★मुकेश सेठ★
★मुम्बई★
{ईरान के लम्बी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलें है चिंता के विषय कहा पश्चिमी देशों ने}
[अमेरिका पहले ही ईरान के रेवोल्यूशनरी गार्ड्स को घोषित कर चुका है आतंकवादी समूह,दोनो देशों के तनाव पहुँचते जा रहे है चरम पर]

♂÷अमेरिका ने शुक्रवार को मिड्ल ईस्ट में 1500 सैनिकों की तैनाती की घोषणा की है यह तैनाती ईरान के साथ तनाव के बीच की गई है।
ईरान के विदेश मंत्री ने अमेरिका के इस कदम को गलत बताते हुए कहा कि क्षेत्र में सैनिकों की तैनाती करने वाला अमेरिकी कदम अंतरराष्ट्रीय शांति के लिए काफी खतरनाक होगा।
वहीं ईरानी न्यूज एजेंसी मिजान ने ईरानी मिलिट्री अधिकारी का हवाला देते हुए कहा है – खाड़ी क्षेत्र में भेजे गए अमेरिकी जंगी जहाजों (वॉरशिप) को मिसाइल व गोपनीय हथियारों से ईरान डूबा सकता है। ईरान के किसी भी हमले से निपटने के लिए अमेरिका ने पश्चिम एशिया में पहले ही विमानवाहक पोत और बमवर्षक विमान तैनात कर दिए हैं।

ईरान के मिलिट्री कमांड के सलाहकार जनरल मोर्तजा कुर्बानी ने न्यूज एजेंसी को बताया, अमेरिका यहां दो जंगी जहाज भेज रहा है यदि वे मूर्खतापूर्ण हरकत करते हैं तो हम अपने मिसाइलों या अन्य गोपनीय हथियारों की मदद से क्रू समेत इन जहाजों को समुद्र के तल में भेज देंगे।

पश्चिमी देशों के विशेषज्ञों का कहना है कि ईरान अक्सर अपने हथियारों की क्षमता को बढ़ा-चढ़ा कर पेश करता है। हालांकि उसके मिसाइल कार्यक्रम खास तौर पर लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलें दुनिया भर के लिए चिंता का विषय जरूर है।
बता दें कि दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर पहुँच चुका है, अमेरिका पहले ही ईरान के रेवॉल्यूशनरी गार्ड्स को आतंकवादी समूह घोषित कर चुका है। अमेरिका ने इसी महीने मध्य पूर्व में एक टैंकर पर हमले के लिए ईरान के रेवॉल्यूशनरी गार्ड्स को जिम्मेदार ठहरा चुका है।