★मुकेश सेठ★
★मुम्बई★
{मुम्बई से लौटे काँग्रेस के बागी विधायक व बेंगलुरु विकास प्राधिकरण के चेयरमैन एसटी सोमशेखर ने कहा कि मैं यही रहूँगा वापस मुम्बई नही जा रहा}
[मुम्बई में कर्नाटक सरकार के कांग्रेसी मन्त्री डीके शिवकुमार को पुलिस ने होटल में रुके बागी विधायकों से मिलने से रोकते हुए भेजा जबरन बेंगलुरू]
(मुम्बई काँग्रेस, राकांपा ने कहा बीजेपी कर रही लोकतंत्र की हत्या,पुलिस ने लिया था मन्त्री डीके शिवकुमार समेत मिलिन्द देवड़ा,नसीम खान,भाई जगताप,संजय निरुपम को कस्टडी में)
{देवड़ा के नेतृत्व में कॉंग्रेसियो ने पुलिस कमिश्नर से मिलकर पुलिस की कार्यप्रणाली पर जताया तीखा विरोध}
[काँग्रेस के दो विधायक टीवी नागराज व के सुधाकर ने भी दिया इस्तीफ़ा]

♂÷कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन की सरकार खतरे में हैं। एक के बाद एक विधायकों के इस्तीफे हो रहे हैं और बागी विधायक कांग्रेस-जेडीएस नेताओं से बात तक करने को तैयार नहीं हैं। इस बार कांग्रेस के बागी विधायक एसटी सोमशेखर मुंबई से लौटकर बेंगलुरु आ गए हैं। उन्होंने कहा है कि उन्होंने इस्तीफा भले ही दे दिया हो लेकिन वह अभी भी कांग्रेस में ही हैं।
गौरतलब है कि एसटी सोमशेखर बेंगलुरु विकास प्राधिकरण (बीडीए) के चेयरमैन भी हैं। गुरुवार को होने वाली बीडीए की बैठक में हिस्सा लेने के लिए वह यहां पहुंचे हैं। बेंगलुरु पहुंचने के बाद सोमशेखर ने कहा, ‘मैं यहीं रहूंगा, मैं वापस मुंबई नहीं जा रहा हूं। मैं विधायक पद से इस्तीफा दिया है लेकिन अभी भी कांग्रेस में हूं।’
आपको बता दें कि मंगलवार को जिन 10 विधायकों ने मुंबई पुलिस कमिश्नर को चिट्ठी लिखकर सुरक्षा मांगी थी, उसमें एसटी सोमशेखर भी शामिल थे।

उधर कांग्रेस नेता व मन्त्री डी के शिवकुमार इन विधायकों से मिलने मुंबई पहुंचे जिससे मुम्बई में दिनभर हाइवोल्टेज पोलिटिकल ड्रामा उस वक्त तक चला कि जब तक मुम्बई पुलिस ने डीके शिवकुमार को बेंगलुरु जाने वाली फ़्लाइट पर जबरन बिठाकर वापस भेज न दिया।
हालांकि, डीके शिवकुमार के आने से पहले ही पवई के लग्ज़री होटल रेनसंस में ठहरे बागी विधायकों की अपील पर मुंबई पुलिस ने होटेल के बाहर जबरदस्त किलेबंदी कर रखी थी। डी के शिवकुमार विधायकों से नहीं मिल पाए और उन्हें पुलिस ने हिरासत में ले लिया गया जिस पर मन्त्री ने पुलिस को दलील दी कि होटल में उनके मित्र है वह मिलने आये है मुझे उनसे मिलना है और बात करनी है किंतु मुम्बई पुलिस ने डीके शिवकुमार की एक न सुनी और उनको बताया कि काँग्रेस के 10 विधायकों ने पत्र लिखकर उनसे सुरक्षा मांगी है।
इस दौरान डीके शिवकुमार के मुम्बई के होटल पर पहुँचने की बात सुनकर मुम्बई प्रदेशाध्यक्ष मिलिन्द देवड़ा,विधायक नसीम खान,भाई जगताप,पूर्व मुम्बई अध्यक्ष संजय निरुपम आदि तमाम कांग्रेसी होटल जा पहुँचे और विधायकों से मिलने की बात पर पुलिस से गर्मागर्मी हो गयी।जिस पर पुलिस ने सख्ती दिखाते हुए इन नेताओं को मन्त्री डीके शिवकुमार समेत सबको मुम्बई यूनिवर्सिटी कालीना के कैम्पस में ले जाकर नजरबन्द कर दिया और बाद में डीके शिवकुमार को एयरपोर्ट ले जाकर बेंगलुरु जाने वाली फ़्लाइट में बिठाकर वापस भेज दिया गया।

मुम्बई में काँग्रेस व राकांपा नेताओं ने इस प्रकरण पर बीजेपी व फडणवीस सरकार को लोकतंत्र की हत्यारी बताते हुए जमकर हमला बोला।
महाराष्ट्र काँग्रेस अध्यक्ष अशोक चव्हाण ने कहा कि जो हो रहा है वो लोकतंत्र के लिए खतरा है बीजेपी पहले भी गोआ व मणिपुर में लोकतंत्र का माखौल उड़ा चुकी है, डीके शिवकुमार के साथ पुलिस ने जिस तरह का व्यवहार किया है वह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।
पुर्वमंत्री व विधायक नसीम खान ने कहा कि भाजपा ने जिस तरीके से पवई में पुलिस बल का दुरुपयोग किया है वह सरेआम लोकतंत्र की हत्या करने जैसा है, पुलिस की कार्रवाई बीजेपी सरकार के इशारे पर हुई है, कर्नाटक सरकार को अस्थिर करने के लिए भाजपा सत्ता का दुरुपयोग कर रही है।
राष्ट्रवादी काँग्रेस पार्टी के प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा कि जिस तरह से मन्त्री डीके शिवकुमार को पुलिस ने होटल में जाने से रोका वह फडणवीस सरकार द्वारा सत्ता की ताक़त के दुरुपयोग का जीता जागता प्रमाण है।
बुधवार को ही काँग्रेस मुम्बई अध्यक्ष मिलिन्द देवड़ा के नेतृत्व में पुलिस की हिरासत से छूटने के बाद मुम्बई पुलिस कमिश्नर से एक प्रतिनिमण्डल जिसमे विधायक अमीन पटेल,भाई जगताप आदि शामिल थे ने मिलकर पुलिस की कार्यप्रणाली पर विरोध जताया।
मिलिन्द देवड़ा ने पुलिस आयुक्त से विरोध जताया कि जब वह होटल रेनसंस जा रहे थे तो होटल के आधा किलोमीटर पहले ही उन्हें पुलिस ने रोकने की कोशिश की और साथ गए विधायक नसीम खान,मन्त्री डीके शिवकुमार को कस्टडी में लेकर मुम्बई यूनिवर्सिटी के कैम्पस में नजरबंद कर दिया।
उधर कर्नाटक में चल रही सियासी उठापटक के बीच सीएम एचडी कुमारस्वामी के लिए मंगलवार का दिन थोड़ी राहत लेकर आया था। विधानसभा स्पीकर केआर रमेश कुमार ने फैसला किया है कि वह 13 विधायकों के इस्तीफे के मामले को देखने के लिए कम से कम छह दिन का वक्त लेंगे। इस्तीफा देने वाले विधायकों में 10 कांग्रेस और 3 जेडीएस के हैं। स्पीकर का कहना है कि उन्हें सिर्फ पांच विधायकों के इस्तीफे ही सही फॉर्मेट में मिले हैं।
उधर बेंगलुरु में काँग्रेस के दो और विधायको टीवी नागराज व के सुधाकर ने इस्तीफ़ा दे दिया जिससे अब इस्तीफ़ा देने वाले काँग्रेस के विधायकों की सँख्या बढ़कर 12 हो गयी है।