★मुकेश सेठ★
★मुम्बई★
{कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा गाँधी ने मुजफ्फरनगर में आयोजित किसान पंचायत में मोदी पर किया सियासी हमला, जब टिकैत के आँखों में आँसू आ गए थे तब प्रधानमंत्री मुस्कुरा रहे थे}
[जो किसान अपने बेटों को देश की सुरक्षा के लिए सीमा पर भेजता है उन किसानों का किया गया अपमान, उन्हें आतंकवादी कहा गया कहा काँग्रेस नेता नें]
♂÷हर नेता को अहसास होना चाहिए कि देश की जनता उन पर अहसान करती है, मुझे तो इस बात का पूरा अहसास है।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा गाँधी ने आज उत्तरप्रदेश के मुज़फ्फरनगर में प्रधानमंत्री व किसानों की पंचायत में बीजेपी पर जमकर सियासी तीर छोड़े और कहा कि अगर पूरे देश के किसान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से तीनों कृषि क़ानून को वापस लेने की मांग कर रहे हैं तो वह इन कानूनों को वापस क्यो नही ले रहे हैं।
काँग्रेस नेत्री प्रियंका वाड्रा गाँधी आज शनिवार को किसानों की पंचायत को संबधित करने पहुँची थी। उन्होने इस दौरान किसानों की बात न सुनने के लिए सरकार पर निशाना साधा।
उन्होने कहा कि जिस जनता ने सरकार को मत दिए हैं उस जनता के बारे में सरकार को सोचना चाहिए। इसके साथ प्रियंका ने किसानों को संबोधित करते हुए कई बार पीएम मोदी को भी निशाने पर लिया।
संबोधन मे प्रियंका ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किन किसानों के साथ बातचीत कर तीन नए कृषि कानून लाए हैं और अगर पूरे देश के किसान पीएम मोदी से कृषि कानून वापस लेने की अपील कर रहे हैं तो वह इन कानूनों को वापस क्यों नहीं ले रहें हैं।
प्रियंका गाँधी ने कहा कि हर नेता को अहसास होना चाहिए कि देश की जनता उन पर अहसान करती है। मुझे इस बात का पूरा अहसास है।
उन्होने कहा कि दिल्ली बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों का अपमान किया गया है। जो किसान अपने बेटों को देश की सुरक्षा के लिए सीमा पर भेजता है उन किसानों का अपमान किया गया। उन्हे आतंकवादी कहा गया। पीएम मोदी ने भरी संसद में किसानों को परजीवी बोल कर किसानों का मज़ाक उड़ाया।
प्रियंका ने कहा कि जब किसान नेता राकेश टिकैत के आँखों में आँसु आ गए थे तब प्रधानमंत्री मुस्कुरा रहे थे।
उन्होने गन्ने के बकाया पर सरकार को घेरा और कहा कि पीएम मोदी ने गन्ने का बकाया चुकाने का वादा किया था और किसानों की आमदनी बढ़ाने का वादा किया था। आमदनी बढ़ी क्या?
रियंका गाँधी इससे पहले यूपी के सहारनपुर और बिजनौर में भी किसान महापंचायतों में शामिल हो चुकी है।
बिजनौर में किसानों को संबोधित करते हुए गन्ने की बकाया रकम का मामला उठाया था। उन्होने कहा था कि यूपी किसानों का, गन्ना किसानों का 10 हज़ार करोड़ रूपये बकाया है। अगर पूरे देश में देखा जाए तो 15,000 करोड़ रूपये बकाया होगा। आप सोच सकते हैं कि ऐसे प्रधानमंत्री जिन्होने अब तक किसानों का बकाया पूरा नहीं किया है।
