★मुकेश सेठ★
★मुम्बई★
{इजराइल और फिलिस्तीन के बीच चल रहे संघर्ष पर भारत ने दोनों पक्षों से अपील करते हुए किसी भी प्रकार के तनाव बढ़ाने वाली कार्रवाई से दूर रहने की बात कही}
[संयुक्त राष्ट्र नही जारी कर सका कोई बयान,क्योंकि चीन के विदेशमंत्री के बयान के बाद अमेरिका दबाव में आ गया है कि इजराइल व हमास के बीच जारी संघर्ष में अपना पक्ष स्पष्ट करे अमेरिका]
♂÷इजरायल और फ्लिस्तीन के बीच जारी संघर्ष के सात दिन हो चुके हैं। इजरायल के युद्धक विमान गाजा पर बम बरसा रहे हैं वहीं दूसरी और गाजा के तरफ से ही इजरायल के रिहायशी इलाकों को निशाना बनाकर अब तक हजारों रॉकेट दागे जा चुके हैं। इस बीच भारत ने मध्य पूर्व की स्थिति पर अपने बयान गाजा के इजरायल पर हमले का विरोध किया है। जबकि भारत से फ्लिस्तीन का समर्थन किया है।
वहीं दूसरी तरफ संयुक्त राष्ट्र भी दोनों देशों के बीत जारी संघर्ष को रोकने के लिए बयान जारी नहीं कर सका है क्योंकि जिस तरीके से चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने बयान दिया उसके बाद से अमेरिका भी दबाव में आ गया है कि वो इजरायल और हमास के बीच जारी संघर्ष में अपना पक्ष स्पष्ट कर दें।
संयुक्त राष्ट्र के स्थायी प्रतिनिधि द्वारा 16 मई को जारी किये गये भारतीय बयान के मुताबिक हमास पर इजरायल के हमले को भारत ने जवाबी कार्रवाई करार दिया है।
गौरतलब है कि गाजा के हमले में भारतीय नागरिग सौम्या संतोष की मौत हो गई है।भारतीय बयान में कहा गया है कि हम हिंसा, उकसावे और विनाश के सभी कृत्यों की कड़ी निंदा करते हैं।
भारत ने इजरायल और फ्लिस्तीन के अधिकारियों से सीधी बातचीत की है और अपने पारंपरिक लाइन पर कायम है। भारत ने अपना बयान सधे तरीके से दिया है क्योंकि भारत के इजरायल और अरब देशों से अच्छे संबंध हैं। भारत ने कहा तत्काल दोनों ही डी एस्केलेशन की वकालत की है. ताकि आगे किसी भी प्रकार की घटनाओं को रोका जा सके।
भारत ने कहा है दोनों पक्षों से संयम दिखाने की अपील करते हुए कहा कि दोनों पक्ष किसी भी प्रकार से तनाव बढ़ाने वाली कार्रवाई से दूर रहे. साथ ही पूर्वी येरुसलम और उसके आस-पास शांति बहाल करने की कोशिश करें. माना जा रहा है कि इजरायल के मित्र देशों ने इजरायल से शांति की अपील की है।
