★मुकेश सेठ★
★मुम्बई★
{25वें संशोधन से मुझे कोई नुकसान नही होगा,इससे कोई फ़र्क नही पड़ेगा,लोगों में गुस्सा बढ़ेगा किंतु हम हिंसा नही चाहते=ट्रम्प}
[उपराष्ट्रपति माइक पेन्स ने स्पीकर नैंसी पेलोसी को पत्र लिखकर कहा कि कोई चुना हुआ राष्ट्रपति अपना कार्यकाल पूरा न कर पाए उसे पहले हटा दिया जाये, ये किसी भी देश के लिए शर्म की बात है]
(यूट्यूब ने प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रम्प का यूट्यूब चैनल एक हफ़्ते के लिए किया सस्पेंड, इस चैनल पर अपलोड किए गए कुछ वीडियो को माना गया है भड़काऊ)
[FBI के सहायक निदेशक स्टीवन डी अंतूनों ने बताया कि कैपिटल हिल हिंसा मामलें में मिले 1 लाख वीडियो व फ़ोटो के आधार पर आरोपियों की पहचान की जा रही है]
♂÷विपक्ष के महाभियोग प्रस्ताव पर चर्चा शुरू हो चुकी है इसके बाद भी अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प पर कोई फ़र्क पड़ता नही दिख रहा है वह कह रहे हैं कि 25वें संशोधन से मुझे कोबई नुकसान नही होगा।

उधर राष्ट्रपति ट्रम्प को उपराष्ट्रपति माइक पेन्स का साथ मिला है उन्होंने कहा कि ये किसी भी देश के लिए शर्म की बात होगी कि किसी चुने हुए राष्ट्रपति को कार्यकाल पूर्ण करने से पहले ही महाभियोग के जरिये हटाया जाय।
ट्रम्प को एक और झटका यूट्यूब ने दिया है उनके चैनल को एक हफ़्ते के लिए सस्पेंड कर दिया है।
प्रेसिडेंट ट्रम्प को भले ही पेन्स का साथ मिला किंतु कई रिपब्लिकन सांसदों ने उनकी टेंशन बढ़ा दी है।
ट्रंप को 25वें संशोधन के जरिए हटाने का प्रस्ताव मैरीलेंड के डेमोक्रेट रिप्रेजेंटेटिव जेमी रस्किन ने पेश किया है।हालांकि उपराष्ट्रपति माइक पेंस ने स्पीकर नैंसी पेलोसी को पत्र लिखते हुए कहा कि ये किसी भी देश के लिए शर्म की बात होगी कि किसी चुने हुए राष्ट्रपति को कार्यकाल पूरा करने से पहले ही हटाया जाए।
कई रिपब्लिकन ट्रंप के खिलाफ भी हैं
विदित हो कि कैपिटल हिल हिंसा मामले को अमेरिका ही नही बल्कि संयुक्त राष्ट्र महासचिव समेत भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी समेत दुनियां के तमाम देशों ने उनकी आलोचना की थी।
महाभियोग का सामना कर रहे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ महाभियोग के प्रस्ताव पर बहस शुरू हो गई है,अमेरिकी संसद में महाभियोग के पक्ष और विरोध में दलीलें दी जा रहीं हैं। इस बीच, डेमोक्रेट्स के भारी दबाव के बावजूद उपराष्ट्रपति माइक पेंस ने ट्रंप को पद से हटाने के लिए संविधान के 25वें संशोधन का इस्तेमाल करने से इनकार कर दिया है।पेंस ने हाउस स्पीकर नैंसी पेलोसी को पत्र लिखकर स्पष्ट कर दिया कि उनका ऐसा कोई इरादा नहीं है।
डोनाल्ड ट्रंप के लिए माइक पेंस का साथ राहत की बात हो सकती है, लेकिन उनकी पार्टी में दरार पड़ती नजर आ रही है।कई रिपब्लिकन सांसदों ने डेमोक्रेट्स के प्रस्ताव का समर्थन करते हुए ऐलान किया है कि वो डोनाल्ड ट्रंप को हटाने के पक्ष में मतदान करेंगे। हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में रिपब्लिकन की तरफ से नंबर 3 की पोजीशन रखने वालीं लिज चेनी ने कैपिटल हिल हिंसा के लिए सीधे तौर पर डोनाल्ड ट्रंप को दोषी मानते हुए कहा है कि वो महाभियोग प्रस्ताव के समर्थन में वोट करेंगी,लिज रिपब्लिकन के पूर्व उपराष्ट्रपति डिक चेनी की बेटी हैं।
लिज की तरह, रिपब्लिकन जॉन काटको और एडम किंजिंगर ने भी ऐलान किया है कि वो महाभियोग के पक्ष में मतदान करेंगे।खबर है कि कई अन्य सांसद भी आखिरी वक्त में ट्रंप का साथ छोड़कर डेमोक्रेट्स के अभियान का हिस्सा बन सकते हैं।
बता दें कि ट्रंप को 25वें संशोधन के जरिए हटाने का प्रस्ताव मैरीलेंड के डेमोक्रेट रिप्रेजेंटेटिव जेमी रस्किन ने पेश किया है। डेमोक्रेट्स की मांग थी कि ट्रंप को हटाकर शपथ ग्रहण तक पेंस कार्यकारी राष्ट्रपति बनकर जिम्मेदारी संभाले।
विपक्ष के महाभियोग प्रस्ताव से डोनाल्ड ट्रंप बिल्कुल भी आशंकित नहीं हैं। उन्होंने कहा है कि इससे उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता।
राष्ट्रपति ने मंगलवार को कहा कि 25वें संशोधन से मुझे कोई नुकसान नहीं होगा,इससे पहले, उन्होंने अपने खिलाफ लाए गए महाभियोग की प्रक्रिया को बेतुका बताया था।उन्होंने इसे राजनीति के इतिहास का सबसे बड़ा ‘विच हंट’ करार देते हुए कहा था कि मुझे लगता है कि इससे गुस्सा बढ़ेगा, हालांकि ट्रंप ने ये भी कहा कि हम हिंसा नहीं चाहते।
वहीं, फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टीगेशन पिछले हफ्ते हुई कैपिटल हिल हिंसा मामले में दर्ज केस खंगालने में लगी है, FBI कम से कम 160 मामलों पर काम कर रही है।एजेंसी के फील्ड ऑफिस के प्रभारी सहायक निदेशक स्टीवन डी’अंटूनो ने मीडिया ब्रीफिंग में बताया कि एफबीआई को 100,000 वीडियो और फोटो मिले थे, जिनके आधार पर आरोपियों की पहचान की जा रही है।
उधर, यूट्यूब ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का चैनल एक हफ्ते के लिए सस्पेंड कर दिया है।CNN की रिपोर्ट के अनुसार, इस चैनल पर अपलोड किए गए कुछ वीडियो को भड़काउ माना गया है।कंपनी ने अपने बयान में कहा है कि कुछ वीडियो हमारी नीतियों से मेल नहीं खाते हैं।