★मुकेश सेठ★
★मुम्बई★
{1993 के मुम्बई दंगे,बमविस्फोट व राजनीति के अपराधीकरण की जांच के लिए बनी एनएन वोहरा समिति की रिपोर्ट सार्वजनिक करे सरकार कहा संस्था ने}
[पूर्वांचल विकास प्रतिष्ठान ने उन लोगो की कड़ी निंदा की जो सुशांत मामले को दो प्रदेश की लड़ाई या मुम्बई पुलिस की प्रतिष्ठा या महाराष्ट्र की अस्मिता बनाकर देखना चाह रहे है]
(सलमान ख़ान के हिट एंड रन केस में एफआईआर दर्ज करवाने वाले गवाह रहे दिवंगत पुलिसकर्मी रविन्द्र पाटिल को राष्ट्रपति पुलिस पदक दिलाये जाने की मांग संस्था ने सरकार से की)
♂÷पूर्वांचल विकास प्रतिष्ठान संस्था ने केंद्र और राज्य सरकार से राजनीति के अपराधीकरण को रोकने और मुंबई फिल्म उद्योग से माफिया राज ख़त्म करने की मांग करते हुए लोगो से अपील की कि, समाज से भी बुराई के खिलाफ भर्त्सना, असहयोग और बहिष्कार जैसी सामाजिक कार्रवाइयां करने के लिए लोग दृढ़ संकल्पित हो।
वक्ताओं ने सिपाही रवींद्र पाटील को राष्ट्रपति पुलिस पदक दिए जाने की पुरज़ोर मांग की है।
पूर्वांचल और देश के दूसरे प्रवास-प्रव्रजन प्रभावित इलाकों के आर्थिक-औद्योगिक विकास और उसके लिए जरूरी सांस्कृतिक बदलाव के लिए काम कर रही संस्था पूर्वांचल विकास प्रतिष्ठान ने केंद्र और महाराष्ट्र सरकार से राजनीति के अपराधीकरण को रोकने, फिल्म उद्योग को अंदरूनी और बाहरी माफिया गिरोहों के चंगुल से मुक्त कराने और नशीली दवाओं के कारोबार को ख़त्म करने के लिए कठोर कदम उठाने की अपील की है।
संस्था ने कहा कि “सुशान्त सिंह राजपूत की मौत की जांच को माफियागीरी के खिलाफ इन्साफ और ईमान की लड़ाई के रूप में देखा जाना चाहिए। आज़ादी के बाद देश के सामाजिक विकास में फिल्मों का बड़ा योगदान रहा है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में माफिया गिरोहों ने इस पर कब्ज़ा कर लिया है, और नयी प्रतिभाओं का जीवन दूभर कर दिया है। वे देश के प्रतिभाओं के इस सबसे बड़े म्युजियम को तबाह कर रहे हैं। केंद्र और राज्य दोनों ही सरकारों को फिल्म उद्योग को इस संकट से बचाने के लिए कार्रवाई करनी चाहिए।”
संस्था ने केंद्र सरकार से मुंबई के दंगे और बम विस्फोटों के बाद राजनीति के अपराधीकरण की जांच के लिए बनी एन एन वोहरा समिति की रिपोर्ट सार्वजनिक करने और १९९३ के बाद की परिस्थितियों की जांच और समीक्षा के लिए दोबारा वैसी ही जांच समिति बनाने की मांग की है। संस्था ने उन लोगों की तीव्र भर्त्सना की है जो सुशांत सिंह राजपूत की मौत की जांच को इस या उस प्रदेश की लड़ाई या मुंबई पुलिस के मान-सम्मान या महाराष्ट्र की अस्मिता का सवाल बनाकर देखना चाह रहे हैं। संस्था ने कहा है कि सुशांत सिंह राजपूत की सही जांच की मांग कर रहा समाज का कोई भी हिस्सा मुंबई पुलिस की छवि नहीं गिरा रहा, बल्कि उससे निष्पक्ष और निर्विवाद होने की मांग कर रहा है। उसी तरह, राजनीति से या फिल्म से अपराधीकरण रोकने की मांग मुंबई और महाराष्ट्र के हित की मांग है। जो लोग ऐसा नहीं होने देना चाहते, हकीकत यह है कि मुंबई और महाराष्ट्र की छवि वे गिरा रहे हैं।
संस्था ने सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में केंद्र सरकार की विभिन्न एजेंसियों द्वारा की जा रही जाँच पर संतोष जताया है। और विश्वास व्यक्त किया है कि बड़े से बड़े प्रभावशाली व्यक्ति भी यदि अपराध में शामिल हों तो उन्हें भी नहीं बक्शा जाएगा। संस्था ने मुंबई पुलिस आयुक्त से दिवंगत सिपाही श्री रवींद्र पाटील को राष्ट्रपति पुलिस पदक दिए जाने की सिफारिश करने की मांग की है। इस सिपाही ने सलमान खान बांद्रा हिट एंड रन मामले में प्रत्मिकी तो दर्ज़ कराई ही थी, समझा जाता है कि माफिया के भारी दबावों के बावजूद उसने अदालत में अपना बयान नहीं बदला, और उसकी कीमत अपनी नौकरी, अपनी जान और अपना सम्मान तीनों देकर चुकाया।
संस्था ने इस बात को लेकर भी गहरी चिंता जताई है कि समाज के एक बड़े हिस्से ने अपराध, जातीय और सांप्रदायिक गिरोहबाजी, वैचारिक दुराग्रह और भ्रष्टाचार आदि में अपने लिए एक डिफेन्स मैकेनिज्म ढूंढ लिया है। यह बहुत दुर्भाग्यजनक है कि प्रशासन, लोकतंत्र, न्याय प्रणाली, सामाजिक-सांप्रदायिक सौहार्द्र आदि के प्रति लोगों का विश्वास घटा है, और उनका खिंचाव उन चीजों की ओर बढ़ा है जो देश और समाज को पीछे की ओर ले जाती हैं। संस्था ने समाज से अपील की है कि बुराई के खिलाफ भर्त्सना, असहयोग और भर्त्स्ना जैसी सामाजिक कार्रवाइयां की जानी चाहिए।
पूर्वांचल विकास प्रतिष्ठान ने अपना यह बयान सुशांत सिंह राजपूत की मौत की जांच के परिप्रेक्ष्य में मुंबई के हिन्दीभाषी समाज के एक ई-संवाद के नतीजे के रूप में जारी किया है। संवाद में समाजसेवी श्री धर्मेंद्र चतुर्वेदी, वरिष्ठ कोंग्रेस नेता श्री जयप्रकाश सिंह, मुंबई भाजपा, के महामंत्री श्री आर यू सिंह, वरिष्ठ हिन्दीभाषी नेता श्री शिवजी सिंह, मुंबई की सपा के महामंत्री श्री कुबेर मौर्य, पत्रकार श्री सतीश मिश्रा, समाजसेवी-उद्योगपति श्री केशव शुक्ल, सामाजिक एक्टिविस्ट श्री गिरिजाशंकर पांडे , कांग्रेस नेता श्री अमीन इदरीसी, समाजसेवी श्री ध्रुवराज सिंह और श्री शशांक सिंह, श्री राम आसरे सिंह, श्री शर्वेश सिंह, श्रीमती अनीता शर्वेश सिंह, श्री अमर सिंह, श्री सुदर्शन सिंह , फ़िल्मकार श्री गिरधर सिंह आदि ने अपने विचार व्यक्त किये। सञ्चालन पत्रकार श्री ओम प्रकाश और सुश्री शुभम सिंह ने किया।
संस्था ने पूर्वांचल के लोगों से अपील की है कि सुशांत सिंह की मौत के मानले में या मुंबई में चल रहे ड्रग कारोबार को लेकर किन्हीं लोगों के पास यदि कोई ठोस जानकारियां हों तो उन्हें सीबीआई और एनसीबी को यथाशीघ्र भेजें।
