★मुकेश सेठ★
★मुम्बई★
{GDP ग्रोथ पर रेटिंग एजेंसी Crisil की रिपोर्ट चेताने वाली कहा मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियों में ठहराव और निजी उपभोग में बड़ी गिरावट से GDP अनुमान गिरा}
[देश के ऑटो,एफएमजी,टेक्सटाइल इंडस्ट्रीज में है इस समय सुस्ती का माहौल, कई कम्पनियों के बन्द हो जाने से लाखों लोगों की जा चुकी है नौकरी]

रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को कम कर दिया है।इसके साथ ही एजेंसी ने यह भी कहा है कि आर्थिक सुस्ती अंदेशे से कहीं ज्यादा गंभीर है।
भारत में आर्थिक सुस्ती अंदेशे से ज्यादा व्यापक और गहरा है,यह दावा रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने किया है।इसके साथ ही क्रिसिल ने जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को भी घटा दिया है।क्रिसिल के मुताबिक 2019-20 में देश की जीडीपी ग्रोथ 6.3 फीसदी रहने का अनुमान है।इससे पहले रेटिंग एजेंसी ने जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को 6.9 फीसदी पर रखा था,इस लिहाज से जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 0.6 फीसदी कम हो गया है।
क्रिसिल के मुताबिक मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियों में ठहराव और निजी उपभोग में बड़ी गिरावट आई है।इस वजह से जीडीपी ग्रोथ का अनुमान घटा है।इसके साथ ही क्रिसिल ने कहा, ‘जीडीपी ग्रोथ का अनुमान दूसरी तिमाही से मांग बढ़ने और सबसे महत्वपूर्ण अर्थव्यवस्था के इसी रफ्तार से बाकी बची अवधि में वृद्धि करते रहने की उम्मीद पर आधारित है हमें वित्त वर्ष 2019-20 की दूसरी तिमाही में ग्रोथ रेट में मामूली सुधार की उम्मीद है।इसके अलावा रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की मौद्रिक नीति और उसके अनुरूप बैंकों के तेजी से क्रियान्वयन, न्यूनतम आय सहायता योजना से किसानों की ओर मांग बढ़ने आदि के चलते भी ग्रोथ रेट में फिर से तेजी आने की उम्मीद है।

इसके साथ ही क्रिसिल ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था गंभीर हालत में है,यह हमारे अंदेशे से कहीं ज्यादा व्यापक और गहरा है।अर्थव्यवस्था को लेकर क्रिसिल का यह बयान ऐसे समय में आया है जब देश में आर्थिक सुस्ती की चर्चा हो रही है।सरकार के ताजा आंकड़े के मुताबिक पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में विकास दर 5.8 फीसदी से घटकर 5 फीसदी हो गई है,यह पड़ोसी देश पाकिस्तान की वृद्धि दर 5.4 प्रतिशत से भी कम है।
वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार की किसी एक तिमाही में सबसे सुस्त रफ्तार है।करीब 7 साल पहले यूपीए सरकार में वित्त वर्ष 2012-13 की पहली तिमाही में जीडीपी के आंकड़े 4.9 फीसदी के निचले स्तर पर थे।बता दें कि मोदी सरकार ने अगले पांच साल में देश को 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाने का लक्ष्य रखा है, लेकिन एक्सपर्ट्स का कहना है कि इसके लिए लगातार कई साल तक सालाना 9 फीसदी की ग्रोथ रेट होनी चाहिए।
देश के ऑटो, एफएमसीजी से लेकर टेक्सटाइल इंडस्ट्री तक में सुस्ती का माहौल है।इस वजह से कंपनियां प्लांट बंद कर रही हैं तो वहीं लाखों लोगों की छंटनी हो चुकी है,कमोबेश यही हालात एफएमसीजी और टेक्सटाइल सेक्टर में भी बन रहे हैं।