★मुकेश सेठ★
★मुम्बई★
{आज होने वाली 8वे दौर की बातचीत से पहले किसान नेता टिकैत ने कहा कि क़ानून वापसी से कम मंजूर नही,हमलोग मई 2024 तक करेंगे आन्दोलन}
[किसान संगठन व सरकार अपनी बात पर है अडिग,कृषिमन्त्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा नही वापस होंगे नए कृषि क़ानून]
(8वें राउण्ड की बातचीत के एक दिन पहले गुरुवार को किसानों ने ट्रैक्टर रैली निकाल किया था शक्ति प्रदर्शन,सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर समर्थकों समग्र पहुँची गाजीपुर बॉर्डर)
♂÷लगभग 40 दिनों से आन्दोलन रत किसानों ने साफ़ किया कि केंद्र सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस ले,नही तो हम आंदोलन को जारी रखेंगे तो वही सरकार ने दो टूक कहा कि नए कृषि क़ानून वापस नही लिए जाएंगे।
मालूम हो कि कल किसानों ने बृहद पैमाने पर ट्रैक्टर रैली निकालकर सरकार को अपनी एकजुटता प्रदर्शित की थी और आज शुक्रवार को आठवें दौर की बातचीत के पहले दोनों खेमों से अपनी बात से पीछे न हटने के खम ठोंके जा रहे हैं।
उधर सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने कहा है कि उम्मीद है कि बातचीत से रास्ता निकल जायेगा।जबकि उच्चतम न्यायालय ने कोरोना के दौर में किसानों के जमावड़े को लेकर आज चिंता जताई है।
केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों और मोदी सरकार के बीच आज होने वाली वार्ता से पहले प्रमुख किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि अब इस आंदोलन को खत्म कराने की जिम्मेवारी केवल सरकार पर है। टिकैत ने कहा कि हमारे पास अब कोई फॉर्मूला नहीं है,सरकार के पास फॉर्मूला है, सरकार के पास बहुत ज्ञानी लोग हैं वो लेकर आएंगे।

टिकैत ने कहा कि किसान नेताओं ने बता दिया है कि कानून की वापसी, एमएसपी पर कानून और स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के बिना बात नहीं बनेगी।उन्होंने कहा कि इस आंदोलन के दौरान जो किसान शाहिद हुए हैं उनके लिए मौन रखेंगे,किसान ने सरकार से कह दिया है कि हमें ये कानून नहीं चाहिए।
अब सरकार कानून खत्म करें। राकेश टिकैत ने कहा कि अगर कोई व्यापारी एमएसपी से कम दाम पर उपज खरीदेगा तो उसके खिलाफ किस कानून के तहत केस दर्ज होगा।
लम्बे आन्दोलन की नीयत से सड़क पर उतरे राकेश टिकैत ने केंद्र सरकार को चेताते हुए कहा कि हम तो प्लान बना रहे है कि की ये आंदोलन मई 2024 तक चलता रहे, खेती भी चलती रहेगी और आंदोलन भी चलता रहेगा।
सरकार कह रही है कि कानून में संशोधन कर देंगे,सुप्रीम कोर्ट को सरकार को टाइट करना चाहिए। ये किसानों को मरकज नहीं समझे,ये सरकार के वकील ने कहा है।हम कोरोना का पूरा धयान रख रहे हैं,सफाई रख रहे हैं।सरकार को भी फॉलो करना चाहिए, बिहार चुनाव में कोरोना नियम की धज्जियां उड़ाई गईं।
झारखंड में रोड मार्च निकाल रहे हैं,आज बातचीत कर रहे हैं उसी लाइन पर सरकार काम करेगी। उधर इस बीच सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर भी गाजीपुर अपने समर्थकों के साथ पहुंची और राकेश टिकैत से बात की है।
कुल मिला आज होने वाली आठवें दौर की बातचीत से पहले जिस तरह से किसान नेताओं व सरकार ने अपनी बात पर अडिग रहने की बात दोहराई है उससे तो नही लगता कि कोई हल निकल सकता है।दोनों तरफ़ से कृषि क़ानून के मुद्दे पर राजनीति हावी होती जा रही है।