★मुकेश सेठ★
★मुम्बई★
{विजय सिंह गुर्जर ने तय किया हवलदार से IPS तक का सफर, नौकरी के साथ करते थे घण्टो पढ़ाई}
[राजस्थान के झुंझुनूं निवासी विजय सिंह ने स्नातक के पश्चात दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल की नौकरी के साथ सबइंस्पेक्टर की पोस्ट की थी हासिल]
(2012 में SSC-CJL एक्ज़ाम उत्तीर्ण करने पर बने इनकम टैक्स इंस्पेक्टर किन्तु यूपीएससी की तीसरी बार की परीक्षा में रहे सफ़ल)
♂÷मेहनत और लगन अगर ये दो किसी के पास है, तो उसके हौंसलों को खुद उड़ान मिलती है। इसकी मिसाल हैं आईपीएस ऑफिसर विजय सिंह गुर्जर।
जिंदगी में कुछ भी सच हो सकता है यदि आपके पास कुछ करने का जुनून है। हर साल संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा के रिजल्ट में कई कैंडिडेट्स इस बात को सही साबित करते हैं। इनमें से एक है विजय सिंह गुर्जर। विजय सिंह गुर्जर ने एक कॉनस्टेबल से आईपीएस की सफर तय किया।
राजस्थान के झुनझुनू के रहने वाले विजय सिंह गुर्जर हिंदी माध्यम के सरकारी स्कूल से पढ़े हैं।उन्होंने साल 2017 में यूपीएससी की परीक्षा में 547वीं रैंक हासिल की है। हालांकि, यहां तक का सफर विजय के लिए आसान नहीं थी।
विजय ने साल 2002 में 10वीं की परीक्षा सेकंड डिविजन से पास की थी। इसके बाद उन्होंने साल 2004 में फर्स्ट डिविजन के साथ 12वीं की परीक्षा पास की थी। साल 2009 में विजय ने संस्कृत में ग्रेजुएशन किया। ग्रेजुएशन के बाद साल 2010 में दिल्ली पुलिस में कॉन्स्टेबल की नौकरी शुरू की।
विजय ने पुलिस कॉन्स्टेबल की नौकरी करते हुए सब-इंस्पेक्टर की तैयारी की। साल 2010 में उनका सिलेक्शन इस पोस्ट पर हो गया। विजय यही पर नहीं रुके। साल 2012 में उन्होंने एसएससी सीजीएल परीक्षा में सफलता हासिल की।
एसएससी परीक्षा पास करने के बाद उन्हें सेंट्रल एक्साइज और कस्टम डिपार्टमेंट ज्वाइन किया। साल 2014 में उन्हें इनकम टैक्स इंस्पेक्टर का पद मिला। हालांकि, विजय का सपना यूपीएससी था। हालांकि, इस परीक्षा में वह तीन बार असफल रहे।
विजय ने दो बार यूपीएससी की परीक्षा दी। हालांकि, दोनों ही बार वह असफल रहे। साल 2016 उन्होंने तीसरी बार सिविल सेवा की परीक्षा दी। इस बार वह इंटरव्यू में पहुंच गए। यूपीएससी में उनका ऑप्शनल सब्जेक्ट संस्कृत था।
साल 2016 के एग्जाम में वह महज 8 अंकों से फाइनल लिस्ट में आने से चूक गए। विजय ने हार नहीं मारी चौथी बार परीक्षा दी। इस बार उनका चयन हो गया। विजय नौकरी के साथ रोजाना घण्टो पढ़ाई करते थे।