★मुकेश शर्मा★
★ग्वालियर(मध्यप्रदेश)★
[एम के अग्रवाल रजिस्ट्रार सहकारिता की मदद से सहकारी बैंक भोपाल में बनना चाहता है MD]
{आरटीआई कार्यकर्ता जेके दलाल ने घोटाले की शिकायत भेजी है प्रधानमंत्री कार्यालय तो दर्जनों शिकायत होने के बाद भी मुख्यमंत्री, सहकारिता मंत्री की खामोशी पर उठ रहे सवाल}
♂÷ममता त्रिपाठी के मामा ससुर, जिला सहकारी बैंक मुरैना में बैठे 40 चोरों के अलीबाबा सरदार, सहकारिता रजिस्ट्रार एम के अग्रवाल के ख़ास मित्र तथा सत्ताधारी केन्द्रीय नेतृत्व के दत्तक ने अब मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल जिला सहकारी बैंक में रंग दिखाना शुरू कर दिया है ।
न्यू मार्केट भोपाल स्थित सहकारी बैंक का एमडी बनने के लिए भ्रष्ट और फर्जी दस्तावेजों पर नौकरी करने वाले कर्मचारियों से लाखों रुपए की वसूली कर एम के अग्रवाल की देन बताया जा रहा है लेकिन रकम पूरी ना होने से अलीबाबा के सपने अधूरे ना रहें इसके लिए अलीबाबा अरस्तू प्रभाकर कर्मचारियों पर दबाव बनाने में लगे हुए हैं ?इतना ही नहीं बल्कि एक साल में अरस्तू प्रभाकर ( ममता के मामा ) ने अपनी सैलरी में अपने अजीज दोस्त से इजाफा कर 84000 से 1,84,000 के करीब करवा ली है।
मुरैना बैंक में करोड़ों का गबन और घोटाला करने वाले सरदार अरस्तू प्रभाकर पर विभाग द्वारा आरोप सिद्ध होने पर भी केन्द्रीय नेता जी और अग्रवाल मेहरबान क्यों हैं ये बताने की जरूरत नहीं है ❓
भोपाल के एक समाज सेवी एवम् आरटीआई कार्यकर्ता जे के दलाल द्वारा प्रधानमंत्री कार्यालय को भेजी गई शिकायत के अनुसार सहकारिता रजिस्ट्रार एम के अग्रवाल और अरस्तू प्रभाकर पर दर्जनों मामले दर्ज होकर कई मामलों में अरस्तू को विभाग द्वारा अपराधी सिद्ध कर दिया गया है लेकिन विभागीय मंत्री अरविंद भदौरिया तो पूर्व सहकारिता मंत्री गोविंद सिंह से दो कदम आगे नजर आ रहे हैं । तत्कालीन सहकारिता मंत्री गोविंद सिंह द्वारा सींचे गए भ्रष्टाचार के पौधे अब बरगद के वो दरख़्त बन चुके हैं जिनकी जड़ें केन्द्रीय नेतृत्व तक फ़ैल चुकी है, जिसमे अरविंद सेंगर, विनोद सिंह, अरस्तू प्रभाकर, संजय दलेला, दिनेश त्रिवेदी, बबलू सातनकर, एम के अग्रवाल जैसे दो दर्जन आला अफसर शामिल हैं । ज्ञात हो कि अरस्तू प्रभाकर और एम के अग्रवाल ने मुरैना में अपने रंग दिखाने शुरू किए थे।उस समय अग्रवाल मुरैना कलेक्टर हुआ करते थे और अरस्तू जिला सहकारी बैंक के अधिकारी लेकिन अलीबाबा और नटवरलाल एम के अग्रवाल ने बिग बॉस का आशीर्वाद प्राप्त किया और अपने काले कारनामों को खुलकर अंजाम देने लगे । अवैध नियुक्ति, फर्जी केसीसी, ऋण माफी, राहत राशि, फसल खरीद, आदि में लगातार गबन घोटालों की फेहरिस्त बढ़ती गई जिसके चलते अरस्तू प्रभाकर के निवास पर साल 2014 में पुलिस का छापा भी पड़ा लेकिन सत्ताधारी राजनैतिक आका के दबाव में पुलिस अधिकारी भी भ्रष्ट तंत्र के आगे नतमस्तक हो गए जिससे अरस्तू प्रभाकर के हौसले बुलंद हो गए । लंबे समय बाद सत्ता परिवर्तन से ठीक पहले नटवरलाल अग्रवाल को रजिस्ट्रार सहकारिता बना दिया गया ।
सूत्र बताते हैं कि उस वक्त सहकारिता मंत्री रहे गोविंद सिंह ने सहकारिता के साथ आयुष विभाग में अग्रवाल को फिट करने के लिए करोड़ों रुपए की डील की थी और अरस्तू प्रभाकर को निलंबन की नौटंकी के बाद बहाल करने के लिए भी करोड़ रुपए की डील हुई थी लेकिन हम इस बात की पुष्टि नहीं करते हैं ।
बहरहाल एम के अग्रवाल और अरस्तू प्रभाकर मिलकर मध्यप्रदेश सहकारिता के खजाने को लूट रहे हैं । दर्जन भर से अधिक शिकायतें होने के बाद भी प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और सहकारिता मंत्री अरविंद भदौरिया खामोश क्यों हैं ❓राज्य शासन के मुखिया की खामोशी और भ्रष्टाचारियों पर ना होने वाली कार्यवाही को लेकर भोपाल के समाजसेवी तथा आरटीआई कार्यकर्ता जे के दलाल ने प्रधानमंत्री कार्यालय को शिकायत भेजी है ।
अब देखना यह है सहकारिता अरविंद भदौरिया, ज्योतिरादित्य सिंधिया, शिवराज मामा और नरेंद्र सिंह तोमर इन भ्रष्टाचारियों पर कोई कार्यवाही करेंगे या अपना कुंभकर्णी नींद सोते रहेंगे❓