★मुकेश सेठ★
★मुम्बई★
[चीन के NSA यांग जिइची ने कहा कि यदि कोई देश चीन के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप बन्द नही करता तो तो हम कड़ा जवाब देने के लिए हो जाएंगे मजबूर]
(अमेरिकी विदेशमंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने चीन को दी चेतावनी की वह वैश्विक व्यवस्था का करे सम्मान या और ज़्यादा हिंसक दुनियां का करे सामना)
{जो बाइडन के प्रेसिडेंट बनने के बाद अलास्का में पहली बार अमेरिका-चीन की हो रही बहुचर्चित बैठक रही हंगामेदार,चीनी विदेशमंत्री ने कहा मेहमानों का इस तरह स्वागत नही किया जाना चाहिए}
♂÷जो बाइडन के अमेरिका के राष्ट्रपति बनने के बाद पहली बार अमेरिका के अलास्का में अमेरिका व चीन की महत्वपूर्ण बैठक हो रही है।दोनों देश एक दूसरे के ऊपर अपने-अपने मुद्दे को लेकर बैठक में गर्म हो उठे हैं। चीन ने जहाँ अमेरिका को चीन के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने पर घेरा, तो अमेरिका ने भी दिया तीखे तेवर अपनाते हुए जवाब दिया कि अमेरिका का इरादा क़ानून आधारित व्यवस्था की रक्षा करना है।
बैठक में जहां चीन ने कहा कि आंतरिक मामलों में दखलंदाजी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। वहीं, अमेरिका ने कहा कि उसका इरादा कानून आधारित व्यवस्था की रक्षा करना है, जो वैश्विक स्थिरता को बनाती है, इसके बिना दुनिया और ज्यादा हिंसक हो जाएगी,इसके बाद दोनों पक्षों में जमकर बहस हुई।
अमेरिका और चीन के बीच अलास्का में बातचीत शुरू हो गई है, जो बाइडेन के राष्ट्रपति बनने के बाद दोनों देशों के बीच यह पहली आधिकारिक बैठक है और बैठक की शुरुआत में ही दोनों देशों में ठन गई।
चीन ने जहां आंतरिक मामलों में अमेरिकी हस्तक्षेप का विरोध किया है, वहीं, अमेरिका ने भी स्पष्ट कर दिया है कि उसे अपनी आदतों में सुधार करना होगा।
इस बहुचर्चित बैठक में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुल्लिवान और चीन के विदेश मंत्री वांग यी और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार यांग जिइची भाग ले रहे हैं।
चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के केंद्रीय विदेश मामलों के आयोग के निदेशक और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार यांग जिइची ने कहा कि चीन ने अमेरिकी अधिकारियों के समक्ष अपना विरोध दर्ज कराते हुए स्पष्ट किया कि आंतरिक मामलों में दखलंदाजी उसे बर्दाश्त नहीं है। उन्होंने यहां तक कहा कि यदि कोई देश चीन के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप बंद नहीं करता, तो हम कड़ा जवाब देने को विवश हो जाएंगे। जिइची ने यह भी कहा कि दोनों देशों को कोल्ड वॉर वाली मानसिकता छोड़नी होगी।
रिपोर्ट के अनुसार, बैठक में अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने भी चीन को जमकर सुनाया। उन्होंने बीजिंग को चेतावनी दी कि वह वैश्विक व्यवस्था का सम्मान करे या और ज्यादा हिंसक दुनिया का सामना करे। विदेश मंत्री ने अलास्का में चीनी अधिकारियों से कहा कि शिंजियांग, हांगकांग, ताइवान, अमेरिका पर साइबर हमले और अमेरिका के दोस्तों के खिलाफ आर्थिक सीनाजोरी ने कानून आधारित व्यवस्था के लिए खतरा पैदा कर दिया है।
ब्लिंकन ने आगे कहा कि अमेरिका का इरादा कानून आधारित व्यवस्था की रक्षा करना है, जो वैश्विक स्थिरता को बनाती है, इसके बिना दुनिया और ज्यादा हिंसक हो जाएगी। अमेरिकी विदेश मंत्री ने चीन के इस दावे को भी खारिज कर दिया शिंजियांग, हांगकांग और ताइवान उसका आंतरिक मामला है। ब्लिंकन के तीखे तेवर देखकर चीन के विदेश मंत्री वांग यी भी भड़क गए।उन्होंने कहा, ‘मेहमानों का इस तरह स्वागत नहीं किया जाना चाहिए था’, इसके बाद दोनों पक्षों में काफी देर तक गहमागहमी चलती रही।
