★मुकेश सेठ★
★मुम्बई★
{सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार,राज्यपाल, फडणवीस अजित पवार को भेजी नोटिस,राज्यपाल के फ़ैसले से जुड़े सभी दस्तावेज़ किये तलब}
[शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस के वक़ील कपिल सिब्बल,अभिषेक मनु सिंघवी,माजिद मेनन ने कहा कोर्ट दे आदेश की आज ही बहुमत साबित करे बीजेपी]
(बीजेपी के अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने दलील रखी कि राज्यपाल के दिये गए 30 नवम्बर तक फडणवीस सरकार साबित कर देगी बहुमत)
♂÷सुप्रीम कोर्ट में महाराष्ट्र की”मचमच” को लेकर रविवार को दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं ने जजों के सामने अपने पक्ष में जोरदार दलीलें रखी,जिस पर कोर्ट ने केंद्र सरकार, महाराष्ट्र सरकार,मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस व उपमुख्यमंत्री अजित पवार को नोटिस जारी कर सुनवाई कल तक के लिए टाल दी है। कोर्ट ने महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोशियारी के फैसले से जुड़े सभी दस्तावेज भी तलब कर लिए है और सोमवार को सुबह 10.30 बजे से फ़िर सुनवाई होगी। इसके पहले दोनों पक्षों के वकीलों की ओर से जोरदार दलीलें दी गईं।
विदित हो कि शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस ने शनिवार रात उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर की थी, जिसमें भाजपा के देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाने के महाराष्ट्र के राज्यपाल के फैसले को रद्द करने का अनुरोध किया गया है। साथ ही आगे खरीद-फरोख्त से बचने के लिए तुरंत शक्ति परीक्षण करवाए जाने मांग की गई है।
सुप्रीम कोर्ट में शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस की ओर से कांग्रेस के पूर्व केंद्रीय मन्त्री रहे वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल, अभिषेक मनु सिंघवी और एनसीपी के सांसद व बड़े वक़ील माजिद मेनन इस मामले की पैरवी कर रहे हैं। वहीं सरकार की ओर से भी दमदार दलीलों के साथ बड़े वकील मुकुल रोहतगी व सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता खड़े किए गए हैं। दोनों पक्षों के बीच में क़ानूनी पहलुओं के मद्देनजर दमदार दलीलें अपने अपने पक्षकारों के बाबत कोर्ट में दी गयी।कपिल सिब्बल ने दलील दी कि अगर भाजपा के पास बहुमत है तो इसे बिना वक़्त दिए आज ही सदन में बहुमत साबित करने का आदेश कोर्ट दे जिससे विधायकों की ख़रीद फ़रोख़्त बीजेपी न कर सके।
मुकुल रोहतगी ने राज्यपाल के द्वारा दिलाये गए शपथ को तकनीकी रूप से सही ठहराते हुए कहा कि उनके द्वारा दिये गए निर्देश के अनुसार सदन में 30 तारीख़ तक मुख्यमंत्री बहुमत साबित कर देंगे।
शिवसेना एनसीपी व काँग्रेस ने कोर्ट से अपील की कि राज्यपाल को एक निर्देश दिए जाएं जिसमें शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में सरकार बनाने के लिए उन्हें आमंत्रित करें।सिब्बल,सिंघवी ने यह भी कहा कि उनके पास 144 से ज्यादा विधायकों का समर्थन है।
याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया कि राज्यपाल ने ‘भेदभावपूर्ण व्यवहार’ किया और ‘‘भाजपा द्वारा सत्ता पर कब्जा किए जाने में उन्होंने खुद को मोहरा बनने दिया।’’
तीनों दलों ने 24 घंटे के भीतर तुरंत शक्ति परीक्षण करवाए जाने का भी अनुरोध किया ताकि आगे खरीद-फरोख्त से बचा जा सके। उनके वकील सुनील फर्नांडीस ने कहा कि रजिस्ट्री के समक्ष याचिका दायर की गयी है और सुनवाई के लिए औपचारिक सूचीबद्ध होने का इंतजार है।
कुल मिलाकर अब सुप्रीम कोर्ट कल सारे तथ्यों,तर्कों व कागज़ातों के परीक्षण, अध्ययन के बाद राज्यपाल को क्या निर्देश देते हैं ये लाख टके का सवाल है तो वहीं इतना तो तय है कि फडणवीस सरकार किस तरह से बहुमत हासिल करती है या फ़िर कर्नाटक की तरह सदन में बहुमत के जादुई आंकड़े न होने के बाद मुख्यमंत्री को इस्तीफ़ा दे देना पड़ेगा फ़िलहाल ये तो भविष्य के गर्भ में है।
उधर मुम्बई में शनिवार की देर शाम एनसीपी विधायक दल की बैठक में नेता अजित पवार को इस पद से हटाकर प्रदेश अध्यक्ष व विधायक जयंत पाटिल को विधायकों ने अपना नेता चुन लिया है।
जयंत पाटिल ने इस बाबत राज्यपाल से मिलकर उनकों पत्र सौंप दिया है।एनसीपी प्रमुख शरद पवार व उनकी बेटी सुप्रिया सुले भी अजित पवार से वापस आने के लिए कह रहे हैं किंतु अभी तक अजित पवार ने कोई भी बयान नही दिया है, जबकि उनके साथ राजभवन गए कुछ विधायक शनिवार की शाम होते होते शरद पवार की शरण मे पहुँच चुके हैं।
मालूम हो कि अपने अपने विधायकों में टूट होने से बचाने के लिए शनिवार की रात एनसीपी ने पवई के रेनेसेन्स होटल में भेज दिया है जिनकी रखवाली शिवसेना एनसीपी के कार्यकर्ता कर रहे हैं।शिवसेना ने भी अपने विधायकों को होटल ललित में ठहराया हुआ है जबकि काँग्रेस के विधायकों को भी जेडब्ल्यू मेरियट होटल में रखा गया है।
रविवार को दोपहर में शिवसेना के सभी विधायकों की बैठक शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे मातोश्री में ले रहे हैं तो वहीं एनसीपी प्रमुख शरद पवार भी होटल रेनेसेन्स पहुँचकर अपने विधायकों से बैठक कर रहे हैं।