★मुकेश सेठ★
★मुम्बई★
{भारतीय सेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवणे ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के द्वारा सदन में दिए गए बयान की चीन भारत लद्दाख से हटाने जा रही है अपनी सेनाएं के बाद कि रणनीतिक टिप्पणी}
[आर्मी चीफ़ ने कहा नए ख़तरे को देखते हुए भारत के आक्रामक रुख को और मजबूत करने की है जरूरत, हमारी सीमाओं का सही निर्धारण न होने के कारण हमारी अखण्डता और सम्प्रभुता सरंक्षण के सम्बंध में है चुनौतियां]
(भारत चीन करार के मुताबिक चीनी सेना फिंगर 8 के पीछे जाएंगी और भारतीय सेना फिंगर 3 इलाके के पास अपने परमानेंट बेस धनसिंह थापा पोस्ट पर रहेगी)
♂÷आज गुरुवार को देश की संसद में रक्षामन्त्री राजनाथ सिंह के यह बताने के बाद कि 10 महीने के बाद चीन व भारत लद्दाख में अपनी सेनाएं पीछे हटाने को लेकर सहमत हो गयी है इसकी शुरुआत पैंगोंग झील से होने जा रही है।
रक्षामंत्री के इस बयान के बाद, भारतीय सेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवणे ने आज महत्वपूर्ण रणनीतिक टिप्पणी करते हुए कहा कि नए-नए ख़तरे को देखते हुए भारतीय सेना को बनना होगा और खतरनाक,मजबूत व ज़्यादा आक्रामक।
आर्मी चीफ मनोज मुकुंद नरवणे की यह टिप्पणी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा संसद में यह बताए जाने के बाद आई है कि लद्दाख में भारत-चीन के बीच सेनाएं हटाने को लेकर सहमति बनी है।
भारत की सीमाओं के हालात के मद्देनजर आर्मी चीफ मनोज मुकुंद नरवणे ने नए खतरों को लेकर तैयार रहने को कहा है। साथ ही उन्होंने कहा है कि इन खतरों से निपटने के लिए भारत के आक्रामक रुख और अधिक मजबूत करने की जरूरत है।
गौरतलब है कि आर्मी चीफ की यह टिप्पणी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा संसद में यह बताए जाने के बाद आई है कि लद्दाख में भारत-चीन के बीच सेनाएं हटाने को लेकर सहमति बनी है।
सेंटर फॉर लैंड वॉरफेयर द्वारा आयोजित एक सेमिनार में जनरल नरवणे ने कहा-हमारे देश की उत्तरी सीमाओं पर पैदा हुए हालात ने हमें गंभीर रूप से सोचने के लिए मजबूर किया है। हमारी सीमाओं का सही निर्धारण न होने के कारण हमारी अखंडता और संप्रभुता संरक्षण के संबंध में चुनौतियां हैं।
नई तरह की चुनौतियों का जिक्र
जनरल नरवणे ने 21वीं सदी में चुनौतियों के बदलते पैटर्न पर भी चर्चा की है। उन्होंने कहा कि टैंक और फाइटर जेट जैसे युद्धक प्लेटफॉर्म कभी 20वीं सदी में युद्ध के मुख्य आधार थे लेकिन अब नए तरह की चुनौतियां उभर रही हैं, इसके लिए उन्होंने आर्मेनिया-अजरबैजान के बीच हुए युद्ध का जिक्र किया।
रक्षा मंत्री ने दिया बयान
बता दें गुरुवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया है कि विवाद के करीब 10 महीने बाद साउथ और नॉर्थ बैंक से सैनिकों को वापस लेने के लिए चीन के साथ समझौते पर सहमति बनी है पैंगोंग लेक इलाके में सबसे पहले सेनाएं पीछे की जानी है। भारत-चीन के बीच हुए इस एग्रीमेंट के मुताबिक चीनी सेना अपने सैनिकों को फिंगर 8 के पीछे लेकर जाएगी।भारतीय सेना फिंगर 3 इलाके के पास अपने परमानेंट बेस धन सिंह थापा पोस्ट पर रहेगी। रक्षा मंत्री के बयान से साफ हो चुका है कि फिंगर 3 से लेकर फिंगर 8 के बीच का इलाका नो पेट्रोलिंग जोन रहेगा।
