★मुकेश सेठ★
★मुम्बई★
{गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर रैली के दौरान दिल्ली में जबरन घुसकर लालक़िले पर उपद्रवियों ने फ़हराया था झण्डा,खुलकर लहराई गयी थी तलवारें,300 पुलिसकर्मी को कर दिया था ज़ख्मी}
[सरकार ने 22 FIR दर्ज कराई है उपद्रवियों के खिलाफ, सीसीटीवी फ़ुटेज आदि से किये जा रहे शिनाख़्त,दिल्ली में 15 कम्पनी अर्द्धसैनिक बल,10 कम्पनी CRPF व 1500 पुलिसकर्मी हुए तैनात]
(पंजाबी एक्टर दीप सिद्धू भी वायरल वीडियो में उकसाते दिखा लालक़िले की तरफ़ ट्रैक्टरों को ले जाने को कहते और झंडा फ़हराते वक्त मौजूद रहा लालक़िले पर)
[बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि किसान संगठन बड़ी बड़ी बाते कर रहे थे कि अनुशासन रहेगा,हम जश्न में शामिल हो रहे हैं, ये जश्न था कि गणतंत्र दिवस के दिन भारत पर हमला था?]

♂÷देश-दुनियां में भारत की आन बान शान के प्रतीक 26 जनवरी को मनाए जाने वाले राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस पर जिस तरह से किसानों के ट्रैक्टर परेड के दौरान तय रूट से हटाकर दिल्ली में घुसकर लालक़िले की प्राचीर पर निशान साहिब का झंडा लहरा कर भारत को शर्मसार किया गया,हिंसा की गई वह क्या पहले से प्रायोजित था?
किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के बाद भारतीय किसान यूनियन नेता राकेश टिकैत का एक वीडियो आज बुधवार को वायरल हो रहा है जिसमें बीकेयू नेता टिकैत किसानों को उकसा रहा है।
उधर पंजाबी एक्टर दीप सिद्धू पर भी ये आरोप लग रहा है कि वह मौके पर उपद्रवियों को लाल क़िले की तरफ़ मार्च करने के लिए उकसाया है और वह वहाँ झंडा फहराने के दौरान मौजूद भी था जिसका फोटो व वीडियो भी वायरल हो रहा है।
जिस पर सिद्धू ने स्वीकार किया किया कि वह झंडा फ़हराते वक्त वहाँ मौजूद था।
मालूम हो कि कल हुई घटना में उपद्रवियों के द्वारा की गई हिंसा में अब तक 300 पुलिसकर्मियों को घायल होने के पश्चात अस्पतालों में इलाज़ हेतु भर्ती कराया गया है, हिंसा,तोड़फोड़ के दौरान पुलिस फ़ोर्स ने जिस तरह से संयम दिखाया है देश भर में उसकी तारीफ़ हो रही है।
गृहमंत्रालय ने दिल्ली में 15 कम्पनी अर्धशतक बल,10 कम्पनी CRPF व 1500 पुलिस के जवानों की तैनाती के आदेश दिए हैं।

हिंसक बवाल के बाद सरकार ने 22 FIR दर्ज करवाई है, उपद्रवियों को पुलिसकर्मियों के द्वारा खींचे व रिकार्ड किये गए वीडियो व लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज को खंगाल चिन्हित किया जा रहा है।
टिकैत के वीडियो के बाद किसान आंदोलन सवालों के घेरे में है, सवाल यह भी है कि क्या दिल्ली हिंसा सुनियोजित थी क्योंकि किसान समिति के नेताओं ने सरकार से बातचीत व पुलिस प्रशासन से ट्रैक्टर परेड के बाबत लिखित रूप से कहा था कि वह दिल्ली में नही घुसेंगे और पुलिस और किसान नेताओं ने इसके लिए रूट तय किये थे इसके बाद भी दिल्ली में घुसकर आंदोलकारी उपद्रवियों ने देश को शर्मसार किया।
हिंसा के एक दिन बाद 27 जनवरी की सुबह भारतीय किसान यूनियन नेता राकेश टिकैत का एक वीडियो सामने आया है, इसके बाद सवाल उठ रहा है कि क्या ये बवाल सुनियोजित था।
टिकैत का यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद किसान आंदोलन की मंशा भी सवालों के घेरे में है। वायरल वीडियो में राकेश टिकैट किसान नेताओं से लाठी-डंडा साथ लेकर आने की अपील करते नजर आ रहे हैं।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में किसान नेता राकेश टिकैत कहते नजर आ रहे हैं, ‘सरकार मान नहीं रही है, ज्यादा कैंड़ी पड़ रही है सरकार। अपना ले आइओ झंडा, झंडा भी लगाना, लाठी-गोठी भी साथ रखिओ अपनी, झंडा लगाने के लिए समझ जाइओ सारी बात। तिरंगा भी लगाना, अपना झंडा भी लगाना,ठीक है। अब सब आ जाओ अपनी जमीन बचाने आ जाओ,अपनी जमीन बचाने के लिए वरना जमीन नहीं बचनी,जमीन छीन ली जाएगी।’
टिकैत का यह वीडियो वायरल होने के बाद हिंसा के सुनियोजित साजिश को लेकर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। देश की राजधानी में आंदोलन के नाम पर इस तरह की हिंसा से देश भर में लोगों में आक्रोश है।
सोशल मीडिया पर लगातार योगेंद्र यादव और राकेश टिकैत से लोग सवाल पूछ रहे हैं। वीडियो वायरल पर राकेश टिकैत का कहना है, ‘हमने कहा था कि अपनी लाठी ले आओ,कृपया मुझे डंडे के बिना कोई झंडा दिखाएं, मैं अपनी गलती स्वीकार करूंगा।’ इसके साथ ही राकेश टिकैट ने कहा है, ‘जिसने झंडा फहराया वो कौन आदमी था? एक कौम को बदनाम करने की साजिश पिछले 2 महीने से चल रही है। कुछ लोगों को चिन्हित किया गया है उन्हें आज ही यहां से जाना होगा, जो आदमी हिंसा में पाया जाएगा उसे स्थान छोड़ना पड़ेगा और उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।
दूसरी तरफ बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता व एमएलसी शहनवाज हुसैन ने कहा है, ‘जो शंका थी वो सही साबित हुई। किसान संगठन बड़ी-बड़ी बातें कर रहे थे कि अनुशासन रहेगा कि हम जश्न में शामिल हो रहे हैं. यह जश्न था या गणतंत्र दिवस के दिन भारत पर हमला था?
इन्होंने लाल किले को अपवित्र किया है, इस सबके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।’ शहनवाज हुसैन ने आगे कहा, ‘उकसाने का काम तो किसान संगठन के नेताओं ने किया, किसान संगठन का हर नेता सिर्फ भड़काने में लगा हुआ था, अब जब ये घटना घट गई तब वे तरह-तरह का ज्ञान दे रहे हैं।
उधर देश को शर्मसार करने वाली इस हिंसक घटना पर पक्ष विपक्ष में राजनीतिक बयानों के तीर एक दूसरे पर छोड़े जाने लगे हैं तो वहीं बॉलीवुड हस्तियों ने भी ट्विटर पर अपने विचार रखने शुरू कर दिए हैं।