★मुकेश सेठ★
★मुम्बई★
{शिवसेना को 5 साल के लिए सीएम पद तो एनसीपी काँग्रेस बनाएंगे अपने-अपने डिप्टी सीएम}
[शिवसेना सीएम समेत 15 पद, एनसीपी गृहमंत्री समेत 14 तो स्पीकर समेत 12 मन्त्री बन सकते हैं काँग्रेस के,17 नवम्बर को दिल्ली में होगी अहम बैठक सोनिया व पवार के बीच]
(सीएम पद पर आदित्य को बिठाने के लिए एनसीपी काँग्रेस नही है तैयार,उद्धव बनेंगे मुख्यमंत्री या होगा चेहरा दूसरा तस्वीर नही है साफ़)
{गडकरी ने कहा राजनीति व क्रिकेट में कब क्या होगा कहा नही जा सकता तो आशीष शेलार ने दिया बयान जय श्रीराम हो गया काम}
♂÷महाराष्ट्र में लगता है शिवसेना एनसीपी व काँग्रेस गठबंधन सरकार बनने का रास्ता साफ हो गया है।
चर्चा है कि लंबी कवायद के बाद शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के बीच सरकार बनाने को लेकर समझौता हो गया है। समझौते के तहत शिवसेना को 5 साल के पूरे कार्यकाल के लिए मुख्यमंत्री पद मिलेगा तो वहीं कांग्रेस-एनसीपी के खाते में एक-एक उपमुख्यमंत्री पद भी आएंगे।
एनसीपी को 14 तो कांग्रेस 12 मंत्री पद दिए जाएंगे।
महाराष्ट्र में सरकार बनने का रास्ता साफ हो गया है।
सरकार बनाने को लेकर महाराष्ट्र में शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के बीच लगातार बातचीत चल रही है,तीनों दलों के बीच कॉमन मिनिमम प्रोग्राम (सीएमपी) को लेकर सहमति बन गई है।इस समझौते के तहत शिवसेना को पूरे कार्यकाल के लिए मुख्यमंत्री पद मिलेगा, जबकि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) को 14 और कांग्रेस को 12 मंत्रीपद मिलेगा।खुद शिवसेना के खाते में भी मुख्यमंत्री पद के अलावा 14 मंत्री पद भी आएंगा।
हालांकि तीनों दलों के बीच हुए समझौते में हिंदुत्व के मुद्दों को शामिल नहीं किया गया है। सीएमपी पर किसानों और युवाओं से जुड़े मामलों पर फोकस करने पर भी सहमति बनी है कुछ मामले ऐसे हैं जिन पर आपसी रजामंदी नहीं बन सकी है।
समझौते में शिवसेना ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी विनायक दामोदर सावरकर को भारत रत्न दिए जाने की मांग की है तो वहीं कांग्रेस-एनसीपी मुसलमानों को 5 फीसदी आरक्षण देने की मांग कर रही है माना जा रहा है कि इन दोनों मुद्दों पर विवाद बना हआ है।
इन राजनीतिक कसरतों के बीच एनसीपी प्रमुख 17 नवम्बर को काँग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से दिल्ली में सरकार गठन के मुद्दे को लेकर अहम मुलाकात करने वाले हैं।
पिछले दिनों काँग्रेस हाईकमान के निर्देश पर दिल्ली से सोनिया गांधी के राजनैतिक सलाहकार अहमद पटेल,मल्लिकार्जुन खड़गे व के सी वेणुगोपाल मुम्बई आकर शरद पवार व उनकी पार्टी के नेताओं के साथ बैठक कर चुके हैं तो वहीं शिवसेना प्रमुख भी होटल में जाकर काँग्रेस के इन नेताओं से मुलाकात किये थे।
मालूम हो कि एनसीपी प्रमुख पवार के द्वारा सरकार गठन में देरी की जाने की काँग्रेस के द्वारा भी उंगली उठाने के बाद एनसीपी ने भी काँग्रेस के द्वारा ऐसे ही आरोप लगाने के बाद शिवसेना अब सीधे काँग्रेस के नेताओं से भी बात कर रही है।
उधर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि राजनीति व क्रिकेट के खेल में कब क्या हो जाये ये कहा नही जा सकता के बयान के निहितार्थ ढूढ़े जा रहे हैं तो गुरुवार को मुम्बई में बीजेपी कोर कमेटी की चल रही तीन दिवसीय बैठक के पश्चात पूर्व कैबिनेट मंत्री आशीष शेलार के द्वारा बैठक से बाहर निकलने पर पत्रकारों के सामने ये कहना कि जय श्रीराम, हो गया काम वाली टिप्पणी को लेकर भी राजनीतिक हलकों में इसके मायने ढूढ़े जा रहे हैं।
महाराष्ट्र में भले ही इस समय मालूम हो कि किसी भी दल के द्वारा सरकार बनाने के आकड़ो को राज्यपाल के सामने पेश न कर पाने की वजह से सूबे में राष्ट्रपति शासन लगा है, लेकिन सरकार बनाने के लिए जोर आजमाइश व बैठकों का दौर अभी भी जारी है।
बीजेपी की तीन दिवसीय अहम बैठक में हिस्सा लेने के बाद बीजेपी भाजपा नेता आशीष शेल्लार जब बाहर आए तो उन्होंने मीडिया से सिर्फ इतना कहा, ‘…जय श्री राम, हो गया काम।
बीजेपी कोर कमेटी की बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के अलावा प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल, सुधीर मुगनवत्तिवार,पंकजा मुंडे, गिरीश महाजन और आशीष शेल्लार,विधा ठाकुर समेत पार्टी के कई नेता शामिल रहे।अधिकतर नेता बैठक खत्म होने के बाद खुश नजर आए, लेकिन आशीष शेल्लार के इस बयान ने सुर्खियां बटोर लीं।
अब ऐसे में आशीष शेल्लार के इस बयान से कई कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या भाजपा को जिस जादुई नंबर की जरूरत थी, वह मिल गया है? क्या भाजपा सरकार बनाने की ओर कदम बढ़ा रही है क्योंकि पिछले दिनों बीजेपी के राज्यसभा सदस्य व पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे ने भी दावा करते नज़र आये थे कि बीजेपी की सरकार बनेगी 145 के जादुई आंकड़े जुटाए जाएंगे।
मालूम हो कि शिवसेना अपने युवा नेता व वर्ली विधायक आदित्य ठाकरे को मुख्यमंत्री बनाने के मुद्दे पर अपनी तीस साल की राजनीतिक सहयोगी बीजेपी से गठबंधन तोड़ लिया तो वहीं एनसीपी व काँग्रेस भी आदित्य ठाकरे को मुख्यमंत्री बनाकर उनके नेतृत्व में सरकार बनाने व चलाने से इनकार कर रही है।कहा जा रहा है कि ऐसे में स्वयं शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री पद सम्भाले या फ़िर शिवसेना के किसी क़द्दावर नेता की क़िस्मत में मुख्यमंत्री बनना लिखा हो यह आने वाले कुछ ही दिनों में सामने आ जाएंगा।