★मुकेश सेठ★
★मुम्बई★
{दंगे की आड़ में निर्दोष किसान नेताओं को न बनाएं बलि का बकरा कहा बसपा सुप्रीमो व पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने}
[सपाध्यक्ष अखिकेश यादव ने फोन कर बीकेयू किसान नेता राकेश टिकैत से उनका जाना हालचाल, ट्वीट में लिखा भाजपा सरकार कर रही किसानों को प्रताड़ित]
[राष्ट्रपति के अभिभाषण का विरोध 18 दल ने करने की बात कल ही कर दी थी,जिसमे प्रमुख रूप से कांग्रेस,सपा,तृणमूल कांग्रेस,एनसीपी,शिवसेना समेत पार्टियां है आज बसपा ने भी की घोषणा]
(क़ानून मन्त्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार करना दुर्भाग्यपूर्ण तो नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि हम किसानों के साथ)
♂÷बसपा सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट कर कहा है कि पार्टी ने देश के आन्दोलित किसानों के तीन विवादित कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग नहीं मानने व जनहित आदि के मामलों में भी लगातार ढुलमुल रवैया अपनाने के विरोध में, आज राष्ट्रपति के संसद में अभिभाषण का बहिष्कार करने का फैसला लिया है।
कृषि बिल के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन को लेकर सियासत तेज है।दिल्ली में गणतंत्र दिवस पर बवाल के बाद शुरू हुई कार्रवाई को लेकर तमाम विपक्षी दलों ने सरकार को घेराना शुरू कर दिया है।इस बीच बसपा सुप्रीमो मायावती ने ऐलान किया है कि किसानों के समर्थन में आज संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण का उनकी पार्टी बहिष्कार करेगी। मायावती ने कहा कि गणतंत्र दिवस पर दंगे की आड़ में निर्दोष किसान नेताओं का बलि का बकरा न बनाया जाए।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट कर कहा है कि बी.एस.पी. ने देश के आन्दोलित किसानों के तीन विवादित कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग नहीं मानने व जनहित आदि के मामलों में भी लगातार काफी ढुलमुल रवैया अपनाने के विरोध में, आज राष्ट्रपति के संसद में होने वाले अभिभाषण का बहिष्कार करने का फैसला लिया है।
बसपा सुप्रीमो मायावती का ट्वी
साथ ही, कृषि कानूनों को वापस लेकर दिल्ली आदि में स्थिति को सामान्य करने का केन्द्र से पुनः अनुरोध तथा गणतंत्र दिवस के दिन हुए दंगे की आड़ में निर्दोष किसान नेताओं को बलि का बकरा न बनाए। इस मामले में यूपी के बीकेयू व अन्य नेताओं की आपत्ति में भी काफी सच्चाई. सरकार ध्यान दे।

बता दें इससे पहले समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने किसान नेता राकेश टिकैत को फोन कर उनका हालचाल जाना। बातचीत में राकेश टिकैत ने अखिलेश यादव को सेहत का हाल बताया है।बता दें किसान नेता राकेश टिकैत ने गाजीपुर बॉर्डर पर आंदोलन खत्म करने से इनकार कर दिया है।प्रशासन के बात करने पर भी उन्होंने अपना फैसला बदलने से मना कर दिया। देर रात गाज़ियाबाद के दो एडीएम और दो एसपी राकेश टिकैत से बात करने मंच पर पहुंचे थे।एडीएम शैलेन्द्र ने बताया कि वो उनकी तबियत पूछने आए थे अभी तक किसी तरह की कार्यवाही शुरू नहीं है।
फोन पर बात करने के बाद अखिलेश यादव ने ट्वीट कर बताया कि अभी राकेश टिकैत जी से बात करके उनके स्वास्थ्य का हाल जाना। भाजपा सरकार ने किसान नेताओं को जिस तरह आरोपित व प्रताड़ित किया है, वो पूरा देश देख रहा है। आज तो भाजपा के समर्थक भी शर्म से सिर झुकाए और मुंह छिपाए फिर रहे हैं, आज देश की भावना और सहानुभूति किसानों के साथ है।
मालूम हो कि गुरुवार को ही कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गाँधी की पहल पर 18 ढलने राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार करने का निर्णय लिया जिसमें काँग्रेस,एनसीपी,शिवसेना, समाजवादी पार्टी,एनसीपी,त्रिनम काँग्रेस,नेशनल कांफ्रेंस,राष्ट्रीय जनता दल,डीएमके,भाकपा,माकपा, आरएसपी,आईयूएमएल, पीडीपी,एमडीएमके,एआईयूडीएफ, केरल कांग्रेस,आम आदमी पार्टी और शिरोमणि अकाली दल शामिल हैं।
कुल मिलाकर किसान आंदोलन व गणतंत्र दिवस पर देश को शर्मसार करने वाली घटना के बाद बजट सत्र बेहद हंगामेदार रहने वाला है, केंद्र सरकार भी विपक्षियों से निपटने के लिए अपनी जोरदार तैयारी की है।
उधर केंद्रीय क़ानून मन्त्री व बीजेपी प्रवक्ताओं रविशंकर प्रसाद ने कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण का पूरे विपक्ष द्वारा बहिष्कार करना उनका अपमान है।उन्होंने विपक्ष को याद दिलाया कि जब केंद्र में यूपीए की सरकार के दौरान घोटालों के बाद भी कभी भी हमने राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार नही किया था।
क़ानून मन्त्री के बयान के बाद लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष व कांग्रेस सांसद अधीरंजन चौधरी ने कहा कि अभिभाषण का बहिष्कार राष्ट्रपति का अपमान नही माना जाना चाहिए,हम किसानों के साथ खड़े हैं, जब बजट सत्र पर सदन में धन्यवाद प्रस्ताव होगा तो हम बहस करेंगे।