★मुकेश सेठ★
★मुम्बई★
{राज ठाकरे का विचित्र तर्क, देश की खराब इकॉनामी के चलते मनसे नहीं लड़ेगी आगामी विधानसभा चुनाव!}
[गत लोकसभा चुनाव से भी रही थी दूर मनसे ने दिया था काँग्रेस एनसीपी को समर्थन अब ठाकरे के इस तर्क से पार्टी का बड़ा तबका है नाराज़]

♂÷अगर राजनीतिक दलों में यह भावना फैल जाए कि देश की अर्थव्यवस्था खराब दौर में है तो ऐसे में चुनाव से दूर रहा जाए और फिजुलखर्ची से बचा जाए तो देश की तकदीर बदलने में देरी नहीं लगेगी,लेकिन महाराष्ट्र के मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने अपनी पार्टी के नेताओं को सलाह दी है कि चूंकि देश की इकॉनामी ठीक नहीं है इसलिये आगामी विधानसभा चुनाव से हम सब को दूर रहना चाहिये।
उन्होंने अपने बात के समर्थन में जो तर्क दी है वो उनके ही पार्टी के नेताओं के गले के नीचे नहीं उतर रही है और मनसे का एक बड़ा तबका इस तर्क से नाखुश है।
हालांकि मनसे अध्यक्ष की चुनावी राजनीति से दिलचस्पी किस कदर कम हो गई है कि उसका एक ओर सबूत है कि बीते लोकसभा चुनाव में भी उनकी पार्टी ने नहीं लड़ने का फैसला किया था। बल्कि कांग्रेस और एनसीपी को समर्थन देने की घोषणा की थी। अब जब महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की रणभेरी बजने ही वाली है तभी राज के चुनाव लड़ने से मुकरने को भले ही मनसे पार्टी के मुठ्ठी भर नेता समर्थन कर रहा हो लेकिन एक बड़ा तबका पार्टी के अध्यक्ष के फैसले से नाराज बताया जा रहा है।
पार्टी के एक धड़ा का मानना है कि जिस क्षेत्र में पकड़ मजबूत है वहां से जरुर मनसे को लड़ना चाहिये। जबकि राज ठाकरे का तर्क है कि देश की इकॉनामी खराब दौर से गुजर रही है तो ऐसे में हम सभी को पैसे बचाकर रखना चाहिये चुनाव में फिजुलखर्च करने से बचना चाहिये। अब यह तो राजठाकरे को अंतिम फैसला करना होगा कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में उतरना है या नहीं। लेकिन अभी कुछ ही दिन पहले राज ठाकरे ने दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की थी। जिसके बाद उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर उनसे बातचीत हुई है। जिसमें बीजेपी-शिवसेना को कड़ी टक्कर देने के लिये एक बृहद गठबंधन बनना चाहिये।