★मुकेश सेठ★
★मुम्बई★
{गृह मंत्री शाह ने संसद में जम्मू-कश्मीर की स्थिति में बदलाव को लेकर पेश किए ऐतिहासिक प्रस्ताव}
[पूरी घाटी में लगा दिया है कर्फ्यू कहा गुलाम नबी आज़ाद ने तो पीडीपी सांसदों ने सदन में कई संविधान फाड़ने की कोशिश]
{जम्मू कश्मीर के लोगो को आतंकित कर इस क्षेत्र पर अधिकार चाहते हैं कहा महबूबा मुफ़्ती ने}
(हंगामेदार रहा राज्यसभा का माहौल इस ऐतिहासिक मौके पर,7 अगस्त को पीएम मोदी कर सकते हैं राष्ट्र को सम्बोधित)

♂=गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में एक विधेयक पेश किया जिसमें जम्मू कश्मीर राज्य का विभाजन दो केंद्र शासित प्रदेशों के रूप में करने का प्रस्ताव किया गया।
जिस पर उच्च सदन में इस ऐतिहासिक मौके पर खूब हंगामा बरपा तो सत्ता पक्ष व विपक्ष के दिग्गजो ने इस मौके पर जमकर जुबानी तीर चलाये।
राजनेताओं ने कुछ इस तरह गर्मजोशी से इस मोदी सरकार के ईस कदम का स्वागत किया तो लानत मलानत भी की।
पीडीपी नेता व पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती ने तीखा हमला बोलते हुए कहा कि अनुच्छेद 370 पर उठाया गया क़दम उपमहाद्वीप के लिए विनाशकारी परिणाम लेकर आयेगा, वे जम्मू कश्मीर के लोगो को आतंकित कर इस क्षेत्र पर अधिकार चाहते हैं।

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने को लेकर बसपा ने सरकार का समर्थन किया
भाजपा नेता राम माधव ने कहा- अंतत: जम्मू-कश्मीर को भारत में पूर्ण रूप से शामिल किए जाने की श्यामा प्रसाद मुखर्जी समेत हजारों शहीदों की इच्छाओं का सम्मान हुआ।
पीडीपी के सांसदों ने संविधान फाड़ने की कोशिश की,सदन में कांग्रेस के नेता गुलाम बनी आजाद ने इसकी आलोचना की उन्होंने कहा कि हम संविधान के लिए जान की बाजी लगाने को तैयार।
7 अगस्त को पीएम मोदी राष्ट्र को संबोधित कर सकते हैं। जम्मू-कश्मीर अब केंद्र शासित प्रदेश होगा, दो हिस्सों में बंटा राज्य।
लद्दाख बगैर विधानसभा के केंद्र शासित प्रदेश होगा।
जम्मू-कश्मीर को अब एक केंद्र शासित राज्य का दर्जा होगा।
राष्ट्रपति ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छे 35A को हटाने की मंजूरी दी।
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 35A भी हटाया गया।
धारा 370 हटाने का प्रस्ताव पेश किए जाने के बाद राज्यसभा में जोरदार हंगामा।
गृह मंत्री के प्रस्ताव के बाद सदन में जोरदार हंगामा।
गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक भी पेश किया।
गृह मंत्री ने राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने का प्रस्ताव पेश किया।
गृह मंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में धारा 370 के सभी खंड लागू नहीं होंगे।
गृह मंत्री अमित शाह ने कश्मीर से अनुच्छेद 370 खत्म करने की घोषणा की।
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि मुझे पांच मिनट का समय दीजिए।
इस बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी संसद भवन पहुंच गए हैं।
राज्यसभा में गुलाम बनी आजाद ने कहा कि पूरी घाटी में कर्फ्यू लगा दिया गया है।
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि कश्मीर पर हर सवाल का जवाब दूंगा।
अमित शाह के बयान से पहले सदन में हंगामा. कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने पूर्व मुख्यमंत्रियों को नजरबंद किए जाने का सवाल उठाया।
राज्यसभा के सभापति वैंकेया नायडू ने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह कुछ अहम प्रस्ताव करने वाले हैं।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी संसद भवन पहुंच गए हैं।
राज्यसभा पहुंचने पर अमित शाह का मेज थपथपाकर स्वागत किया गया।
राज्यसभा की कार्यवाही शुरू हो चुकी है।गृहमंत्री अमित शाह और पीएम मोदी सदन में मौजूद हैं।
कैबिनेट के फैसले से पीएम मोदी ने एनडीए के सहयोगी दलों को अवगत कराया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद भवन पहुंचे।
कैबिनेट की बैठक के बाद कोई प्रेस ब्रीफिंग नहीं हुई. इस बारे में संसद में बयान देंगे गृह मंत्री अमित शाह।
कश्मीर से इतर लेह क्षेत्र जनजीवन समान्य है। वहां पर स्कूल खुले हुए हैं. बाजारों में लोगों की आवाजाही भी समान्य है।
जम्मू-कश्मीर के ताजा सियासी हालात को लेकर दिल्ली में भी सियासी गलियारों का तापमान बढ़ गया है।केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज सुबह पीएम नरेंद्र मोदी के साथ बैठक करने के बाद संसद भवन पहुंच गए हैं।वे कुछ ही देर में संसद में इस संबंध में बयान देने वाले हैं। इससे पहले उन्होंने कहा कि सरकार कश्मीर पर हर सवाल का जवाब देगी।माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास पर कश्मीर मसले को लेकर हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में लिए गए फैसले की जानकारी गृह मंत्री खुद संसद को देंगे।इसमें कश्मीर को लेकर कोई ऐतिहासिक घोषणा हो सकती है।इससे पहले कश्मीर को लेकर जारी कयासबाजी के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास पर केंद्रीय कैबिनेट की बैठक हुई।इस कैबिनेट बैठक की अहमियत इसी से समझी जा सकती थी कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह निर्धारित बैठक से करीब एक घंटा पहले ही प्रधानमंत्री आवास पहुंच गए थे।सुबह 9.30 बजे से पीएम आवास पर कैबिनेट की बैठक शुरू हुई जो करीब 10.15 तक चली।अमित शाह ने रविवार को भी संसद भवन में अपने कक्ष में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ करीब 2 घंटे तक मंत्रणा की थीं। इस बात के पूरे कयास लगाए जा रहे हैं कि पीएम की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक में जम्मू-कश्मीर के हालातों पर चर्चा के साथ वहां से आर्टिकल 35ए हटाने पर फैसला लिया गया है।