★मुकेश सेठ★
★मुम्बई★
{मुम्बई में शिवसेना प्रमुख ठाकरे ने अपने विधायकों से कहा बीजेपी ने हमे धोखा दिया,NDA से निकाला, फडणवीस ने बोला झूठ}
[एनसीपी काँग्रेस की बैठक में सरकार की रूपरेखा लगभग तय,शरद पवार ने कहा उद्धव ठाकरे बने मुख्यमंत्री, सभी सहमत]
(गडकरी ने कहा सत्ता के लिए बेमेल गठबंधन की होगी सरकार जो ज्यादा नही चलेगी तो राउत ने कसा तंज की अब इंद्र का सिंहासन भी शिवसेना को मिले तो नही जाएगी बीजेपी के साथ)
[राज्यपाल भगत सिंह कोशियारी ने शनिवार को अपना दिल्ली जाने का कार्यक्रम किया रद्द,कल मिल सकते हैं शिवसेना एनसीपी काँग्रेस के नेता गवर्नर से]
♂÷महाराष्ट्र की सत्ता की चाबी किसके हाथ होगी, इसकी तस्वीर अब साफ होने लगी है।
सूत्रों की मानें को कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना के बीच सत्ता का फॉर्मूला तय हो चुका है. बताया जा रहा है कि विधायकों की संख्या के अनुसार मंत्रालयों का बंटवारा किया गया है।इसका मतलब ये कि शिवसेना को मुख्यमंत्री व 15 मंत्री पद,एनसीपी को 15 और कांग्रेस को 12 मंत्री पद दिए जाने की सहमति बनी हैं।इसी के साथ अब ये भी तय हो गया है कि महाराष्ट्र में बीजेपी एकमात्र ऐसी पार्टी होगी जो विपक्ष की कमान संभालेगी।
चर्चा है कि बीजेपी विधायक दल के नेता चुने गए पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की जगह नेता विरोधी दल के लिए पार्टी बीजेपी के प्रदेशअध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल को ये जिम्मेदारी सौंप सकती है।
उधर केंद्रीय मन्त्री नितिन गडकरी ने कहा कि कुर्सी के लिए शिवसेना बेमेल गठबंधन वाली सरकार बनाने जा रही है ये सरकारी ज्यादा दिनों तक नही चलने वाली है।
दरअसल महाराष्ट्र की राजनीति में चार पार्टियां है, बीजेपी, शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस. अब तक बीजेपी-शिवसेना का गठबंधन सत्ता में था जबकि कांग्रेस और एनसीपी विपक्ष में बैठे थे लेकिन अब जब शिवसेना एनडीए का दामन छोड़ कांग्रेस-एनसीपी के पाले में शामिल हो गई है तो बीजेपी ही अकेली ऐसी पार्टी बची है जिसपर विपक्ष का पूरा दारोमदार होगा।
इस बीच आज शुक्रवार को शिवसेना के विधायको की बैठक हुई, विधायकों को संबोधित करते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा बीजेपी ने हमे धोखा दिया,हमे NDA से बाहर निकाला, मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने दीपावली के समय 50-50 फॉर्मूले पर झूठ बोला है।
उन्होंने कहा, दूसरे राज्य में यानी कश्मीर में पीडीपी और कुछ राज्यो में विपरीत विचारधारा के साथ सरकार बना सकते हैं, मुख्यमंत्री पद के लिये समझौता कर सकते है,लेकिन हमारे साथ ऐसा नही करते गठबंधन टूटा तो इसे रोकने के लिये अमित शाह और प्रधानमंत्री ने पहल नहीं की,हमे NDA तक से बाहर निकाला, इसीलिए शिवसेना को ये निर्णय लेने पर मजबूर होना पड़ा। इसी के साथ उन्होंने ये भी कहा कि महाराष्ट्र का मुख्यमत्री शिवसेना से ही होगा।
बता दें, महाराष्ट्र में अब शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस का गठबंधन कि सरकार बनना तय हो चुका है।कुछ ही समय में महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर तीनों पार्टियों के बीच से पर्दा हट जाएगा। अब एक बात लगभग साफ हो चुकी है कि बीजेपी और शिवसेना की राह अलग हो चुकी है लगभग तीस साल के दोस्त अब एक दूसरे के विरोधी बन चुके हैं। शिवसेना सांसद संजय राउत ने शुक्रवार को कहा कि शिवसेना को भगवान इंद्र के सिंहासन का प्रस्ताव मिले तब भी वह भाजपा के साथ नहीं आएगी।राउत ने कहा कि कांग्रेस और एनसीपी के साथ वाला त्रिदलीय गठबंधन जब सत्ता में आएगा तब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री का पद उनकी पार्टी को ही मिलेगा।
अटकलें थी कि भाजपा मुख्यमंत्री पद शिवसेना के साथ साझा करने को तैयार है इस बारे में सवाल पर राउत ने कहा, ‘‘प्रस्तावों के लिए वक्त अब खत्म हो चुका है महाराष्ट्र की जनता शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री बनते देखना चाहती है मैं सीएम नही बनना चाहता हूँ।’’