लेखक~नीरज सिंह
♂÷सन 1657-58 तक शिवाजी ने कई जहाजों का निर्माण कराया। शिवाजी ने प्रशिक्षित लोगों को इसका काम सौंपा और 20 वॉरशिप्स तैयार करवाई थीं। शिवाजी ने जंजीरा कोस्ट लाइन पर सिद्दीस के खिलाफ कई लड़ाईयां लड़ीं। आज मराठा साम्राज्य के संस्थापक, बहादुर योद्धा छत्रपति शिवाजी महाराजी की जयंती है। छत्रपति शिवाजी को देश के सबसे उन्नतशील और विवेकशील शासकों में गिना जाता है। 19 फरवरी 1630 को उनका जन्म प्रतिष्ठित शिवनेरी किले में हुआ था। तब से लेकर आज तक महाराष्ट्र में उनकी जयंती को पारंपरिक तरीके से मनाया जाता है।
आप में से बहुत से ऐसे होंगे, जिन्हें शायद इस बात का अंदाजा नहीं है कि शिवाजी को ‘फादर ऑफ इंडियन नेवी’ भी कहा जाता है। समुद्र पर दुश्मनों के दांत खट्टे करती नौसेना की जो ताकत आज आप देखते हैं, उसकी परिकल्पना का श्रेय शिवाजी को ही जाता है।
शिवाजी ने डाली नौसेना की नींव
छत्रपति शिवाजी मराठा मिलिट्री फोर्सेज के तहत आने वाली नौसेना को शुरू करने वाले व्यक्ति थे। शिवाजी के दौर में मराठा शासन ने 1674 में नेवी फोर्स को स्थापित करने का काम किया था। शिवाजी को इस आधारशिला को मजबूत करने का श्रेय दिया जाता है। छत्रपति शिवाजी ने कोंकण और गोवा में समंदर की रक्षा के लिए एक मजबूत नेवी की स्थापना की। शिवाजी इस हिस्से को अरब, पुर्तगाली, ब्रिटिश और समुद्री लुटेरों से बचाना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने भिवंडी, कल्याण और पनवेल में लड़ाई के लिए जहाज तैयार करवाए थे।
पहला जहाज 1654 में हुआ तैयार
इतिहासकार जादूनाथ सरकार ने लिखा है, ‘मध्यकालीन दौर में जब मुगल भारत में आए तो उन्होंने मिलिट्री की नौसैनिक बल की क्षमताओं को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया था। ऐसा इसलिए था क्योंकि वो शासक उत्तरी क्षेत्र से होते हुए आगे बढ़े थे। जहां पर उन्होंने जमीन पर कई लड़ाईयां आसानी से जीत ली थीं, लेकिन जब पुर्तगाली भारत में आए तो उन्होंने पश्चिमी क्षेत्र पर अपना प्रभुत्व कायम करने की कोशिशें की। वो यहां पर व्यापार को नियंत्रित करना चाहते थे और उस पर अपना अधिकार चाहते थे। यह छत्रपति शिवाजी महाराज ही थे जिन्होंने एक मजबूत नेवी की अहमियत पर बल दिया। इसकी वजह से उन्होंने पहले मराठा जहाज का निर्माण किया। इसे कल्याण के करीब सन 1654 में तैयार किया गया था।
शिवाजी के पास 500 जहाज
सन 1657-58 तक शिवाजी ने कई जहाजों का निर्माण कराया। शिवाजी ने प्रशिक्षित लोगों को इसका काम सौंपा और 20 वॉरशिप्स तैयार करवाई थीं। शिवाजी ने जंजीरा कोस्ट लाइन पर सिद्दीस के खिलाफ कई लड़ाईयां लड़ीं। शिवाजी के बेड़े में दो स्क्वाड्रन थीं। हर स्क्वाड्रन में 200 जहाज थे और सब अलग-अलग क्लास के थे। शिवाजी के सचिव रहे मल्हारा राव चिटनिस के मुताबिक यह संख्या 400 से 500 थी।
शिवाजी की नेवी में 5000 नौसैनिक
कहते हैं सन 1674 में छत्रपति शिवाजी महाराज की वजह से गोवा में पुर्तगालियों को मराठा नौसेना की ताकत का अहसास हो सका था। इसके बाद उन्होंने छत्रपति शिवाजी के पास कुछ तोहफों के साथ एक दूत भेजा था। इसके बाद दोनों के बीच दोस्ती का एक समझौता हुआ। इस समय मराठा नेवी के पास करीब 5,000 नौसैनिक और 57 वॉरशिप्स थीं। इसके बाद कारवार तक मराठा नेवी ने अपना विस्तार किया। यह जगह आज कर्नाटक में है और इंडियन नेवी का अहम बेस है। यहां पर नेवी के पास करीब 85 वॉरबोट थीं, जिनका वजन करीब 30 से 150 टन था।
160 जहाजों के साथ एक फ्लीट
इंग्लिश, डच, पुर्तगाली और डच ने भी मराठा शिप्स का जिक्र किया है, लेकिन इनकी संख्या कितनी थी यह नहीं बताया। कहा जाता है कि शिवाजी की फ्लीट में 160 से 700 तक व्यापारी थे। फरवरी 1665 में शिवाजी ने खुद बसरूर में अपनी सेना को जोड़ा। इंग्लिश फैक्ट्री रिकॉर्ड के मुताबिक शिवाजी की सेना में 85 फ्रिगेट यानी लड़ाई के लिए एक छोटा जहाज और तीन बड़े जहाज थे। नवंबर 1670 में कोलाबा जिले में नंदगांव में 160 जहाजों को इकट्ठा करके एक फ्लीट तैयार की गई। दरिया सांरग इस फ्लीट के एडमिरल थे।
मॉर्डन नेवी मराठा नेवी का ही हिस्सा
आज की मॉर्डन इंडियन नेवी को उसी नेवी का हिस्सा माना जाता है, जिसकी स्थापना मराठाओं ने की और फिर शिवाजी ने इसे विस्तार दिया। इसी वजह से शिवाजी को ‘फादर ऑफ इंडियन नेवी’ कहते हैं।

÷लेखक दैनिक जागरण लखनऊ में वरिष्ठ पत्रकार व उपसम्पादक हैं÷