इस पर अंतिम निर्णय एक सप्ताह के भीतर होगा।
इस तरह से लगेगी बोली
रेलवे का काम कोच तैयार कर आईआरसीटीसी को सौंपने और अपने क्रू मेंबर मुहैया कराने का होगा। ट्रेन का नाम भी आइआरसीटीसी तय करेगा। इसके बाद किराया, रखरखाव और कोच को रखे जाने के खर्च का अध्ययन कर आईआरसीटीसी इसे निजी क्षेत्र में चलाने के लिए एक न्यूनतम बोली तय करेगा। जिस कंपनी को यह जिम्मेदारी दी जाएगी वह अपनी आय का एक हिस्सा रेलवे को देगी जबकि आईआरसीटीसी को एक तय फीस मिलेगी। कंपनी कॉमर्शियल गतिविधियों से भी कमाएगी। इसको लेकर एक सप्ताह में रेलवे बोर्ड विस्तृत गाइडलाइन जारी करेगा।
रेलवे बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक अभी आईआरसीटीसी गतिमान एक्सप्रेस की तर्ज पर पांच सितारा होटल से खानपान की सुविधा देगा। ट्रेन का किराया भी रेलवे बोर्ड की जगह आइआरसीटीसी तय करेगा। इस ट्रेन में किराए में किसी तरह की छूट नहीं मिलेगी। इसका किराया शताब्दी एक्सप्रेस से अधिक जरूर होगा, लेकिन सुविधाएं विमानों से बेहतर दी जाएंगी। आइआरसीटीसी अपनी वेबसाइट पर इस ट्रेन के टिकट बेचेगा और आरक्षण चार्ट बनाने के साथ टीटीई तैनात करेगा। पहले ट्रेन की ब्रांडिंग आइआरसीटीसी करेगा, जबकि निजी क्षेत्र में आने के बाद यह काम कंपनी का होगा।