★मुकेश सेठ★
★मुम्बई★
[नीरव मोदी की बढ़ी मुश्किलें, ED नीरव की बहन और बहनोई की मदद से 580 करोड़ की संपत्ति नीलाम करेगी,छोटी बहन पूर्वी मोदी व बहनोई मयंक बने सरकारी गवाह]
{पूर्वी ने ED को बताया नीरव के पास मुम्बई में 19.5करोड़ का फ़्लैट, न्यूयॉर्क में 220 करोड़ के 2 फ्लैट्स,स्विस बैंक में 270 करोड़ के दो खाते, लंदन में 62 करोड़ का एक फ्लैट व मुम्बई में 1.92 करोड़ रुपये का एकाउंट है}
(पूर्वी मेहता बेल्जियम की तो पति मयंक के पास है ब्रिटेन की नागरिकता,इन दोनों के जरिये ही क़रीब 12000 करोड़ रुपये नीरव मोदी ने ठिकाने लगाने में सफ़ल रहा)
♂÷पंजाब नेशनल बैंक (PNB) फ्रॉड मामले में भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी की मुसीबतें और बढ़ सकती हैं। नीरव मोदी की बहन पूर्वी मेहता और बहनोई मयंक मेहता 14 हजार करोड़ रुपए के पंजाब नेशनल बैंक(PNB)घोटाले में सरकारी गवाह बन गए हैं। दोनों की मदद से प्रवर्तन निदेशालय (ED) अब नीरव मोदी की 579 करोड़ रुपये की संपत्ति को बिना किसी कानून उलझन के नीलाम कर पाएगी। पूर्वी मोदी ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) को दिए गए अपने बयान में अपने बैंक अकाउंट्स और संपत्ति और एक ट्स्ट का ब्योरा दिया है। नीरव मोदी की बहन और बहनोई के उसके खिलाफ सरकारी गवाह बनने से भगोड़े नीरव मोदी और उसके मामा मेहुल चौकसी के खिलाफ ED का केस मजबूत हो गया है।
नीरव मोदी के खिलाफ पूर्वी मेहता ने जो अहम सबूत मुहैया कराये हैं उनमें मुंबई में 19.5 करोड़ रुपए का एक फ्लैट, न्यूयॉर्क में 220 करोड़ रुपए के 2 फ्लैट्स, स्विस बैंक में 270 करोड़ रुपए के दो अकाउंट्स, लंदन में 62 करोड़ रुपए का एक फ्लैट और मुंबई में 1.92 करोड़ रुपए का एक बैंक अकाउंट शामिल है। इन दोनों की मदद से ED इन संपत्तियों को अब नीलाम कर सकेगी। आपको बता दें कि पूर्वी मेहता और उनके पति मयंक मेहता ने मुंबई हाईकोर्ट में सरकारी गवाह बनने की अर्जी लगाई थी। इसमें उन्होंने कहा था कि वे नीरव मोदी के खिलाफ अहम सबूत मुहैया कराने में ED की मदद करने को भी राजी हैं। कोर्ट ने अर्जी मंजूर करते हुए उन्हें गवाह बनने की इजाजत दे दी।
पूर्वी मेहता, हीरा कारोबारी नीरव मोदी की छोटी बहन हैं और वो बेल्जियम की नागरिक हैं जबकि उनके पति मयंक के पास ब्रिटेन की नागरिकता है। ED ने इस मामले में पूर्वी और और उनके पति को नीरव मोदी के साथ सह-अभियुक्त बनाया है और न्यूयॉर्क और लंदन स्थित उनकी सपत्ति को जब्त भी कर लिया है। आरोप है कि इन दोनों के जरिये ही नीरव मोदी ने 12,000 करोड़ रुपये तक की राशि को ठिकाने लगाने में कामयाबी हासिल की है। ईडी का आरोप है कि भारत और विदेशों में अलग-अलग संस्थाओं, बैंक अकाउंट और ट्रस्ट में पूर्वी के नाम का इस्तेमाल किया जाता रहा है। इसके चलते इंटरपोल ने पूर्वी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था।
कानून के जानकारों का कहना है कि भले ही नीरव मोदी की बहन और उनके पति सरकारी गवाह बन गए हैं, लेकिन इससे उन्हें सजा से माफी नहीं मिलेगी। लॉ ऑफ एविडेंस (Law of Evidence) के तहत दोनों को ये फायदा होगा कि उनकी सजा को कम करने के बारे में अदालत विचार कर सकती है। उनके गवाह बनने से इससे जांच एजेंसियों को यह फायदा होगा कि वे नीरव मोदी के खिलाफ और ज्यादा पुख्ता सबूत इकट्ठा कर सकेंगे। इससे नीरव मोदी के खिलाफ लंदन की अदालत में चल रहे प्रत्यर्पण मामले में मदद मिलेगी। साथ ही नीरव मोदी की बहन और बहनोई की जो संपत्ति ED ने लंदन और न्यूयॉर्क जब्त की है, वो अब वापस नहीं मिलेगी।